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Exclusive चौंकाने वाला परिणाम : सिर्फ 50 दिनों में होम्‍योपैथिक दवाओं से गायब हुई अंडाशय की रसौली

-जी.सी.सी.एच.आर. के डॉ गिरीश गुप्‍ता अब तक ओवेरियन सिस्‍ट के 655 केस ठीक कर चुके
अल्‍ट्रासाउन्‍ड रिपोर्ट पहले 

धर्मेन्‍द्र सक्‍सेना

लखनऊ। गौरांग क्‍लीनिक एंड सेंटर फॉर होम्‍योपैथी रिसर्च (जी.सी.सी.एच.आर.) के संस्‍थापक डॉ गिरीश गुप्‍ता ने 35 वर्षीय महिला की ओवेरियन सिस्‍ट (अंडाशय की रसौली) होम्‍योपैथिक दवा से सिर्फ 50 दिनों में समाप्‍त करने में सफलता हासिल की है। आपको बता दें कि डॉ गुप्‍ता अब तक कई प्रकार के रोगों के सफल उपचार पर रिसर्च कर चुके हैं जो कि इंटरनेशनल जर्नल में प्रकाशित हुए हैं। डॉ गुप्‍ता अब तक अंडाशय में रसौली (ओवेरियन सिस्‍ट) के 655 केसेज का सफल उपचार कर चुके हैं। इस केस की खास बात यह है कि यह पहला केस है जिसमें इतनी शीघ्रता यानी 50 दिनों में लाभ हुआ और सिस्‍ट गायब हो गयी।

डॉ गुप्‍ता ने केस के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि लखनऊ की रहने वाली 35 वर्षीय महिला उनके पास पहली बार बीती 30 अक्‍टूबर, 2019 को आयी थी, महिला ने अपनी शिकायत में बताया कि उसे माहवारी के समय बहुत दर्द होता है, साथ ही माहवारी देर से होती है, तथा मात्रा में कम होती है, यही नहीं पीरियड्स सिर्फ 1-2 दिन में समाप्‍त भी हो जाते हैं। डॉ गुप्‍ता ने बताया कि उनके पास आने से पूर्व महिला किसी स्‍त्री रोग विशेषज्ञ के पास गयी थी तो उन्‍होंने 21 सितम्‍बर, 2019 को उसका अल्‍ट्रासाउंड कराया था जिसमें बायीं ओवरी में 2.5 x 2.2 x 2.6 सेमी (कुल वॉल्‍यूम 60 सीसी) साइज की सिस्‍ट डायग्‍नोस हुई।

डॉ गिरीश गुप्‍ता

डॉ गुप्‍ता ने बताया कि अल्‍ट्रासाउंड के बाद जब महिला को इसके इलाज के लिए सर्जरी की सलाह दी गयी तो उसे किसी ने उनके गौरांग क्‍लीनिक एंड सेंटर फॉर होम्‍योपैथी रिसर्च पर उनसे सम्‍पर्क करने की सलाह दी। उन्‍होंने बताया कि हालांकि महिला के पति ने उसे सर्जरी की सलाह दी और होम्‍योपैथिक दवाओं से उपचार को मना किया लेकिन महिला ने उनको (डॉ गिरीश गुप्‍ता) क्‍लीनिक में आकर दिखाया, महिला ने यह भी बताया कि डॉ साहब मेरे पति होम्‍योपैथिक दवा के लिए तैयार नहीं थे लेकिन मैंने उनसे जिद करके थोड़ा वक्‍त तक सर्जरी टालने को कहा है।

लक्षणों के आधार पर शुरू किया इलाज

डॉ गुप्‍ता ने बताया कि जैसा कि सेंटर के नियमानुसार हमारे यहां इलाज से पहले मरीज की हिस्‍ट्री ली जाती है, इस हिस्‍ट्री में पता चला कि कुछ माह पहले मई 2019 में दूसरे बच्‍चे के समय महिला का तीन माह का गर्भपात हो गया था। इसके बाद में महिला चुपचाप रहने लगी थी, दिमाग में शोक भर गया था, महिला को अकेले में रहने का मन करता था। हर समय उसके मस्तिष्‍क में गर्भपात की घटना घूमती रहती थी जिससे धीरे-धीरे वह अवसाद की तरफ बढ़ रही थी। डॉ गिरीश गुप्‍ता ने बताया कि दरअसल इन सब बातों की वजह से महिला की मानसिक स्थिति ऐसी हुई कि वह हार्मोनल डिस्‍बैलेंस का शिकार हो गयी नतीजा यह हुआ कि उसकी ओवरी में गांठ बन गयी थी। डॉ गिरीश गुप्‍ता ने बताया कि महिला को उन्‍होंने पहली बार दवा उसी दिन (30 अक्‍टूबर, 2019) को दी।

डॉ‍ गिरीश गुप्‍ता ने बताया कि कुछ दिन दवा करने के बाद दिसम्‍बर माह में महिला के पति ने फि‍र से महिला पर जोर दिया कि वह होम्‍योपैथी के चक्‍कर में न पड़े और सर्जरी करा ले, यही नहीं 20 दिसम्‍बर, 2019 को जिद करके पति ने महिला का अल्‍ट्रासाउंड करा लिया, लेकिन यह रिपोर्ट आश्‍चर्यचकित करने वाली थी क्‍योंकि इसमें सिस्‍ट गायब हो चुकी थी।

अल्‍ट्रासाउन्‍ड रिपोर्ट बाद में

डॉ गिरीश गुप्‍ता ने बताया कि इसके बाद महिला रिपोर्ट के साथ उनसे मिलने बीती 9 जनवरी को आयी तो साथ में उसका पति भी आया। जब महिला को बताया कि तुम्‍हारी बीमारी ठीक हो चुकी है, सिस्‍ट गायब हो चुकी है, इसके बाद पति ने डॉक्‍टर से पूरी बात बताते हुए अपनी गलती स्‍वीकार करते हुए कहा कि सॉरी डॉक्‍टर साहब मैं आपसे माफी मांगता हूं, मुझे विश्‍वास नहीं था कि होम्‍योपैथिक दवाओं से यह ठीक हो जायेगी और मैंने अपनी पत्‍नी को सर्जरी कराने के लिए तैयार करने के लिए ही जबरन 20 दिसम्‍बर को अल्‍ट्रासाउंड कराया था, ताकि जब प्रोग्रेस न दिखे तो मैं उस पर सर्जरी का दबाव डाल सकूं।

डॉ गुप्‍ता ने बताया कि यह पहला केस है जो इतनी शीघ्रता से ठीक हुआ है। इस केस को भी अपने दूसरे केस की तरह एशियन जर्नल ऑफ होम्‍योपैथी में प्रकाशित करने के लिए भेजा जायेगा।