-लोहिया संस्थान में कीमोथेरेपी से किया गया ट्यूमर का आकार छोटा
-ट्यूमर का आकार छोटा होने के कारण सर्जरी करना संभव हो सका
सेहत टाइम्स
लखनऊ। डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के चिकित्सक ने नयी दिल्ली स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलियरी साइंसेज (आईएलबीएस) के सहयोग से कैंसर से पीड़ित दो साल की बच्ची को नई जिंदगी देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। लोहिया संस्थान में डॉ उपाध्याय के मेडिकल ट्रीटमेंट में कीमोथेरेपी किये जाने के बाद बच्ची की सर्जरी दिल्ली स्थित इंस्टीट्यूट में की गयी। सर्जरी में कैंसरग्रस्त 85 प्रतिशत लिवर को सर्जरी कर निकालने के बाद बच्ची कैंसरमुक्त हो गयी।
मिली जानकारी के अनुसार लखनऊ की रहने वाली 2 साल की बच्ची को लिवर में ट्यूमर की शिकायत के साथ करीब 4 महीने पहले संस्थान में पीडियाट्रिक हेपेटोलॉजिस्ट और गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ पीयूष उपाध्याय के पास रेफर किया गया था। बच्ची की बायोप्सी और सीटी स्कैन के बाद पता चला कि बच्चे को उच्च जोखिम वाला एडवांस स्टेज का हेपेटोब्लास्टोमा (यकृत कैंसर का प्रकार) है।
डॉ पीयूष ने बताया कि शुरुआत में बच्चे के लिए लिवर ट्रांसप्लांट की योजना बनाई गई थी, लेकिन जब सात राउंड की कीमोथेरेपी हो गयी तो देखा गया कि ट्यूमर का आकार कम हो गया, आकार इतना कम हो गया कि उसकी सर्जरी किया जाना संभव था, फिर इसके बाद ट्यूमर लिवर का लगभग 85% भाग निकाल दिया गया, बच्ची का चिकित्सा उपचार के साथ कीमोथेरेपी फ्री उपलब्ध करायी गयी। बच्ची के उपचार के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय से भी दो लाख रुपये की राशि प्राप्त हुई थी।
निदेशक डॉ सोनिया नित्यानंद ने इसे संस्थान के लिए गर्व का क्षण बताया। उन्होंने बताया कि लिवर कैंसर से पीडि़त बच्चों को समय पर अगर रेफर कर दिया जाये तो उनका जीवन बचाया जा सकता है। , डॉ. आरएमएलआईएमएस, प्रो. सोनिया नित्यानंद ने कहा कि यह संस्थान के लिए गर्व का क्षण है और आसपास के लोगों और डॉक्टरों को यह संदेश दिया कि लीवर कैंसर से पीड़ित बच्चों का समय पर रेफरल बच्चे को एक नया जीवन दे सकता है।