मां के गर्भ में शिशु के निर्माण में अहम भूमिका निभाने वाली नाभि जुड़ी है 72000 से ज्याादा रक्त कोशिकाओं से
लखनऊ। हमारे शरीर में नाभि का एक महत्वपूर्ण रोल होता है शिशु जब मां के गर्भ में आता है तब इसी नाभि के द्वारा उसे बढ़ने के लिए आवश्यक भोजन मिलता है। क्या आप जानते हैं कि इस नाभि के द्वारा बहुत से रोगों को भी ठीक किया जा सकता है। भारत सरकार के आयुष मंत्रालय में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ अजय दुबे बताते हैं कि नाभि हमारे शरीर का बहुत महत्वपूर्ण अंग है। वह बताते हैं कि मनुष्य की मृत्यु के 3 घंटे के बाद तक नाभि में गर्माहट रहती है।
डॉ अजय के अनुसार 62 वर्षीय एक वृद्ध की बायीं आंख की नजर इतनी कमजोर हो गयी थी कि वह विशेषकर रात में बमुश्किल देख पाता था। नेत्र रोग विशेषज्ञ ने उसे देखा तो बताया कि उसकी आंख तो ठीक है लेकिन आंख तक जाने वाली रक्तकोशिका सूख गयी थी। उसे इसी विधि से इलाज करने में फायदा हुआ।
डॉ अजय का कहना है कि नाभि पर पर अलग-अलग प्रकार के तेल लगाने से कई तरह के रोगों को ठीक किया जा सकता है। डॉ अजय के अनुसार आंखों का सूखापन, कमजोर नजर, पैंक्रियाज का कम या ज्यादा काम करना, फटी हुई एड़ियां, फटे हुए होठ, घुटने का दर्द, त्वचा का सूखापन, जोड़ों में दर्द आदि रोगों में नाभि के द्वारा घरेलू इलाज किया जा सकता है। यही नहीं चमकदार चेहरा, चमकदार बाल के लिए भी नाभि में तेल का प्रयोग किया जा सकता है।
कमजोर नजर, नाखूनों में फंगस, आंखों का सूखापन, त्वचा का रूखापन व़ चमकदार बालों के लिए
डॉ अजय के अनुसार नाभि हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण भाग है नाभि के पीछे PECHOTI होता है। यह PECHOTI 72,000 छोटी-छोटी ऱक्त कोशिकाओं से तैयार होता है ये कोशिकाएं शरीर के विभिन्न भागों से जुड़ी रहती हैं। कमजोर नजर, नाखूनों में फंगस लगने पर, आंखों का सूखापन होने पर, त्वचा का रूखापन दूर करने के लिए तथा चमकदार त्वचा और चमकदार बालों के लिए रात को सोते समय तीन बूंद देशी घी या नारियल के तेल अपनी नाभि पर लगा लें तथा इसे नाभि के डेढ़ इंच चारों ओर फैला लें।
घुटनों में दर्द के लिए
इसी प्रकार घुटने के दर्द के लिए कैस्टर ऑयल की तीन बूंदे नाभि पर लगा लें तथा नाभि के चारों ओर डेढ़ इंच तक इस ऑयल को फैला लें।
कंपकंपी, सुस्तीे, जोड़ों के दर्द और सूखी त्वचा के इलाज के लिए
इसी प्रकार कंपकंपी, सुस्ती, जोड़ों के दर्द और सूखी त्वचा के इलाज के लिए सोते समय नाभि पर तीन बूंदें सरसों के तेल की लगाकर उसे नाभि के डेढ़ इंच तक चारों ओर फैला लें, फर्क देख लें।