Saturday , May 4 2024

जीपीएफ एडवांस की सीमा पांच लाख किये जाने पर भड़के कर्मचारी

-इप्सेफ ने बुलायी आपात बैठक, पीएम से मांगा मिलने का समय

सेहत टाइम्स
लखनऊ। इंडियन पब्लिक सर्विस एम्पलाइज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष वी पी मिश्रा एवं महासचिव प्रेमचंद ने भारत सरकार द्वारा जीपीएफ के बचत की सीमा 5 लाख तक निर्धारित करने की घोर निंदा की है।
अध्यक्ष श्री मिश्र ने खेद व्यक्त किया कि पुरानी पेंशन की बहाली महंगाई भत्ते की काटी गई चार किस्तों की बहाली, सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियों में से कई सुविधाएं बंद करने के नियमित नियुक्तियां पदोन्नतियां समय से न करने से देश भर के कर्मचारी वैसे ही नाराज एवं दुखी थे। अब जीपीएफ बचत की सीमा 5 लाख करने से कर्मचारी अधिक आक्रोशित हैं।

प्रेमचंद ने बताया कि भारत सरकार कर्मचारी सुविधाएं बंद करके उसकी जेब काटती जा रही है। भारत सरकार कभी नहीं सोचती है कि भीषण महंगाई में वह अपना परिवार का भरण पोषण पढ़ाई लिखाई कैसे कर पाएगा। अंग्रेजों के समय से चली आ रही पेंशन को समाप्त करके भत्तों में कटौती करना, बायोमेट्रिक हाजिरी दो बार लगाने से कर्मचारी संगठन के पदाधिकारी की गतिविधियों पर बंदिश लगाने से साफ जाहिर होता है कि सरकार निजीकरण की ओर तेजी से आगे बढ़ रही है और धीरे-धीरे तमाम विभाग समाप्त करके निजी संस्थानों पूंजीपतियों को सपना की तैयारी कर रही है। कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारी की गतिविधियों को समाप्त की रणनीति उसी का हिस्सा है जिससे कर्मचारी अपनी पीड़ा की आवाज भी न उठा सके।

राष्ट्रीय सचिव अतुल मिश्रा ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने भी जी पी एफ में 5 लाख से ज्यादा जमा करने पर पाबंदी तथा पुरानी पेंशन बहाली न करने भत्तों में कटौती करके भारत सरकार का अनुसरण कर रही है।
वी पी मिश्र ने बताया कि इस पर गंभीर विचार करने के लिए इप्सेफ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की आपात बैठक दिल्ली में बुलाई गई है। उन्होंने सभी कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारी से इस बैठक में अनिवार्य रूप से भाग लेने की अपील की है।
श्री मिश्र ने पुनः प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि कर्मचारी विरोधी निर्णय को समाप्त करके शासन एवं कर्मचारियों के बीच आपसी सद्भाव बनाने की कृपा करें। उन्होंने कहा है कि इप्सेफ प्रधानमंत्री से बात भी करना चाहता है इसके लिए समय मांगा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Time limit is exhausted. Please reload the CAPTCHA.