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बिहार हाईकोर्ट की सख्‍ती के बाद क्‍लीनिकल स्‍टेब्लिशमेंट एक्‍ट के अनुपालन के निर्देश

-अवैध चिकित्‍सा संस्‍थानों का संचालन बंद करने की आम सूचना जारी

लखनऊ/पटना। पटना हाईकोर्ट के कड़े रुख के बाद बिहार सरकार ने राज्‍य में अवैध रूप से चल रहे क्‍लीनिक, नर्सिंग होम, अस्‍पताल, लेबोरेटरी, जांच घर, डायग्‍नोस्टिक सेंटर को बंद करने का आदेश दिया है। इस सम्‍बन्‍ध में सरकार ने कोर्ट के आदेश के अनुपालन का हवाला देते हुए आम सूचना जारी की है।

आपको बता दें कि इंडियन एसोसिएशन ऑफ पैथोलॉजिस्‍ट्स एंड माइक्रोबायोलॉजिस्‍ट्स की बिहार सरकार के खिलाफ याचिका पर पटना हाईकोर्ट ने बीती 9 दिसम्‍बर को नियम विरुद्ध तथा अवैध रूप से संचालित क्‍लीनिक, नर्सिंग होम, अस्‍पताल, लेबोरेटरी, जांच घर, डायग्‍नोस्टिक सेंटर को बंद करने का आदेश पारित करते हुए अपने आदेश के अनुपालन के लिए राज्‍य सरकार को एक सप्‍ताह का समय दिया था।

अपने आदेश का अनुपालन न होने पर कोर्ट ने एक सप्‍ताह का और समय देते हुए साथ इस बारे में सूचना देने के लिए स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के प्रमुख सचिव को स्‍वयं अदालत में उपस्थित होने का भी आदेश दिया था। 19 दिसम्‍बर की तारीख पर विभाग के सचिव लोकेश कुमार ने अदालत को बताया कि प्रमुख सचिव अवकाश पर हैं इसलिए वह कोर्ट में उपस्थित हुए हैं, सचिव द्वारा यह भी कहा गया कि कोर्ट के आदेश का अनुपालन अगले दो दिनों में हो जायेगा।

इसी क्रम में बिहार सरकार के स्वास्‍थ्‍य विभाग के अपर सचिव डॉ राजीव कुमार की ओर से जारी आम सूचना में कहा गया है कि राज्य में स्थित नर्सिंग होम क्लीनिक अस्पताल लैबोरेट्री जांच घर डायग्नोस्टिक सेंटर आदि द्वारा उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए राज्‍य में नैदानिक स्थापन (रजिस्ट्रीकरण एवं विनियमन) अधिनियम 2010 एवं इसके अधीन निर्मित नियमावली 2012 एवं संशोधन नियम 2018 तथा बिहार नैदानिक स्थापन नियमावली 2013 प्रवृत्त है।

सूचना में कहा गया है कि ऐसे सभी क्‍लीनिक, नर्सिंग होम, अस्‍पताल, लेबोरेटरी, जांच घर, डायग्‍नोस्टिक सेंटर जो अवैध रूप से संचालित है को भविष्य में संचालन की अनुमति नहीं दी जा सकती है क्योंकि यह नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, किसी को भी मानव के स्वास्थ्य एवं जीवन के साथ खिलवाड़ की अनुमति नहीं दी जा सकती है। ऐसे सभी पैथोलॉजी लैबोरेट्री जांच घर नर्सिंग होम क्लीनिक जो मानकों के अनुरूप संचालित नहीं है या अवैध रूप से संचालित है, को बंद करने का आदेश दिया गया है।