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मुंबई के टाटा मेमोरियल के स्‍टैंडर्ड वाला कैंसर हॉस्पिटल बनेगा लखनऊ का केएसएससीआई

-संस्‍थान के शासी निकाय में टाटा मे‍मोरियल के दो लोगों को मनोनीत करने का सुझाव

-निदेशक प्रो धीमन ने एक वर्ष का कार्यकाल पूरा होने पर बतायी प्रगति और योजनाएं

प्रो आरके धीमन

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। यहां स्थित कल्याण सिंह सुपर स्पेशिएलटी कैंसर संस्थान (केएसएससीआई) को मुंबई के मशहूर टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल (टीएमएच) के जैसा सफल बनाने के लिए संस्‍थान के शासी निकाय में टीएमएच के दो लोगों (निदेशक और उप निदेशक) को सदस्‍य के रूप में मनोनीत किये जाने का प्रस्‍ताव सरकार के पास भेजा जा रहा है। मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के निर्देशानुसार हम टाटा मेमोरियल हास्पिटल मुंबई में अपने समकक्षों के संपर्क में हैं ताकि केएसएससीआई में टीएमएच के सफल मॉडल को दोहराया जा सके। उन्‍होंने कहा है कि हम 4 बेड वाले आईसीयू के साथ 4 मॉड्यूलर ओटी चलाने की योजना बना रहे हैं।

यह बात केएसएससीआई के निदेशक प्रो आरके धीमन ने निदेशक के रूप में अपना एक साल का कार्यकाल पूरा होने के मौके पर जारी संदेश में कही है। ज्ञात हो प्रो धीमन एसजीपीजीआई के निदेशक होने के साथ ही यहां का कार्यभार भी सम्‍भाले हुए हैं। उन्‍होंने अपने संदेश में कहा है कि मुझे 17 सितंबर 2022 को कल्याण सिंह सुपर स्पेशिएलटी कैंसर संस्थान के निदेशक के रूप में कार्य करते हुए एक वर्ष पूर्ण होगा, जब मुझे संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान के साथ केएसएससीआई का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया था। इस संस्थान को चलाने के लिए मेरे सामने कई चुनौतियां थीं। यह एक बड़ा संस्थान है, जिसमें कैंसर रोगियों को समर्पित 734 बिस्तरों की क्षमता है और दूसरे चरण में 1250 बिस्तरों की सुविधा के साथ भविष्य विस्तार की परिकल्पना भी है।

प्रो धीमन ने कहा है कि राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के दिशानिर्देश के अनुसार इस संस्थान को उन्नत करने के लिए विभिन्न प्रतिष्ठित कैंसर संस्थानों के सदस्यों से युक्त एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया। समिति में शामिल थे:

(i) डॉ पंकज चतुर्वेदी, टाटा मेमोरियल अस्पताल, मुंबई; (ii) डॉ सत्यजीत प्रधान, टाटा मेमोरियल अस्पताल, बीएचयू, वाराणसी; (iii) डॉ राकेश कपूर, रेडियोथेरेपी विभाग, पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़; (iv) डॉ अंशुमान कुमार, धर्मशिला कैंसर अस्पताल, नोएडा और (v) डॉ सोनिया नित्यानंद, निदेशक, आरएमएल संस्थान, लखनऊ।

 उच्च स्तरीय समिति की अनुशंसा के आधार पर 7 मई 2022 को शासी निकाय की बैठक हुई। जीबी शासनादेश है कि संस्थान को चलाने के लिए कम से कम 64 फैकल्टी, 132 सीनियर रेजिडेंट, 61 जूनियर रेजिडेंट और नर्सिंग व तकनीशियन सहित लगभग 1200 गैर-शिक्षण पदों के सृजन की आवश्यकता है। यह प्रस्ताव मिलने के बाद शासन ने 503 स्थायी गैर शिक्षण स्टाफ और 62 फैकल्टी के पद स्वीकृत किए। इस संस्थान को चलाने के लिए कुल 565 नए पद सृजित किए गए हैं। सभी पदों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है और यह प्रकिया लगभग 4-6 महीने में पूरी हो जाएगी। उन्‍होंने कहा है कि शासी निकाय से मंजूरी मिलने के बाद सभी कर्मचारियों को संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान के अनुसार 7वां वेतन आयोग के अनुसार वेतन दिलाने का प्रस्ताव भी सरकार को भेजा गया है।

प्रो धीमन ने कहा है कि प्रारंभ में, ओपीडी परिसर क्षेत्र में मौजूद माइनर ओटी में ऑपरेशन किए गए और साथ ही रोगियों को ओपीडी परिसर भवन में भर्ती किया गया। मुख्य ओटी ब्लॉक और आईपीडी भवन मरीजों की सेवा के लिए तैयार नहीं था। निर्माण कार्य में तेजी लाने के परिणामस्वरूप ओटी कॉम्प्लेक्स की एक मंजिल जिसमें 8 मॉड्यूलर ओटी, 12 बेडेड प्रीऑप वार्ड और 16 बेडेड पोस्ट ऑप वार्ड शामिल हैं, को 11 जून 2022 से कार्यात्मक बनाया गया था। अब हम दो ऑपरेशन थियेटर चला रहे हैं। इस एक कदम से ऑपरेशन की संख्या दोगुनी हो गई।

इसी तरह आईपीडी (भूतल+5 मंजिल) भवन ने भी 11 जून 2022 से काम करना शुरू कर दिया है। अब 200 बेड वाले इस नए भवन में मरीजों को भर्ती किया जा रहा है। माइक्रोबायोलॉजी लैब और पैलियेटिव देखभाल इकाई ने भी इसी वर्ष काम करना शुरू किया।

उन्‍होंने कहा कि शीघ्र ही 339 बिस्तरों वाले (भूतल +9 मंजिल) आईपीडी ब्लॉक का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा और इस आईपीडी ब्लॉक को चलाने के लिए विभिन्न कर्मचारियों की भर्ती की प्रक्रिया भी चल रही है।

21 अगस्त को कल्याण सिंह की पुण्यतिथि के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कल्याण सिंह सुपर स्पेशिएलटी कैंसर संस्थान के परिसर में उनकी 9 फीट ऊंची प्रतिमा का उद्घाटन किया। एक साल पहले की तुलना में मरीजों की भर्ती , ओपीडी पंजीकरण और ऑपरेशन की संख्या दोगुनी हो गयी है। एक माह में औसतन 60 से 70 रोगियों की भर्ती हो रही है। इसी प्रकार अब ओपीडी पंजीकरण लगभग 350 नए रोगियों के पंजीकरण के साथ एक महीने में 3000 रोगियों तक पहुंच रहा है। शैक्षणिक गतिविधियों के बारे में उन्‍होंने कहा है कि हम बहुत जल्द कम से कम 3 या 4 विभागों में पीडीसीसी पाठ्यक्रम शुरू करेंगे। उन्‍होंने कहा कि केएसएससीआई की एक टीम को टीएमएच मुंबई के कामकाज और राजस्व सृजन के टीएमएच मॉडल का अध्ययन करने के लिए भेजा जायेगा। उनके साथ मेमो आफ अंडरस्टैडिग के अनुसार दोनों पक्ष उचित कामकाज के लिए अक्सर एक-दूसरे के संस्थान आते जाते रहेंगे।

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