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डॉ सूर्यकांत डॉ आरवी राजम ओरेशन से सम्‍मानित होने वाले 10वें भारतीय चिकित्‍सक

-नेशनल एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंसेज (भारत) ने किया सम्‍मानित

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्पाइरेटरी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर सूर्यकान्त को हाल ही में नेशनल एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंसेस, भारत (एन.ए.एम.एस.) द्वारा “डॉ आर वी राजम ओरेशन“ से सम्मानित किया गया। इस अवॉर्ड की स्थापना 1977 में डा0 आर.वी.राजम के 80वें जन्म समारोह के अवसर पर की गई थी।

यह व्याख्यान प्रख्यात चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य वैज्ञानिकों को उनके चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में किये गये अभूतपूर्व योगदान के लिए प्रदान किया जाता है। डॉ सूर्यकान्त इस अवॉर्ड को पाने वाले देश के 10वें चिकित्सक हैं। नेशनल एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंसेज (भारत) एक अनूठी संस्था है जो चिकित्सा और सामाजिक लक्ष्यों को पूरा करने के लिए अकादमिक उत्कृष्टता को अपने संसाधन में बढ़ावा देती है। इसका उद्घाटन नई दिल्ली में 19 दिसंबर 1961 को भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा किया गया था। इससे पहले डा0 सूर्यकान्त को 10 और ओरेशन अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है। ज्ञात रहे उन्हें अब तक अन्तरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय एवं प्रदेश स्तर की विभिन्न संस्थाओं द्वारा लगभग 145 पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। यह पुरस्कार उनके द्वारा श्वास रोग से संबन्धित बीमारियों जैसे – टी.बी. जैसी बीमारी के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने एवं कोरोना महामारी के दौरान चिकित्सकीय क्षेत्र में बहुमूल्य योगदान,  समाज को जागरूक करने एवं समाजिक सेवा कार्यों के चलते प्रदान किया गया है। डा0 सूर्यकान्त ने टी.बी. पर 4 पुस्तकें लिखी हैं और वे उ0प्र0 के टी.बी. उन्मूलन के स्टेट टास्क फोर्स के चेयरमैन हैं। साथ ही टी.बी. मुक्त लखनऊ के संयोजक भी हैं। उन्होंनें उ0प्र0 का पहला गांव व स्लम एरिया भी टी.बी. मुक्त अभियान के अन्तर्गत गोद लिया हुआ है और उ0प्र0 की राज्यपाल के आह्वान पर टी.बी. ग्रस्त 50 से अधिक बच्चों को भी गोद ले रखा है।

डा0 सूर्यकान्त कोविड टीकाकरण के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के ब्रांड एंबेसडर हैं। इसके साथ ही चेस्ट रोगों के विशेषज्ञों की राष्ट्रीय संस्थाओं इण्डियन चेस्ट सोसाइटी, इण्डियन कॉलेज ऑफ एलर्जी, अस्थमा एण्ड एप्लाइड इम्यूनोलॉजी एवं नेशनल कालेज ऑफ चेस्ट फिजिशियन (एन0सी0सी0पी0) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं तथा इण्डियन साइंस कांग्रेस एसोसिएशन के मेडिकल साइंस प्रभाग के भी राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं। वे आई0एम0ए0 एकेडमी ऑफ मेडिकल स्पेशलिटीज के राष्ट्रीय वायस चेयरमेन हैं एवं आई0एम0ए0 लखनऊ के भी अध्यक्ष रह चुके हैं।

इसके अलावा वे चिकित्सा विज्ञान सम्बंधित विषयों पर 17 किताबें भी लिख चुके हैं तथा एलर्जी, अस्थमा, टी.बी. एवं कैंसर के क्षेत्र में उनके अब तक लगभग 700 शोध पत्र राष्ट्रीय एवं अर्न्तराष्ट्रीय जर्नल्‍स में प्रकाशित हो चुके हैं। वे पिछले दो दशक से अधिक समय से अपने लेखों व वार्ताओं एवं टी.वी. व रेडियो के माध्यम से लोगों में एलर्जी, अस्थमा, टी.बी, कैंसर जैसी बीमारी से बचाव व उपचार के बारे में जागरूकता फैला रहे हैं एवं इस महामारी काल में जनमानस को कोरोना जैसी घातक बीमारी से न्यूज चैनल, यूट्यूब, रेडियों एवं अखबार के द्वारा जागरूक कर उन्हें बचा रहें है साथ ही साथ अपने संस्थान में कोरोना पीड़ितों को भी स्वस्थ कर जीवनदान दे रहें है। हाल ही में वाराणसी में डी.आर.डी.ओ. द्वारा स्थापित पंडित राजन मिश्रा कोविड  हॉस्पिटल में कोविड मरीजों को बेहतर चिकित्सकीय सुविधायें उपलब्ध कराये जाने के लिए उपलब्ध व्यवस्था का आकलन/संसाधनों/चिकित्सकीय सुविधाओं का आकलन कर एवं उसमें सुधार के लिए अपनी संस्तुति के लिए भी एक सदस्यीय टीम गठित कर डा0 सूर्यकान्त को चुना गया था। इसके पूर्व भी उ0प्र0 शासन द्वारा उनको कोविड से प्रभावित जनपदों जैसे- आगरा, कानपुर, मेरठ की समीक्षा के लिये भेजा गया था।

डा0 सूर्यकान्त को पहले भी टी.बी. एसोसिएशन ऑफ इंडिया अमेरिकन कॉलेज ऑफ चेस्ट फिजिशियन, इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन, इण्डियन चेस्ट सोसाइटी, नेशनल कॉलेज ऑफ चेस्ट फिजिशियन आदि संस्थाओं द्वारा राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 18 फैलोशिप सम्मान से भी सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें उ0प्र0 सरकार द्वारा विज्ञान गौरव अवॉर्ड (विज्ञान के क्षेत्र में उ0प्र0 का सर्वोच्च पुरस्कार) और राज्य हिन्दी संस्थान द्वारा विश्वविद्यालय स्तरीय हिन्दी सम्मान से भी सम्मानित किया जा चुका है।

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