-नयी बनी कॉलोनियों में भी भारी जलभराव, ड्राइंगरूम में घुसा पानी
-लोग अपने कामों पर नहीं जा सके, एमएलसी ने लिया ट्रैक्टर का सहारा
सेहत टाइम्स
लखनऊ। लखनऊ वालों के लिए बना स्लोगन …मुस्कुराइये कि आप लखनऊ में हैं… आज मुंह चिढ़ाता दिख रहा है, कारण भारी बारिश ने शहर की ड्रेनेज व्यवस्था की पोल खोल दी है। सड़कों पर कमर तक भरे पानी ने लोगों को घरों में कैद कर दिया। जलनिकासी की व्यवस्था के लिए जिम्मेदार स्वयं यह मान रहे हैं कि हालात इतने खराब हैं कि भोर होते-होते 3.45 पर नगर आयुक्त ने जिलाधिकारी को भारी जलभराव की जानकारी दी, जिसके बाद जिलाधिकारी ने कक्षा 12 तक के सभी सरकारी/निजी स्कूलों को शुक्रवार 16 सितम्बर को बंद करने का आदेश दिया, साथ ही अगले दो दिनों के लिए भी अलर्ट जारी किया है।
बारिश और जलभराव के चलते कई घटनाएं हो गयी हैं, जिसमें भारी जान-माल की क्षति हुई है। कुछ घटनाओं की बात करें तो दिलकुशा क्षेत्र में दीवार ढहने से नौ लोगों की मौत, गाजीपुर थाना क्षेत्र में जलभराव से खम्भे में उतरे बिजली के करंट से राशन लेने जा रहे युवक की मृत्यु हो गयी। एक और पॉश इलाके गोमती नगर में रेलवे स्टेशन पर बारिश से निर्माणाधीन रेलवे के कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स की बाउंड्री गिरी जिससे वहां बनी पक्की सड़क भी धंस गयी। हजरतगंज में गोखले मार्ग पर एक होटल की छत गिर गयी, जिसके मलबे में दबकर गार्ड घायल हो गया। जब हादसे हुए तो शासन-प्रशासन हरकत में आया। फिर शुरू हुआ हादसा स्थलों, अस्पतालों में दौरों का सिलसिला।
राजधानी लखनऊ की जानकीपुरम कॉलोनी में जलभराव के बीच ट्रैक्टर से निकले भाजपा एमएलसी पवन सिंह चौहान
जलभराव का आलम यह है कि पुराने लखनऊ ही नहीं, नयी-नयी बसी सरकारी योजनाओं की कॉलोनियों में भारी जलभराव ने लोगों को न सिर्फ घर से बाहर निकलने से रोका बल्कि उनके घरों के लॉन, ड्राइंग रूम तक में भरे पानी ने फर्नीचर, कारपेट जैसी चीजों को बर्बाद कर दिया। नयी बनी कॉलोनियों में एक जानकीपुरम क्षेत्र में रहने वाले लोग अपने-अपने कामों पर नहीं जा सके, चिकित्सक तक अपनी क्लीनिक नहीं पहुंच सके। क्षेत्र में रहने वाले होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ गिरीश गुप्ता अलीगंज स्थित अपने गौरांग क्लीनिक एंड सेंटर फॉर होम्योपैथिक रिसर्च नहीं जा सके, डॉ गुप्ता को प्रदेश के दूसरे जिलों से दिखाने आने वाले करीब 50 मरीजों को आज बिना दिखाये वापस जाना पड़ा। डॉ गुप्ता ने बताया कि घर में ड्रॉइंग रूम में घुसे पानी को आज सुबह चार बजे से निकालने की कोशिश की जा रही है। इनके पुत्र डॉ गौरांग गुप्ता व पुत्री क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट सावनी गुप्ता भी क्लीनिक नहीं जा सके और घरों में कैद रहने पर मजबूर रहे।
इसी क्षेत्र में जलभराव से हुई दिक्कतों की एक और बानगी दिखी एक वायरल वीडियो में, जानकीपुरम में रहने वाले सीतापुर से भारतीय जनता पार्टी के एमएलसी पवन सिंह चौहान ने अपने घर से निकलने के लिए ट्रैक्टर का सहारा लिया। वीडियो में वे ट्रैक्टर पर भारी जलभराव वाली सड़क पर पानी को चीरते हुए जाते दिख रहे हैं। इस बाबत जब पवन सिंह चौहान से ‘सेहत टाइम्स’ ने बात की तो उन्होंने कहा कि जलभराव से परेशान लोगों की मदद के लिए घर से तो निकलना ही था, चूंकि मेरे घर के पास भी भारी जलभराव था, जिसमें कार से निकलना संभव नहीं था, इसलिए ट्रैक्टर का सहारा लिया।
जरूरी कामों से घुटनों और कमर तक पानी के बीच निकलने पर मजबूर व घरों में कैद लोगों का कहना था कि…भाईसाहब कहां से मुस्कुरायें कि हम लखनऊ में हैं…, इतने बड़े-बड़े इंजीनियर और भारी भरकम अमला, जो कॉलोनी की सड़कों, सीवेज व्यवस्था, नालियों का निर्माण करवाता है, आखिर किस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हैं जो इस तरह के दिन देखने पड़ते हैं। जब-जब जमकर वर्षा होती है, यही हाल हो जाता है, इस सीजन में पिछले दिनों भी ऐसा हो चुका है। उनका प्रश्न था कि व्यवस्थाओं के नाम पर करों का बोझ तो नगर निगम नागरिकों पर लाद देता है लेकिन इन दुश्वारियों से जनता को निजात दिलाने में आखिर क्यों पीछे रहता है। लखनऊ को स्मार्ट सिटी बनाने की तैयारी की जा रही है, लेकिन स्मार्ट तो दूर, औसत श्रेणी की व्यवस्था भी नहीं मिल पा रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक से लेकर नीचे तक के नेताओं के अतिरिक्त जिम्मेदार अधिकारियों, कर्मचारियों का घटनास्थल और पीडि़तों के बीच पहुंचने का सिलसिला जारी है, लेकिन सवाल फिर वही मुंह बाये खड़ा है कि आखिर इन हादसों के जिम्मेदार हालातों से निपटने की क्या तैयारी है…