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मंगलवार से केजीएमयू के रेजी‍डेंट डॉक्‍टर हड़ताल पर, मरीजों को परेशानी होना तय !

रेजीडेंट्स डॉक्‍टर बोले, सबका वेतन पीजीआई के बराबर, हमारा क्‍यों नहीं ?

लखनऊ। संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में कार्यरत रेजीडेंट्स चिकित्सकों के समान वेतनमान की मांग कर रहें केजीएमयू के रेजीडेंट्स चिकित्सकों ने मंगलवार से कार्य बहिष्‍कार करने का निर्णय कर लिया है। रेजीडेंट्स एसोसिएशन के पदाधिकारी चिकित्सकों का आरोप है कि पीजीआई के समकक्ष वेतनमान की मांग बीते ढाई साल से कर रहें हैं, चिकित्सा शिक्षा मंत्री के आश्वासन के बावजूद हम लोगों को बराबर वेतनमान नहीं मिल रहा है, पूर्व प्रस्तावित कार्यक्रम के तहत मंगलवार सुबह आठ बजे से इमरजेंसी सेवाएं (ट्रॉमा समेत) छोडक़र समस्त चिकित्सकीय सेवाओं का कार्य बहिष्‍कार किया जायेगा।

 

ज्ञात हो कि किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय केजीएमयू के रेजीडेंट चिकित्सकों की कई चरणों में आंदोलन करके के बाद भी उनकी मांग पूरी नहीं हो रही है। रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष डॉ.गनेश यादव का कहना है कि मंत्री से लेकर शासन तक सभी ने वार्ता करके आश्वासन तो दिया लेकिन उसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की है। डॉक्टरों से लेकर कर्मचारियों तक सभी के वेतन पीजीआई के समकक्ष हो गये हैं लेकिन उनकी किसी भी स्तर पर नहीं सुना जा रहा है। उन्होंने बताया कि लगातार पत्र लिखा जा रहा है। मांग पूरी न होने पर रेजीडेंट डॉक्टरों ने शनिवार को भी विरोध जताया था। कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट से मिलने पहुंचे थे लेकिन कुलपति से मुलाकात नहीं हो सकी। इससे नाराज रेजीडेंट डाक्टरों ने कुलसचिव कार्यालय पर प्रदर्शन करने के साथ चेतावनी दी थी कि यदि उनकी मांगों का न पूरा किया गया तो वह मंगलवार से हड़ताल करेंगे। डॉ. यादव ने बताया कि सोमवार को पूरा दिन इस मसले पर केजीएमयू प्रशासन की ओर से कोई पहल न होने मंगलवार से कार्यबहिष्कार का फैसला लिया गया है। उन्होंने बताया कि यह कार्य बहिष्कार सुबह 8 बजे से शुरू होगा। इस दौरान कुलपति कार्यालय पर विरोध जताया जायेगा। उन्होंने कहा कि गभीर मरीजों को कोई दिक्कत न हो इसके लिए इमरजेंसी व आईसीयू सेवाओं को हड़ताल से अलग रखा गया है।

 

यह कहना है केजीएमयू प्रशासन का

 

रेजिडेंट डॉक्टरों की मांग है कि उन्हें पीजीआई के समान वेतन भत्ते दिए जाए, इसके लिए विश्वविद्यालय द्वारा शासन स्तर से पैरवी की जा रही है और प्रयास सकारात्मक हैं। रेजिडेंट से भी अपेक्षा की गई है कि जरूरतमंद मरीजों को ध्यान में रखते हुए शासन के निर्णय आने तक धैर्य रखें और आचरण के विरुद्ध किसी प्रकार का कार्य न करें। कुलपति जी ने भी कल प्रातः रेजीडेंटस को इसी क्रम में वार्ता के लिए बुलाया है।

डॉ. एस.एन. संखवार

प्रवक्ता, के.जी.एम.यू.

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