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दुर्घटना में चोट लगने से हर साल देश भर में हो जाती हैं साढ़े चार लाख मौतें

ट्रॉमा से होने वाली मौतों को रोकने के लिए देश भर के सर्जनों का बुधवार से लग रहा जमावड़ा

लखनऊ। क्‍या आप जानते हैं कि किसी प्रकार की दुर्घटना होने के चलते लगने वाली चोट के कारण अकेले उत्‍तर प्रदेश में ही प्रति वर्ष 80 हजार लोगों की मौत हो जाती है, इनमें से 20 हजार लोगों की मौत सड़क दुर्घटना के कारण हो जाती है। देश की बात करें तो किसी भी तरह की दुर्घटना के कारण साढ़े चार लाख और सड़क दुर्घटना के कारण डेढ़ लाख लोगों की मौत हर साल हो जाती है। लेकिन अपनी जागरूकता और संसाधनों को बढ़ाकर इस संख्‍या में काफी कमी लायी जा सकती है।

यह महत्‍वपूर्ण जानकारी आज एक पत्रकार वार्ता में केजीएमयू के ट्रॉमा सर्जरी विभाग के विभागाध्‍यक्ष प्रो संदीप तिवारी और डॉ समीर मिश्र ने दी। पत्रकार वार्ता का आयोजन अटल बिहारी साइंटिफि‍क कन्‍वेंशन सेंटर में बुधवार से शुरू हो रही इंडियन सोसाइटी एंड एक्‍यूट केयर की नौवीं राष्ट्रीय कॉन्‍फ्रेंस के बारे में जानकारी देने के लिए किया गया था। इस कॉन्‍फ्रेंस का उद्घाटन उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ करेंगे। इस समारोह में यूपी के चिकित्‍सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्‍ना, स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री जय प्रताप सिंह भी उपस्थित रहेंगे।

डॉ संदीप तिवारी ने कहा कि इस कॉन्‍फ्रेंस में हम लोग दुर्घटना के चलते होने वाली ट्रॉमा इंजरी को रोकने के लिए उठाये जाने वाले कदमों के बारे में बात होगी। उन्‍होंने बताया कि दुर्घटना होने के बाद जल्‍दी से जल्‍दी प्राथमिक उपचार अवश्‍य मिले इसके बाद ही बड़े अस्‍पताल की ओर भेजा जाये, यह बहुत आवश्‍यक है। उन्‍होंने कहा कि केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में दुर्घटना के बाद आने वाले मरीजों में 80 प्रतिशत मरीज ऐसे हैं जो दुर्घटना के बाद सीधे ट्रॉमा सेंटर ही पहुंचते हैं, उन्‍हें ट्रॉमा सेंटर लाने से पहले कहीं नहीं ले जाया जाता है।

डॉ समीर मिश्र ने कहा कि हेलमेट या सीट बेल्‍ट न लगाना दुर्घटना की एक बड़ी वजह है। उन्‍होंने कहा कि बाइक की अगर बात करें तो हेलमेट न लगाने के कारण बहुत से हादसे होते हैं। उन्‍होंने बताया कि यही नहीं बहुत से लोग हेलमेट लगाते तो हैं लेकिन उसकी क्‍वालिटी अच्‍छी नहीं होती है, नतीजा यह है कि एक्‍सीडेंट होते ही हेलमेट टूट जाता है, और सिर की सुरक्षा नहीं हो पाती है। डॉ संदीप तिवारी ने कहा कि छोटी-छोटी लापरवाहियों के कारण भी दुर्घटना होती हैं, जैसे हेलमेट लगाया लेकिन उसकी बेल्‍ट का हुक नहीं बंद किया, या फि‍र पीछे बैठे व्‍यक्ति ने हेलमेट या कार में पीछे बैठे व्‍यक्ति ने सीट बेल्‍ट नहीं बांधी।