-ब्रजेश पाठक व मयंकेश्वर शरण की उपस्थिति में ई-सुश्रुत एचएमआईएस सॉफ्टवेयर के लिए सीडेक के साथ करार
-एसजीपीजीआई, केजीएमयू, लोहिया संस्थान सहित 12 संस्थानों में पहले से है यह सुविधा, अब 34 संस्थानों में मिलेगी
सेहत टाइम्स
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के 22 और सरकारी मेडिकल कॉलेजों में मरीजों का पंजीकरण, डॉक्टर, दवाओं की उपलब्धता, विभिन्न शुल्कों का भुगतान जैसे कार्यों को ऑनलाइन करने की सुविधा ई-सुश्रुत हॉस्पिटल मैनेजमेंट इन्फॉरमेशन सिस्टम (एचएमआईएस) सॉफ्टवेयर के माध्यम से शुरू करने के लिए उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक एवं चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री मंयकेश्वर शरण सिंह की उपस्थिति के बीच आज चिकित्सा शिक्षा विभाग और सीडैक के मध्य मेमोरेण्डम ऑफ एग्रीमेंट का हस्तानांतरण हुआ। ज्ञात हो वर्तमान में संजय गांधी पीजीआई, केजीएमयू, लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान सहित 12 मेडिकल कॉलेजों व संस्थानों में यह सुविधा है। इस प्रकार अब कुल 34 मेडिकल संस्थानों में यह सुविधा हो गयी है।
इस मौके पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के मुख्य प्रेरणास्रोत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दूरदर्शिता एवं सोच के दृष्टिगत चिकित्सा शिक्षा विभाग नित्य नये आयाम छू रहा है। प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में रोगियों एवं चिकित्सकों के कार्यों को सुदृढ़ एवं पारदर्शी करने के लिए ई-सुश्रुत एचएमआईएस प्रणाली का शुभारम्भ किया गया है। ई-सुश्रुत एचएमआईएस सॉफ्टवेयर से रोगी पंजीकरण, भर्ती, डिस्चार्ज, एम्बुलेंस, खाना, दवाइयां, चिकित्सकों का विवरण एवं उपलब्धता इत्यादि को ऑनलाइन सम्पादित किये जा सकेंगे, जिससे रोगियों के उपचार सम्बन्धी सभी कार्य सुगमता एवं पारदर्शिता से सम्पादित किये जा सकेंगे।
श्री पाठक ने कहा कि ई-सुश्रुत एचएमआईएस सॉफ्टवेयर को अपने एण्ड्रायड फोन के प्लेस्टोर से डाउनलोड कर अपना पंजीकरण करके रोगी को काउण्टर पर होने वाली असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा। इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से रोगियों को अस्पताल में किस दिन, कौन से डाक्टरों की उपलब्धता होगी, सारी जानकारी भी उपलब्ध होगी। रोगियों द्वारा विभिन्न प्रकार के शुल्क का भुगतान ऑनलाइन किसी भी माध्यम जैसे कि यूपीआई, नेट बैंकिंग से करके समय की बचत कर सकेगा। चिकित्सीय जांचें, दवाइयों के पर्चे खो जाने की स्थिति में रोगी उक्त सॉफ्टवेयर से अपना हेल्थ रिकॉर्ड स्वयं अपने मोबाइल से पुनः प्राप्त कर सकेगा। अस्पताल में भर्ती रोगियों को उपलब्ध होने वाली सुविधायें जैसे एम्बुलेंस, बेड एलॉटमेंट, लिनेन, भोजन आदि का रिकॉर्ड भी ई-सुश्रुत सॉफ्टवेयर के माध्यम से किया जायेगा जिससे कि इन सभी कार्यों में गहन पारदर्शिता लायी जा सकेगी।
ई-सुश्रुत एचएमआईएस सॉफ्टवेयर से होने वाली सुविधाओं के अन्तर्गत प्रत्येक रोगी का आधार लिंक, आयुष्मान भारत हेल्थ एकाउण्ट (आभा)- यूनिक हेल्थ आई.डी. ई-सुश्रुत साफ्टवेयर से जोड़ा जायेगा जिसके माध्यम से रोगी प्रदेश में किसी भी चिकित्सालय में चिकित्सा संबधी सुविधाओं का लाभ ले सकता है। अस्पतालों में प्रयोग होने वाली औषधियों की मात्रा, उपलब्धता तथा एक्सपायरी डेट इत्यादि का विवरण भी इस ई-सुश्रुत एचएमआईएस सॉफ्टवेयर के माध्यम से डिजिटिलाइज्ड फार्म में सदैव उपलब्ध रहेगा जिससे चिकित्सक मरीजों को अस्पतालों में उपलब्ध दवाइयां आसानी से लिख पायेंगे साथ ही साथ एक्सपायरी दवाइयों की सूची भी आसानी से उपलब्ध होने से उनका निस्तारण समय पर किया जा सकेगा। अस्पताल में भर्ती रोगियों को उपलब्ध होने वाली सुविधायें जैसे एम्बुलेंस, बेड एलॉटमेंट, लिनेन, भोजन आदि का रिकार्ड भी ई-सुश्रुत सॉफ्टवेयर के माध्यम से किया जायेगा जिससे कि इन सभी कार्यों में गहन पारदर्शिता लायी जा सकेगी।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में इस प्रकार की व्यवस्था प्रदेश में मात्र 12 राजकीय मेडिकल कॉलेजों/संस्थानों/विश्वविद्यालयों यथा गोरखपुर, झांसी, कानपुर, प्रयागराज, आगरा, मेरठ, केजीएमयू लखनऊ, यूपीयूएमएस सैफई, जिम्स ग्रेटर नोएडा, आरएमएल लखनऊ, एसजीपीजीआई लखनऊ, मिर्जापुर में हॉस्पिटल मैनेजमेंट इन्फॉरमेशन सिस्टम की व्यवस्था है। आज चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा 22 और मेडिकल कॉलेज में एमओए हस्तांतरण का कार्य सम्पन्न किया गया है तथा भविष्य में उप्र के सभी मेडिकल कॉलेजों में इस प्रकार की व्यवस्था लागू की जायेगी।
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री मंयकेश्वर शरण सिंह कहा कि प्रदेश में विगत 5 वर्षों में मेडिकल कॉलेजों की संख्या में दो गुने से अधिक वृद्धि हुई है। मेडिकल कॉलेजों में ई-सुश्रुत हॉस्पिटल मैनेजमेंट इन्फॉरमेशन सिस्टम (HMIS) लागू होने से मरीजों में काफी आसानी होगी। इस व्यवस्था से मेडिकल कॉलेजों में खाली बेडों की संख्या, डॉक्टरों एवं दवाइयों की उपलब्धता की सही जानकारी मिल सकेगी। इस दौरान प्रमुख सचिव आलोक कुमार, सचिव एवं महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा श्रुति सिंह, कुलपति उप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, सैफई, इटावा डॉ पीके सिंह एवं सीडेक के सदस्य सहित अन्य विभागीय अधिकारीगण उपस्थित थे।