-केजीएमयू के रेस्पाइरेटरी मेडिसिन विभाग में आधी आबादी को समर्पित रहा पोषण माह और सेवा पखवाड़ा
-महिलाओं के स्वास्थ्य के साथ ही उनके पोषण को लेकर आयोजित हुए विशेष कार्यक्रम, कुलपति ने की सराहना

सेहत टाइम्स
लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में स्थापित पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन सेंटर द्वारा 17 सितम्बर से 30 सितम्बर 2025 तक सेवा पखवाड़ा तथा पूरे सितम्बर माह में पोषण जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डा0 सूर्यकान्त के नेतृत्व में मनाया गया। उन्होंने कहा कि नारी परिवार की धुरी होती है, अकेली नारी पूरे परिवार की देखभाल बहुत सलीके से करती है, इसीलिए ज्यादातर देखा गया है कि जब नारी अस्वस्थ होती है तो पूरा घर अस्तव्यस्त हो जाता है। नारी के स्वास्थ्य का खयाल रखना बहुत आवश्यक है, विभाग में सेवा पखवाड़ा और पोषण माह के दौरान महिलाओं के स्वास्थ्य के साथ ही उनके पोषण पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किये गये। कुलपति डॉ सोनिया नित्यानंद ने नारी स्वास्थ्य के लिए की जा रही सराहनीय पहल के लिए रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग को बधाई दी।
पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन सेंटर के संस्थापक प्रभारी डा0 सूर्यकान्त ने बताया कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस-5) के अनुसार भारत की लगभग 57 प्रतिशत महिलाएँ एनीमिया से ग्रस्त हैं और उत्तर प्रदेश में यह समस्या और भी गंभीर है। साथ ही हमारे देश एवं प्रदेश में काफी संख्या में लड़कियां व महिलायें सांस की बीमारियों से पीड़ित है। इन्हीं तथ्यों को ध्यान में रखते हुए विभाग द्वारा इस अवधि में विशेष स्वास्थ्य एवं पोषण संबंधी सेवाएं प्रदान की गईं तथा महिलाओं की निःशुल्क फेफड़ों की जाँच (पीएफटी), निःशुल्क परामर्श व उपचार, पोषण भत्ता एवं पोषण पोटली वितरण, श्वसन रोग से पीड़ित महिलाओं का डॉट्स केंद्र पर पंजीकरण तथा दीर्घकालिक श्वसन रोग से पीड़ित महिलाओं के लिए निःशुल्क पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन की सुविधा उपलब्ध कराई गई। डा0 सूर्यकान्त ने बताया कि नारी स्वास्थ्य से ही परिवार स्वस्थ और सशक्त हो सकता है। आज इस पोषण माह एवं सेवा पखवाडे़ के समापन के अवसर पर सभी महिलाओं के लिए टीबी एवं पोषण की जानकारी पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया और फल वितरण भी किया गया।
विभाग में संचालित पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन एवं तम्बाकू छुड़ाने के लिए चलाये जा रहे प्रोग्राम के संस्थापक प्रभारी डॉ सूर्य कान्त ने बताया कि इन केंद्रों की सुविधा प्राप्त करने के लिए सोमवार से शुक्रवार प्रातः 9 बजे से सांय 3 बजे तक 9450997669 मोबाइल न0 पर कॉल कर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
सेन्टर आफॅ एक्सीलेंस फॉर ड्रग रेसिस्टेन्ट टीबी केयर के संस्थापक प्रभारी डा0 सूर्यकान्त ने बताया कि विभाग द्वारा एक गांव व स्लम एरिया को भी टीबी मुक्त करने के लिए गोद लिया गया है। विभाग में “निःक्षय मित्र” का कार्यक्रम भी संचालित है, जिसके अंतर्गत 100 से अधिक निःक्षय मित्र बनाये गये है जिसमें 50 से अधिक महिलायें भी शामिल है। निःक्षय मित्रों द्वारा टीबी के मरीजों को अब तक लगभग 1500 से अधिक पोषण पोटली प्रदान की जा चुकी है साथ ही 50 महिला रोगियां को पोषण भत्ता भी प्रदान किया जाता है।
इस जागरूकता सेवा पखवाड़े के आयोजन में पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन टीम का महत्वपूर्ण योगदान रहा। डा0 अंकित कुमार, डॉ. शिवम श्रीवास्तव, डॉ. प्रकृति मिश्रा, डाइटिशियन दिव्यानी गुप्ता और पवन कुमार पांडे की टीम द्वारा रोगियों के फेफड़ों की जांच, रिहैबिलिटेशन सत्रों और पोषण परामर्श प्रदान किया गया।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के शिक्षक डा0 एस के वर्मा, डा0 आर ए एस कुशवाहा, डा0 संतोष कुमार, डा0 राजीव गर्ग, डा0 दर्शन बजाज, डा0 आनन्द श्रीवास्तव, डा0 ज्योति बाजपेयी, समस्त जूनियर डाक्टर्स, समस्त डाट्स कर्मियों का सक्रिय योगदान रहा।


