Sunday , November 24 2024

केजीएमयू में पहली बार बिना चीरा लगाये ईयूएस विधि से हुआ पैंक्रियाटिक स्यूडोसिस्ट का इलाज

-डॉ अनिल गंगवार की टीम ने सिर्फ 10 मिनट में किया उपचार, दूसरे दिन मरीज को दे दी छुट्टी

सेहत टाइम्‍स  

लखनऊ। केजीएमयू के  गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग में अग्नाशय में स्यूडोसिस्ट का इलाज पहली बार ईयूएस (इंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड सिस्टोगैस्ट्रोस्टॉमी) विधि‍ से किया गया। अब तक इसके इलाज के लिए पाइप डालकर या सर्जरी करनी पड़ती थी। 

इलाहाबाद निवासी 22 वर्षीय हर्षित यादव को  पैंक्रियाटाइटिस( अग्नाशय मे सूजन) होने के कारण उनके पेट में अग्नाशय  के आसपास सड़न से बहुत ज्यादा गंदगी जमा हो गई थी, जिसके कारण पेट में लगातार दर्द, बुखार, उल्टी और खाना खाने में असमर्थता हो रही थी इस स्यूडोसिस्ट  के कारण आसपास की खून की नसें भी बंद हो गई थी,  इसके लिए मरीज ने केजीएमयू के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग में सहायक आचार्य डॉ अनिल गंगवार को दिखाया।

मरीज की सहमति से इंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड विधि से पेट के द्वारा मेटल स्टेंट डाला गया इस विधि में केवल 10 मिनट का समय लगा मरीज पूरी तरह स्वस्थ है और उसको दूसरे दिन छुट्टी भी दे दी गई। डॉ अनिल गंगवार ने बताया कि इस विधि को इंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड सिस्टोगैस्ट्रोस्टॉमी कहा जाता है। टीम में डॉ संजीव, डॉ कृष्ण पाल कोहली, टेक्नीशियन जितेंद्र और एनेस्थीसिया विभाग से डॉ नवीन मौजूद रहे। केजीएमयू  कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. बिपिन पुरी और गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ सुमित रूंगटा ने खुशी जताते हुए पूरी टीम को बधाई दी है।

क्या होता है पैंक्रियाटाइटिस

डॉ. अनिल गंगवार ने बताया कि पैंक्रियाटाइटिस घातक एवं जटिल बीमारी होती है। यह मुख्यतः पित्त की थैली में पथरी एवं शराब के सेवन से होता है। इस बीमारी में पैंक्रियाज के आस-पास मवाद (पस) इकठ्ठा हो जाता है जो आगे चल कर बहुत सी समस्या को जन्म देता है। सर्जरी से  जटिलता को कम करने के लिए एंडोस्कोपी विधि से इलाज किया गया। इसमें सिर्फ लगभग 10 से 20 मिनट का समय लगता है। इस प्रक्रिया में मरीज को भर्ती करना पड़ता है तथा यह प्रक्रिया गंभीर मरीजों में भी की जा सकती है, जिनमें सर्जरी जोखिम भरा कार्य होता है। एंडोस्कोपिक अल्ट्रासाऊंड की सभी सुविधाएं केजीएमयू में उपलब्ध हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Time limit is exhausted. Please reload the CAPTCHA.