बिना कट ऑफ लागू किये रिजल्ट जारी करने के मामले में काररवाई पर स्पष्ट किया स्वास्थ्य मंत्री ने
लखनऊ. उत्तर प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने स्पष्ट किया है कि एनएचएम के तहत नर्स और एएनएम की परीक्षा के रिजल्ट में हुई गड़बड़ी के लिए हटाये गए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) जीएम मानव संसाधन का निलंबन नहीं किया गया है, उनकी सेवायें समाप्त कर दी गयी हैं. यह बात आज प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने एक प्रश्न के उत्तर में कहीं.
ज्ञात हो परीक्षा में कट ऑफ न लागू करने की चूक मानते हुए इसके लिए जिम्मेदार जीएम एचआर संदीप सक्सेना को हटाते हुए सरकार की ओर से मीडिया को यह बताया गया कि जीएम एचआर का निलंबन कर दिया गया है. इस बारे में जब आज स्वास्थ्य मंत्री से पूछा गया कि संविदा पर कार्यरत जीएम का निलंबन कैसे हो सकता है क्योंकि नियम यह है कि संविदा पर काम करने वाले कर्मचारी या अधिकारी का निलंबन नहीं किया जाता है, उसे सीधे हटा दिया जाता है, इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने स्पष्ट किया कि उनका निलंबन नहीं किया गया है, उन्हें हटा दिया गया है.
जब उनसे पूछा गया कि इस गड़बड़ी के लिए जीएम एचआर को सिर्फ हटाया गया जबकि किसी और के खिलाफ कोई काररवाई नहीं की गयी. इस पर उनका कहना था कि चूँकि बाकी प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है सिर्फ कट ऑफ लागू किये बिना रिजल्ट अपडेट कर दिया गया था. इसलिए इसके लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार व्यक्ति के खिलाफ ही काररवाई की गयी है. उन्होंने बताया कि अब फिर से कट ऑफ लागू करते हुए संशोधित परिणाम भी जारी कर दिया गया है.
ज्ञात हो बीते 5 नवंबर को एनएचएम के तहत नर्स समेत अन्य पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित की गई थी। बीती 22 दिसंबर को परीक्षा परिणाम घोषित किया गया है, जिसमें भारी गड़बड़ी सामने आई थी. इसके अनुसार उत्तीर्ण होने के लिए जरूरी अंक तक न पाने वाले आवेदकों का चयन कर लिया गया जबकि 50 प्रतिशत से भी ज्यादा नंबर पाने वालों को फेल कर दिया गया है. एनएचएम के तहत प्रदेश भर में एएनएम, स्टाफ नर्स, पीआरओ, लैब टेक्नीशियन और लैब अटेंडेट के करीब 4688 पदों पर संविदा के तहत भर्ती के लिए 22 जुलाई, 2017 को वैकेंसी निकाली गई थी। इनमें एएनएम पदों के लिए 2809 पद, स्टॉफ नर्स पदों के लिए 1386 पद, पीआरओ के लिए 18 पद तथा लैब टैक्नीशियन के 409 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला गया था.