हेल्थ सिटी हॉस्पिटल में लाइव सर्जरी के साथ हुआ सीएमई का आयोजन
लखनऊ। अत्याधुनिक तकनीक से घुटना प्रत्यारोपण पर शुक्रवार को एक दिन की सतत चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) का आयोजन किया गया। सीएमई में मैनचेस्टर यूके से आये सर्जन डॉ फिलिप हर्स्ट ने इस अत्याधुनिक तरीके से की जाने वाली सर्जरी पर एक व्याख्यान प्रस्तुत किया। यह सर्जरी क्षतिग्रस्त घुटने के जोड़ों को बदलने के लिए शरीर को सबसे कम छेदकर या चीरकर की जाने वाली सर्जरी है।
ऑर्थराइटिस फाउंडेशन ऑफ लखनऊ द्वारा चौथे प्रो यूएस मिश्र मेमोरियल सीएमई का आयोजन यहां गोमती नगर स्थित हेल्थ्ा सिटी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में किया गया। सीएमई में उत्तर प्रदेश समेत मध्य भारत के 50 से ज्यादा ऑर्थोपेडिक एवं जोड़ प्रत्यारोपण सर्जन ने हिस्सा लिया। अत्याधुनिक तरीके से घुटना प्रत्यारोपण के बारे में यूके से आये डॉ फिलिप हर्स्ट ने बताया कि यह सर्जरी क्षतिग्रस्त घुटने के जोड़ों को बदलने के लिए शरीर को सबसे कम छेदकर या चीरकर की जाने वाली सर्जरी है। इस सर्जरी में सर्जन द्वारा घुटने के जोड़ों पर काम करने के लिए पूरे घुटने पर छोटे चीरे बनाये जाते हैं। इसके बाद घुटने के जोड़ों के क्षतिग्रस्त भाग को सर्जरी द्वारा हटाया जाता है, तथा एक इम्प्लांट को उसकी जगह लगाया जाता है।
उन्होंने बताया कि महत्वपूर्ण बात यह है कि सर्जन यह सुनिश्चित करता है कि सर्जरी के पूरा होने से पहले इम्प्लांट ठीक तरह से फिट बैठ गया है अथवा नहीं। यही इस सर्जरी में सर्जन की खूबी है कि वह इस बात का गहराई से ध्यान रखे कि इम्प्लांट बिल्कुल ठीक तरह से फिट बैठ जाये। घुटने के प्रभावित हिस्से पर धातु से बना एक नी-कैप (घुटनों पर लगाया एक ढक्कन जैसा आकार) रखा जाता है। इसे जगह पर बनाये रखने के लिए बोन सीमेंट से भरा जाता है। इसके बाद, टांके लगा दिये जाते हैं।
जोड़ प्रत्यारोपण सर्जन डा0 सन्दीप कपूर एवं डा0 सन्दीप कुमार गर्ग ने बताया कि ऑर्थराइटिस फाउंडेशन ऑफ लखनऊ द्वारा लगातार चौथे साल प्रो यूएस मिश्र मेमोरियल सीएमई हमारी हमारे गुरु को एक श्रद्धांजलि है। उन्होंने बताया कि इस साल घुटना प्रत्यारोपण के लिए इस अत्याधुनिक सर्जरी के बारे में लाइव सर्जरी का डिमॉन्सट्रेशन दिखाने का उद्देश्य यही था कि इस सीएमई में भाग लेने वाले विशेषज्ञ अंतरराष्ट़ीय विशेषज्ञ की मौजूदगी एवं उनके सर्जरी के बारे में दी गयी प्रस्तुति से इस सर्जरी के बारे में सीख सकें और अपनी जिज्ञासाओं को विशेषज्ञ डॉ फिलिप के समक्ष रख उसके बारे में जानकारी ले सकें। लाइव सर्जरी के सत्र के बाद अगले सत्र में इस विषय पर चर्चा का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के आयोजन में डॉ एएम सिद्दीकी और डॉ एएस पाण्डेय की महत्वपूर्ण भूमिका रही।