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हेड इंजरी का शिकार हुआ निवेश प्राण छोड़ते-छोड़ते कई लोगों की जिंदगी में रंग भर गया

रायबरेली के रहने वाले युवक का 2 जनवरी को बाइक से हो गया था एक्‍सीडेंट

लखनऊ। निवेश इस संसार में न रहते हुए भी दूसरों के शरीर में जिंदा रहेगा। सड़क दुर्घटना में घायल रायबरेली निवासी 25 वर्षीय निवेश मिश्रा की केजीएयमू में ब्रेन डेड होने के बाद मॉ-बाप ने उसके अंगों को जीवित रखने के लिए उसके ऑर्गन डोनेट कर दिये। डॉक्‍टरों द्वारा ऑर्गन डोनेट करने का महत्‍व समझाने के बाद अभिभावकों की सहमति मिलते ही रविवार दोपहर केजीएमयू में ऑर्गन ट्रांसप्लांट यूनिट के विशेषज्ञों की टीम ने आनन-फानन में तैयारी की और तीन बजे ओटी में दोनो किडनी निकाल कर पीजीआई लखनऊ, दोनों कार्निया केजीएमयू के ही नेत्र विभाग के सुपुर्द की गईं जबकि लिवर को दिल्ली के एम्‍स को ग्रीन कारिडोर बनाकर केजीएमयू से मात्र 21 मिनट में एयरपोर्ट से रवाना कर दिया गया।

 

मिली जानकारी के अनुसार रायबरेली में रेस्टोरेंट चलाने वाले का निवेश का एक्सीडेंट 2 जनवरी को रायबरेली में ही सुल्तानपुर की ओर आने वाली रोड पर हो गया था। गमगीन अभिभावकों ने बताया कि निवेश मोटर साइकिल अपाचे से शाम 7.30 बजे आ रहा था, सड़क पर गढढ़़ा देखकर अचानक ब्रेक लगाने से सिर के बल गिर गया था। गिरने से हेड इंजरी हुई थी, जबकि शरीर में अन्य कहीं भी चोट नहीं थी।

 

रायबरेली में प्राथमिक उपचार बाद रात 11 बजे ट्रॉमा सेंटर लेकर आये थे, यहां पर वेंटीलेटर खाली न मिलने पर चरक हास्पिटल में भर्ती कराया अगले दिन वेंटीलेटर खाली होने पर ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया था। इलाज के बाद डाक्टरों ने ब्रेन डेड घोषित किया। केजीएमयू के डॉ.परवेज ने बताया कि निवेश की हालत शुरू से गंभीर बनी थी,  ब्रेन डेड होने के बाद परिवारीजनों को अवगत कराया तो उन्होंने ऑर्गन डोनेशन में सहमति दी, जिसके बाद डॉ अभिजीत चंद्रा के नेतृत्‍व में सर्जरी प्रक्रिया शुरू की गई। अंग निकालने वाले अन्‍य डॉक्‍टरों में डॉ विवेक गुप्‍ता, डॉ विशाल गुप्‍ता, डॉ मनमीत, डॉ परवेज, डॉ प्रदीप जोशी, डॉ साकेत कुमार, डॉ निखिल, डॉ राकेश और डॉ पवन शामिल रहे।

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