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स्‍वास्‍थ्‍य की रक्षा में धन की कमी आड़े न आये : सुनील यादव

-विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य दिवस पर फार्मासिस्‍ट फेडरेशन ने आयोजित किया सेमिनार

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के अंतर्गत  स्वास्थ्य एक बुनियादी मानव अधिकार है। कभी भी, किसी को भी स्वास्थ्य के सम्बन्ध में जो भी मदद चाहिए, वो बिना किसी वित्तीय कठिनाइयों के उसको मिलनी ही चाहिए, ऐसा न हो कि धन की कमी से किसी को स्वास्थ्य सुरक्षा ना मिल सके।

यह विचार विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर प्रदेश फार्मेसी कौंसिल के पूर्व चेयरमैन एवं फार्मेसिस्ट फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव ने व्‍यक्‍त किये। उन्‍होंने सरकार के साथ आमजन से अपील की कि ‘सभी के लिए स्वास्थ्य (Health for all) ‘ सुनिश्चित करने के लिए निरंतर प्रयास की आवश्यकता है, स्वस्थ समाज का निर्माण करना सरकार का लक्ष्य है, इस प्रयास में सरकार के साथ प्रत्येक नागरिक को भी अपनी भूमिका का निर्वहन करना चाहिए।

संविधान के अनुच्छेद 47 और 21 का सम्मान करते हुए राज्य सरकार द्वारा सभी को  स्वास्थ्य का अधिकार प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य सेवाओं में निजीकरण की प्रक्रिया को रोका जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और आध्यात्मिक तंदुरुस्ती ही स्वास्थ्य है अतः शारीरिक स्वास्थ्य के साथ अन्य स्वास्थ्य कारकों पर भी जागरूक रहना होगा। 

महामंत्री अशोक कुमार  ने  बताया कि इस अवसर पर फार्मेसिस्ट फेडरेशन द्वारा प्रदेश में अनेक जागरूकता कार्यक्रम, सेमिनार आयोजित किए गए। लखनऊ के  पार्कों में सुबह मॉर्निग वॉक करने वाले लोगो को स्वस्थ रहने के टिप्स दिए गए। स्मृति उपवन पार्क में ब्लड प्रेशर, वजन, शुगर की जांच कर सलाह दी गयी।

सेमिनार में साइंटिफिक विंग के चेयरमैन प्रो (डॉ) हरलोकेश ने कहा कि आर्थिक विषमताओं वाले भारत देश मे सभी के लिए स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना अत्यंत कठिन है। गरीबी, अशिक्षा और जागरूकता का अभाव इस उद्देश्य के रास्ते का रोड़ा है।  इसलिए सभी स्वास्थ्य कर्मियों और सरकार को इसे पूरा करने का दृढ़ संकल्प लेना होगा।

रिटायर विंग के अध्यक्ष जय सिंह, सचिव ओ पी सिंह और यूथ विंग के अध्यक्ष आदेश ने कहा स्वास्थ्य के क्षेत्र को पूरी तरह निःशुल्क, गुणवत्तापूर्ण और सर्वसुलभ बनाया जाना आवश्यक है। प्रो संजय यादव ने कहा कि औषधि निर्माण, अनुसंधान के क्षेत्र को और मजबूत करने की आवश्यकता है। 

भारत मे फार्मेसी प्रोफेशनल लगभग 14 लाख से अधिक हैं, और हर साल इसमे बढ़ोतरी हो रही है, सरकारों को इनका प्रयोग स्वास्थ्य क्षेत्र को उच्च स्तर पर ले जाने के लिए करना चाहिए। आज दुनिया मे स्वास्थ्य पर खर्च की वजह से हर साल लगभग 100 मिलियन से अधिक लोगों को अत्यधिक गरीबी में जीने को मजबूर होना पड़ता है। ये लोग कौन हैं और हम उनकी मदद कैसे कर सकते हैं?

फीपो के अध्यक्ष के के सचान ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अधिकांश जनता ग्रामीण क्षेत्रो में निवास करती है, जहां स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर फार्मेसिस्टों की तैनाती कर सभी को स्वास्थ्य देने की दिशा में कदम बढ़ाया जा सकता है। फार्मेसिस्ट जनता को नियमित रूप से स्वास्थ्य सुरक्षा के प्रति जागरूक कर सकते हैं। 

वरिष्ठ उपाध्यक्ष जे पी नायक के अनुसार उचित खान पान, नियमित व्यायाम और समय पर स्वास्थ्य सलाह जीवन को दीर्घायु और स्वस्थ बनाता है।  इंडिया हेल्थ रिपोर्ट के मुताबिक सार्वजनिक स्वास्थ्य की सेवाएं अभी भी पूरी तरह से मुफ्त नहीं हैं । स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्रशिक्षित लोगों की काफी कमी है।  अस्पतालों में बिस्तर की उपलब्धता भी आवश्यकता से कम है। अतः मानव संसाधन बढ़ाये जाने पर सरकार को जोर देना होगा। कार्यक्रम में जिला अध्यक्ष अनिल दुबे, अफजल, शिखा, अभिषेक ने भी संबोधित किया। सुनील यादव ने इस अवसर पर सभी प्रदेश वासियों के अच्छे स्वास्थ्य की कामना की। 

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