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नेताजी सुभाषचंद्र बोस को अविभाजित भारत का प्रथम प्रधानमंत्री घोषित करे सरकार : डॉ सूर्यकान्‍त

-सुभाष चंद्र बोस जयंती पर गौरव संस्‍थान ने किया जनसभा का आयोजन

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। आज 23 जनवरी को भारत के महान सपूत नेताजी सुभाष चंद्र बोस की पुण्य जयंती पर सांस्कृतिक गौरव संस्थान द्वारा नेताजी सुभाष चौक लखनऊ में एक जनसभा का आयोजन किया गया।

नेताजी की मूर्ति पर माल्यार्पण करते हुए संस्‍थान के अध्यक्ष डॉ. सूर्यकान्त ने भारत के प्रधानमंत्री और भारत की संसद से यह मांग की है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस को अविभाजित भारत का प्रथम प्रधानमंत्री घोषित किया जाए। ज्ञात रहे कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने  अविभाजित भारत को स्वतंत्र घोषित किया था और इसके साथ ही उन्होंने भारत का झंडा भी लहराया था, इसकी करेंसी भी जारी की गई थी और 11 देशों ने भारत को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में उस समय मान्यता भी दी थी।

उन्‍होंने कहा कि आज 23 जनवरी को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंडमान निकोबार में 22 आइलैंड हैं, उसमें से एक रॉस आईलैंड का नाम जो सबसे बड़ा आईलैंड है, का नाम पहले ही नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाम पर कर दिया था और आज उन्होंने 21 बचे हुए  द्वीपों को भारत के  परमवीर चक्र विजेताओं जैसे कि सोमनाथ शर्मा और मनोज पांडे जैसे 21 परमवीर चक्र विजेताओं के नाम कर दिए हैं। डॉ सूर्यकांत ने कहा कि इस प्रकार अब हम कह सकते हैं कि आज भारत के अंडमान निकोबार आइलैंड में कोई भी  द्वीप किसी विदेशी नाम पर नहीं है, पूरे 22 के 22 द्वीप भारत के वीर सपूतों के नाम हैं यही है असली आजादी।

इस अवसर पर सांस्कृतिक गौरव संस्थान के सचिव बाबू मिश्रा और इसके साथ  ही सांस्कृतिक गौरव संस्थान के  अनेक कार्यकर्ता, डॉ रवीश कुमार, सूर्यभान विश्वकर्मा तथा बहुत सारे लोग जन समूह में उपस्थित हुए और नेताजी को माल्यार्पण कर पुष्प चढ़ाकर उनको श्रद्धांजलि दी। वक्‍ताओं ने कहा कि‍ नेताजी सुभाष चंद्र बोस वो थे जिन्होंने कहा था तुम मुझे  रक्त दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा। वह असली भारत की लड़ाई लड़ रहे थे और इसलिए आज इतने साल बीत जाने के बाद भी हम सब नेताजी को अपना आदर्श मानते हैं, उनको याद करते हैं। इस कार्यक्रम से पहले करीब 500 लोगों ने एक तिरंगा यात्रा निकाली जो शहर के विभिन्न स्थानों से होती हुई सुभाष चंद्र बोस की स्मृति में उनको याद करती हुई सुभाष चौक पर पहुंची, जहां उन्‍हें श्रद्धांजलि दी गयी।

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