-एससी त्रिवेदी मेमोरियल मदर एंड चाइल्ड केयर ट्रस्ट हॉस्पिटल को दिया एचएफओ वेंटीलेटर
-अब आयुष्मान धारक के 700 ग्राम के प्रीमेच्योर शिशु की भी बचायी जा सकेगी जान
सेहत टाइम्स
लखनऊ। माता-पिता के बाद विद्या और वैद्य हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। एलआईसी हाउसिंग एंड फाइनेंस लिमिटेड (एलआईसीएचएफएल) की ओर से प्रीमेच्योर और कम वजन के शिशुओं को बचाने में सहायक हाई फ्रीक्वेंसी ऑसिलेशन वेंटिलेटर शिव चंद्र त्रिवेदी मेमोरियल मदर एण्ड चाइल्ड केयर ट्रस्ट हॉस्पिटल को दान देते हुए खुशी हो रही है। इसके लिए ट्रस्टी डॉ अभिषेक शुक्ला को मैं बधाई देना चाहूंगा कि उन्होंने ट्रस्ट द्वारा किये जा रहे कार्यों को प्रभावी ढंग से हमारे सामने लेकर आये।
यह उद्गार शनिवार 25 फरवरी को यहां अलीगंज स्थित शिव चंद्र त्रिवेदी मेमोरियल मदर एण्ड चाइल्ड केयर ट्रस्ट हॉस्पिटल में आयोजित समारोह में एलआईसी हाउसिंग एंड फाइनेंस लिमिटेड के एमडी और सीईओ वाई विश्वनाथ गौड़ ने मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किये। यह समारोह ट्रस्ट को मिले हाई फ्रीक्वेंसी ऑसिलेशन वेंटीलेटर के मौके पर आयोजित किया गया था। श्री गौड़ ने ट्रस्ट द्वारा किये जा रहे उत्कृष्ट कार्य के लिए डाक्टरों और चिकित्सा कर्मिंयों की पूरी टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि ट्रस्ट के माध्यम से डॉ अभिषेक शुक्ला बच्चों के जीवन को बचाने का काम कर रहे हैं, यह अत्यन्त सराहनीय है। उन्होंने कहा कि अनेक शिशुओं को पैदा होने के बाद विभिन्न कारणों से सर्वाइव करने में परेशानी होती है, ऐसे में उपचार के लिए अत्याधुनिक वेंटीलेटर की महत्वपूर्ण भूमिका है, इस महत्वपूर्ण कार्य में हम अपना योगदान दे पाये, यह हमारे लिए बहुत खुशी की बात है।
एलआईसी हाउसिंग एंड फाइनेंस लिमिटेड ने अपने कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी सीएसआर कार्यक्रम के तहत आज 25 फरवरी को 24,90,633 रुपये के मूल्य का एक हाई फ्रीक्वेंसी ऑसिलेशन वेंटिलेटर स्वर्गीय श्री शिव चंद्र त्रिवेदी मेमोरियल मदर एण्ड चाइल्ड केयर ट्रस्ट हॉस्पिटल को दान किया । एलआईसी हाउसिंग एंड फाइनेंस लिमिटेड के एमडी व सीईओ वाई विश्वनाथ ने मुंबई से लखनऊ आकर हॉस्पिटल परिसर में वेंटीलेटर दान किया।
उन्होंने कहा कि एलआईसी हमेशा से पब्लिक से जुड़ी रहती है, चाहे वह जिन्दगी की बात हो अथवा चिकित्सा स्वास्थ्य की। उन्होंने कहा कि एलआईसीएचएफएल अपनी कॉरपोरेट रिस्पॉन्सिबिलिटी के तहत भारत के अनेक लोगों तक पहुंचती है। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा, शौचालय जैसे अपने विभिन्न प्रोजेक्ट्स के माध्यम से 28 लाख से ज्यादा लोगों तक हम सहायता पहुंचा रहे हैं। उन्होंने कहा कि विशेषकर समाज और स्वास्थ्य के लिए हम हमेशा जरूर कुछ करते रहेंगे।
ट्रस्ट के मुख्य ट्रस्टी डॉ अभिषेक शुक्ला ने सीएसआर फंड के तहत हाई फ्रीक्वेंसी ऑसिलेशन वेंटीलेटर देने के लिए श्री गौड़ का धन्यवाद जताते हुए कहा कि उनके इस सहयोग से गरीब मरीजों को भी यह सुविधा हमारे ट्रस्ट के अस्पताल में मिल सकेगी। उन्होंने इस वेंटीलेटर का महत्व बताते हुए कहा कि इस वेंटीलेटर पर कम वजन यहां तक कि 800 ग्राम से भी कम वजन वाले पैदा हुए शिशुओं को भी रख कर उनकी जान बचायी जा सकती है। उन्होंने कहा कि एक वयस्क एक मिनट में 16 से 20 बार सांस लेता है, जो बच्चे पैदा होते हैं वे 30 से 50 बार सांस लेते हैं, जो बच्चे सात माह के गर्भ से प्रीमेच्योर पैदा होते हैं वे एक मिनट में 300 बार सांस