-मई में हुई बैठक में मिले आश्वासन के बाद आदेश का इंतजार
सेहत टाइम्स
लखनऊ। संयुक्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ, उप्र ने वर्ष 2016 से लम्बित वेतन विसंगति तथा वर्ष 2018 से लम्बित एन.एच.एम कार्मिकों के लिए बीमा (चिकित्सा एवं दुर्घटना) लागू करने की मांग की है। संघ द्वारा मिशन निदेशक को लिखे गये पत्र में इस विषय पर बीती मई माह में अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में संघ के पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक का भी हवाला दिया गया है।
संघ के महामंत्री योगेश उपाध्याय द्वारा मिशन निदेशक को भेजे गये पत्र में कहा गया है कि मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश के निर्देश के क्रम में 5 मई 2022 को अपर मुख्य सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण की अध्यक्षता में संयुक्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ के प्रतिनिधि मण्डल के साथ हुई बैठक में आश्वस्त किया गया था कि जून माह में, वर्ष 2016 से लम्बित वेतन विसंगति तथा वर्ष 2018 से लम्बित एन.एच.एम कार्मिकों के लिए बीमा (चिकित्सा एंव दुर्घटना) लागू कर दिया जायेगा।
पत्र में लिखा है कि अत्यंत दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि जिन कार्मिकों ने कोविड काल में अपने जीवन और परिवार की परवाह न करते हुए पूर्ण मनोयोग से मुख्य मंत्री के दिशा निर्देशन में कार्यरत करते हुए प्रदेश को कोरोना संक्रमण से मुक्त कराने मे अहम योगदान दिया है, आज उन्हीं में से अनेकों संविदा कार्मिकों की मृत्यु / दुर्घटनाएं लगातार हो रही हैं, जिसमें पीड़ित/मृतक के परिवारों को किसी प्रकार का लाभ न मिल पाने के कारण जीवन यापन कर पाने मे अत्यंत कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। इन परेशानियों को देखते हुए पत्र में वेतन विसंगति और बीमा लागू करने के लिए आवश्यक कार्यवाही करने का अनुरोध किया गया है।