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अस्पतालों की इमरजेंसी में डॉक्टरों की कमी को पूरा करने का रास्ता निकाला

चिकित्‍सकों की अनेक समस्‍याओं के समाधान के लिए पीएमएस संघ के साथ स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री की तीन घंटे बैठक
जय प्रताप सिंह

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। उत्‍तर प्रदेश के अस्‍पतालों की इमरजेंसी में इमरजेंसी मेडिकल ऑफीसर (ईएमओ) की कमी को पूरा करने के लिए अब नयी नियुक्ति वाले चिकित्‍सकों को ईएमओ पद पर तैनात किया जायेगा। यह निर्देश राज्‍य के चिकित्‍सा स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्री जय प्रताप सिंह ने दिये हैं। उत्‍तर प्रदेश में सार्वजनिक अवकाशों पर ओपीडी को बंद रखने, सीएमओ व सीएमएस पदों पर योग्‍य अधिकारियों की तैनाती की प्रक्रिया तय करने, एसएसीपी भेजने, प्रोन्‍नति की समय सीमा तय करने जैसे अनेक मसलों पर आज स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने आज प्रांतीय चिकित्‍सा सेवा संघ के पदाधिकारियों के साथ लम्‍बी बैठक की।

यह जानकारी देते हुए संघ के अध्‍यक्ष डॉ सचिन वैश्‍य और महामंत्री डॉ अमित सिंह ने बताया कि मंत्री जय प्रताप सिंह के साथ ही प्रमुख सचिव, सचिव, महानिदेशक तथा अन्य अधिकारियों के साथ करीब तीन घंटे तक गंभीरता के साथ विस्‍तृत चर्चा हुई, उन्‍होंने हमारी एक-एक बात को ध्‍यान से सुना और समझा। इस चर्चा में प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ के अध्यक्ष डॉ सचिन वैश्य के साथ महासचिव डॉ अमित सिंह, उपाध्यक्ष (मुख्‍यालय) डॉ विकासेंदु अग्रवाल, डॉ आशुतोष दुबे (संपादक) एवं डॉ मोहित सिंह (वित्त सचिव) उपस्थित रहे।

एसएसीपी 20 नवम्‍बर तक जारी करने के निर्देश

डॉ सचिन ने बताया कि इस बैठक में जिन मसलों पर वार्ता हुई उनमें समस्त स्तर की एसएसीपी 20 नवंबर तक जारी करने के निर्देश मंत्री द्वारा दिये गए। इसी प्रकार विभागीय प्रोन्नतियाँ 30 नवम्बर की समय-सीमा तक करने के निर्देश मंत्री द्वारा तय सीमा के भीतर दिए गए।

इसके अलावा सीपीएस डिप्लोमा एवं पुराना डिप्लोमा रजिस्ट्रेशन में वित्त विभाग एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग से आ रहे व्यवधान में मंत्री द्वारा स्वयं हस्तक्षेप करने की बात कही गयी। इसके अतिरिक्‍त विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती प्राथमिकता के आधार पर जनपद स्तरीय चिकित्सालयों में करने के निर्देश दिए गए।

दंत संवर्ग की एसएसीपी का प्रस्‍ताव 15 नवम्‍बर तक भेजने के निर्देश

दंत संवर्ग की एसएसीपी का प्रस्ताव महानिदेशालय से 15 नवंबर तक भेजने के निर्देश दिए गए। निचले स्तर के प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा निरीक्षण पर मंत्री ने रोष प्रकट किया तथा ऐसा न होने देने के लिए निर्देश दिए। स्नाकोत्तर अध्ययन के लिए गए चिकित्सकों को पूर्ण वेतन देने का प्रस्ताव प्रेषित करने के लिए महानिदेशक को निर्देशित किया गया।

डॉ सचिन ने बताया कि पोस्ट मार्टम भत्ता/ग्रामीण भत्ता/वाहन भत्ता की पत्रावली जो कि वित्त विभाग में लंबित है, को वित्त विभाग से वार्ता कर गतिमान करने के लिए निर्देश दिए गए। चिकित्सकों की क्षमता संवर्धन हेतु सेमिनार/सीएमई/प्रशिक्षण इत्यादि में भेजने के लिए प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया गया।

सार्वजनिक अवकाशों पर ओपीडी भी बंद रखने पर होगा विचार

एक और महत्‍वपूर्ण विषय पर राजकीय अवकाशों पर ओपीडी की अनिवार्यता पर भी चर्चा हुई इस पर मंत्री ने इस व्‍यवस्‍था को समाप्त करने के लिए संघ के प्रस्ताव पर सत्ता के सर्वोच्च स्तर से वार्ता कर निर्णय लेने का आश्वासन दिया। संघ का कहना था कि इमरजेंसी को और सुदृढ़ करके सार्वजनिक अवकाशों पर ओपीडी बंद की जा सकती है।

मंत्री ने वीआईपी ड्यूटी का व्यावहारिक प्रोटोकॉल बनाने तथा वीआईपी ड्यूटी के दौरान चिकित्सा अधिकारियों को उचित सुविधायें प्रदत्त कराने के निर्देश दिए गए।

डॉ अमित ने बताया कि जनपद स्तरीय चिकित्सालयों में आकस्मिक चिकित्सा अधिकारियों की कमी को देखते हुए नवीन तैनात होने वाले चिकित्‍सकों को आवश्यकता अनुसार इमरजेंसी मेडिकल ऑफीसर के पद पर तैनात करने हेतु निर्देश दिए गए।

इसके अलावा जर्जर आवासों की मरम्मत कार्ययोजना बनाते हुए शीघ्र अति शीघ्र करने हेतु निर्देश दिए गए तथा इस वर्ष की एसीआर प्रक्रिया 31 दिसंबर तक पूर्ण करने के आदेश दिए गए। साथ ही विगत दस वर्षों की एसीआर का डिजिटलाइजेशन मार्च 2020 तक पूर्ण करने के निर्देश दिए गए।

सीएमओ/सीएमएस की तैनाती के लिए तैयार होगी प्रक्रिया

मंत्री ने जनपद स्तरीय मुख्‍य चिकित्‍सा अधिकारी (सीएमओ) तथा अस्‍पतालों में मुख्‍य चिकित्‍सा अधीक्षक (सीएमएस) के पदों पर योग्य अधिकारियों की तैनाती की प्रकिया स्थापित करने के लिए संघ से सुझाव मांगे हैं। इसके अलावा ऐच्छिक सेवानिवृत्ति के मुद्दे पर सकारात्मक रुख रखते हुए शीर्ष स्तर से वार्ता करके निर्णय लेने का आश्वासन दिया गया।