लेते हैं, यदि उन्हें कन्वेंशनल वेंटीलेटर लगाया जाता है तो उसकी क्षमता एक मिनट में 50 से 60 सांस लेने की होती है, ऐसे में जिन बच्चों में फेफड़ों का विकास नहीं होता है, उनके पैदा होने पर साधारण वाले वेंटीलेटर पर रखते हैं तो एक या दो दिनों में बच्चे को न्यूमोनिया हो जाता है और उसकी मृत्यु हो जाती है। अभी हाई फ्रीक्वेंसी ऑसिलेशन टेक्नोलॉजी हमारे देश में नयी है, और इसकी सुविधा बहुत बड़े अस्पतालों में ही है, जहां यह सुविधा बहुत महंगी होने के कारण हर व्यक्ति इसका लाभ नहीं ले सकता है। ऐसे में एलआईसीएचएफएल का मैं बहुत आभार प्रकट करना चाहूंगा कि उनके इस सहयोग से गरीब मरीजों को भी यह सुविधा हमारे ट्रस्ट के शिव चंद्र त्रिवेदी मेमोरियल मदर एण्ड चाइल्ड केयर ट्रस्ट हॉस्पिटल में मिल सकेगी। इस प्रकार की सहायता ऐसे महत्वपूर्ण क्षण में मददगार साबित होगी, जिस क्षण नवजात शिशु के जीवन को बचाने में हर सेकंड मायने रखता है। ट्रस्ट में आयुष्मान भारत योजना और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अन्तर्गत कैशलेश सुविधा उपलब्ध है।
उन्होंने कहा कि इस ट्रस्ट का मुख्य उद्देश्य वंचित महिलाओं और बच्चों के लिए काम करना है। उन्होंने बताया कि हमारे पास एक अत्याधुनिक नियोनेटल इंटेसिव केयर यूनिट है, जो एक समय में कम से कम 1200 ग्राम वजन वाले 10 नवजात और समय से पहले जन्म लेने वाले शिशुओं की देखभाल करने में सक्षम है, लेकिन अब हाई फ्रीक्वेंसी ऑसिलेशन वेंटीलेटर मिलने के बाद हम 700 ग्राम के पैदा हुए बच्चों को भी बचा सकेंगे। उन्होंने बताया कि 21 फरवरी को मशीन इन्स्टॉल हुई थी, उसी दिन बहराइच निवासी पान की दुकान चलाने राधेश्याम के जुड़वा बच्चे साढ़े छह हफ्ते गर्भ वाले प्रीमेच्योर 700 ग्राम वजन के एक लड़का और एक लड़की जो किसी दूसरे अस्पताल में पैदा हुए थे, इनकी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि ये किसी कॉरपोरेट अस्पताल में एक लाख रुपये रोज देकर बच्चों को एनआईसीयू में रखवा पाते, ऐसे में इन्हें हमारे यहां उसी दिन लगाये गये एचएफओ वेंटीलेटर पर रखा गया है, और उनका उपचार चल रहा है।
डॉ अभिषेक ने कहा कि गरीब और जरूरतमंद लोगों की, जिनकी हम धर्मार्थ देखभाल करते है एल0आई0सी0एच0एफ0एल0 के सौजन्य से हमारे पास एचएफओ वेंटिलेटर के साथ सुसज्जित एनआईसीयू है, जिसमें समय से पहले जन्म लेने वाले बच्चों को संभालने की क्षमता है, जिसके माध्यम से ऐसे नवजात शिशुओं जिनके शरीर का वजन बहुत कम है, जिनके फेफड़े अभी भी विकसित नहीं हुए हैं, और जिनके माता-पिता अपने बच्चों विशेष रूप से बालिकाओं के इलाज के लिए महंगे कॉरपोरेट अस्पतालों का खर्च वहन करने में अक्षम हैं, इस प्रकार की सहायता ऐसे महत्वपूर्ण क्षण में मददगार साबित होगी, जिस क्षण नवजात शिशु के जीवन को बचाने में हर सेकंड मायने रखता है। ट्रस्ट में आयुष्मान भारत योजना और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अन्तर्गत कैशलेश सुविधा उपलब्ध है।
समारोह को विशिष्ट अतिथियों जस्टिस अनिल कुमार चेयरमैन सेंट्रल गवर्नमेंट इंडस्ट्रियल ट्रिबुनल, ईपीएफ एंड लेबर कोर्ट, पटेल चेस्ट इंस्टीट्यूट, नयी दिल्ली के पूर्व निदेशक डॉ राजेन्द्र प्रसाद, यूपी संस्कृत सेकेन्डरी एजूकेशन बोर्ड के सदस्य जेपी सिंह ने भी सम्बोधित किया। धन्यवाद प्रस्ताव पूर्व सीएमओ डॉ एके शुक्ला ने रखा। इस मौके पर पूर्व सीएमओ डॉ जेपी यादव, डॉ एके वाखलू, डॉ इंदु वाखलू, डॉ मंजू शुक्ला, डॉ अमिता शुक्ला, डॉ राजीव सहित अनेक चिकित्सक, सीनियर सिटीजन मरीज आदि भी उपस्थित रहे।