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जेनेटिक रोगों के क्षेत्र में शोध कार्य साझा करेंगे केजीएमयू व यूके की फाउंडेशन

दोनों संस्‍थानों के बीच एमओयू पर हस्‍ताक्षर

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्‍सा विश्‍वविद्यालय को जीन्‍स के कारण होने वाले रोगों के उपचार और नयी-नयी रिसर्च को लेकर यूनाइटेड किंगडम (यूके) की दि जिनोमिक फाउंडेशन का साथ मिला है। अब केजीएमयू और जिनोमिक फाउंडेशन जेनेटिक मेडिसिन के क्षेत्र में करने वाले शोध कार्य आदि को एक-दूसरे से साझा करेंगे। इससे सम्‍बन्धित मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्‍टैन्डिंग (एमओयू) पर केजीएमयू एवं दि‍ जिनोमिक मेडिसिन फाउण्डेशन, यूनाइटेड किंगडम ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए।

किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय और दि‍ जिनोमिक मेडिसिन फाउण्डेशन, यूनाइटेड किंगडम के बीच एक एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया। इस एमओयू के तहत जिनोमिक अनुप्रयोगों के विकास के लिए दोनों संस्थानों की फैकल्टी एवं छात्र-छात्राएं आपसी लाभ के लिए एक-दूसरे संस्थानों का दौरा कर शोध कार्यों का आदान-प्रदान करेंगे।

इस एमओयू पर केजीएमयू के कुलपति प्रो एमएलबी भट्ट एवं दि‍ जिनोमिक मेडिसिन फाउण्डेशन, यूनाइटेड किंगडम के मेडिकल डायरेक्टर एवं सीईओ प्रो धावेन्द्र कुमार ने हस्ताक्षर कर इस समझौते को अपनी स्वीकृति प्रदान की।

इस समझौते का मुख्य उद्देश्य दोनों संस्थाओं के मध्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में फेलोशिप, स्कॉलरशिप, शिक्षा एवं प्रशिक्षण तथा जिनोमिक्स हेतु समझौते एवं सहभागिता को बढ़ाना है। इस समझौते के तहत दोनों संस्था एक-दूसरे संकाय सदस्यों, विद्यार्थियों को शैक्षिक एवं तकनीकि स्रोत्रों को प्रयोग करने की अनुमति प्रदान देंगे। इसके साथ ही दोनों संस्थानों द्वारा आपसी सहयोग से विभिन्न शोधों को बढ़ावा दिया जा सकेगा। इस अवसर पर मुख्य रूप से डीन, रिसर्च सेल प्रो आरके गर्ग, अधिष्ठाता, छात्र कल्याण, प्रो जीपी सिंह, एसोसिएट प्रोफेसर रेडियोथेरेपी विभाग डॉ सुधीर सिंह सहित अन्य संकाय सदस्य उपस्थित रहे।