Saturday , November 23 2024

किडनी देकर जीवन बचाने वालों में मातृशक्ति पुरुषों से आगे

-पुत्रों को जीवन देने वाली दो माताओं, पति को किडनी देने वाली पत्‍नी का केजीएमयू में सम्‍मान

-अंतर्राष्‍ट्रीय महिला दिवस और विश्‍व किडनी दिवस की पूर्व संध्‍या पर दिया गया सम्‍मान

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। मातृशक्ति हमेशा से पुरुष के न सिर्फ कंधे से कंधा मिलाकर चली है बल्कि आवश्यकता पड़ने पर अकेले ही वीरता की नई इबारत लिख चुकी है। मां, बहन, पत्नी, बेटी सभी रूपों में अपने त्याग से लोगों के लिए प्रेरणा बनने वाली मातृशक्ति को किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के नेफ्रोलॉजी विभाग ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च) और विश्‍व किडनी दिवस (9 मार्च) की पूर्व संध्‍या पर सम्मानित किया है। सम्मानित की गयी तीन मातृ शक्तियों में दो माताएं और एक पत्‍नी शामिल हैं, माताओं ने अपने पुत्रों को तथा पत्नी ने अपने पति को किडनी देकर उन्‍हें नया जीवन दिया। ज्ञात हो किडनी दान करने में महिलाएं पुरुषों से काफी आगे हैं, 86 प्रतिशत महिलाएं अपनों के लिए अपनी किडनी दान करती हैं।

विभागाध्यक्ष डॉ विश्वजीत सिंह ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों को गुर्दे के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के साथ ही गुर्दा प्रत्यारोपण में किडनी डोनर को सम्मानित करना था। डॉ विश्वजीत सिंह ने गुर्दा प्रत्यारोपण पर नेफ्रोलॉजी विभाग द्वारा किए गए कार्यों की प्रगति की जानकारी दी उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा किडनी के अब तक एक कैडवेरिक तथा तीन लिविंग रिलेटेड डोनर वाले प्रत्यारोपण हो चुके हैं, तथा पांचवें प्रत्‍यारोपण की तैयारी है। उन्होंने बताया कि विश्व गुर्दा दिवस और अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित किए गए आज के कार्यक्रम में अपने पुत्रों को किडनी दान करने वाली दो माताओं और अपने पति को किडनी दान करने वाली पत्नी को शॉल ओढ़ाकर तथा फूलों का गुलदस्ता देकर सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर किडनी को कैसे सुरक्षित रखें, इसके बारे में विशेषज्ञों ने अपने विचार प्रकट किए। विश्व किडनी दिवस पर इस बार विश्व स्वास्थ्य संगठन ने किडनी हेल्थ फॉर ऑल का नारा दिया है। असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर लक्ष्य कुमार ने इस विषय में अपने विचार व्यक्त किए।

असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ दुर्गेश कुमार पुष्कर ने गुर्दा प्रत्यारोपण के लिए महिलाओं के योगदान पर चर्चा की उन्होंने कहा कि 86% महिलाएं गुर्दा दान करती हैं जबकि पुरुषों का प्रतिशत काफी कम है, इसे बढ़ाने की आवश्यकता है। समारोह में प्रोफेसर एसके सोनकर प्रोफ़ेसर तूलिका चंद्रा डॉ विवेक कुमार डॉक्टर सत्यप्रभा डॉक्टर रत्नप्रभा रति प्रभा डॉक्टर रमन कुमार डॉ विशाल पुरिया पुनिया सहित अन्य डॉक्टर उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Time limit is exhausted. Please reload the CAPTCHA.