-कीमतों में वृद्धि पर सरकार ने नियंत्रण न लगाया तो होगा देशव्यापी आंदोलन
सेहत टाइम्स
लखनऊ। इंडियन पब्लिक सर्विस इंप्लाइज फेडरेशन ने देश में कमरतोड़ बढ़ती महंगाई को देखते हुए महंगाई भत्ते में 10 प्रतिशत वृद्धि की मांग की है।
इप्सेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष वी पी मिश्र ने चिंता व्यक्त की है कि चार राज्यों के विधानसभा चुनाव संपन्न होने के तत्काल बाद खाद्य सामग्री तेल, घी, शक्कर, पेट्रोल, डीजल और घरेलू गैस की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि कर दी गई है जिसे गरीब एवं मेहनतकश कर्मचारी के परिवार के आवश्यक खर्चे चलाना मुश्किल हो गया है। माहवारी वेतन पाने वाले कर्मचारियों का परिवार चलाना मुश्किल हो गया है।
उन्होंने कहा है कि बढ़ती कीमतों पर रोक लगाने में भारत सरकार का कोई प्रभावी नियंत्रण नहीं लगता है। पूंजीपति जब चाहते हैं दाम बढ़ा देते हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर मूल्य नियंत्रण न किया गया तो इप्सेफ दिल्ली सहित सभी राज्यों में आंदोलन करने को बाध्य होगा।
राष्ट्रीय महामंत्री प्रेमचंद्र ने कहा कि देश भर का मेहनतकश कर्मचारी वैसे ही बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए पौष्टिक आहार आदि नहीं दे पा रहा है। उसे दो रोटी, बिजली, पानी, मकान के खर्चे भी असंभव हो गया है।
राष्ट्रीय सचिव अतुल मिश्रा ने भारत सरकार से मांग की है कि फ्रीज किए गए महंगाई भत्ता की बकाया धनराशि का भुगतान किया जाए तथा देश भर में कैशलेस इलाज की व्यवस्था की जाए। उन्होंने उत्तर प्रदेश में कैशलेस इलाज के सभी कर्मचारियों एवं सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए प्रमाण पत्र तत्काल जारी किया जाए जिससे वे नि:शुल्क इलाज की सुविधा प्राप्त कर सकें।