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संजय गांधी पीजीआई में तीमारदार की पिटाई के प्रकरण में चार सुरक्षा कर्मी निष्कासित

-प्रारम्भिक जांच के बाद त्वरित कार्रवाई करते हुए संस्थान प्रशासन ने लिया निर्णय

-उप मुख्यमंत्री ने लिया घटना का संज्ञान, एक सप्ताह में जांच रिपोर्ट प्रेषित करने के दिये हैं निर्देश

सेहत टाइम्स

लखनऊ। संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ में कल शाम रोगी के तीमारदार के साथ हुई मारपीट वाली घटना में प्रारंम्भिक जांच करते हुए संस्थान ने त्वरित निर्णय लेते हुए चार सुरक्षा कर्मियों को निष्कासित कर दिया है। एसजीपीजीआई में तैनात गार्डों द्वारा मरीज के तीमारदारों से गाली-गलौज एवं मारपीट की घटना का डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने संज्ञान लेते हुए प्रकरण की जांच कर एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट प्रेषित करने के निर्देश अस्पताल प्रशासन को दिए हैं।

संस्थान के रजिस्ट्रार एवं नोडल अधिकारी सुरक्षा कर्नल वरुण बाजपेई ने बताया कि उत्तर प्रदेश पूर्व सैनिक कल्याण निगम से संबंधित चार सुरक्षा कर्मियों को तत्काल प्रभाव से निष्कासित कर दिया गया है। इसके साथ ही फैक्ट फाइंडिंग कमेटी का भी गठन किया गया है, जो 3 दिनों के अंदर इस मामले की विस्तृत जांच करते हुए अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।

संस्थान के निदेशक प्रोफेसर आर के धीमन ने इस बात पर जोर दिया है कि संस्थान में सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता हो, पर साथ ही मरीजों और तीमारदारो का समुचित खयाल भी रखा जाए।

ज्ञात हो सोमवार 23 सितम्बर को गोसाईगंज थाना क्षेत्र के सठवारा गांव में रहने वाले अनिकेत सिंह अपनी नानी गायत्री देवी के इलाज के लिए एसजीपीजीआई पहुंचे थे। डॉक्टर को दिखाने के बाद वे बेसमेंट में बने एचआरएफ में दवा लेने के लिए लाइन में लग गए। कुछ देर बार अनिकेत टॉयलेट गए और अपने मामा आशुतोष सिंह को लाइन में खड़ा कर दिया। बताते हैं कि कुछ देर बाद एक गार्ड आया और आशुतोष से पर्ची दिखाने की बात कही। आशुतोष ने कहा कि पर्ची भांजे अनिकेत के पास है। आरोप है कि गार्ड ने गाली-गलौज करते हुए मारपीट कर दी। मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल एवं खबर समाचार पत्रों में प्रकाशित हुई। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने इसका संज्ञान लिया और प्रकरण की जांच के आदेश जारी किए।

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