-अफ़्रीकन समाज में व्याप्त तमाम अनछुए विषयों का किया गहन अध्ययन व विश्लेषण
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। नाईजीरियन मूल की विश्व विख्यात लेखिका तथा अफ़्रीकन अंग्रेज़ी साहित्य जगत की जननी एवम् प्रथम महिला साहित्यकार ‘फ़्लोरा न्वापा’ द्वारा रचित उपन्यासों पर मिर्ज़ापुर की दिव्या द्विवेदी को “ पोलिटिक्स ऑफ़ आइडेंटिटी इन द सेलेक्ट नोवेल्स ऑफ़ फ़्लोरा न्वापा” विषयक शीर्षक पर उत्कृष्ट शोध प्रबंध प्रस्तुत करने के फलस्वरूप लखनऊ विश्वविद्यालय लख़नऊ द्वारा पी०एच०डी०की उपाधि प्रदान की गयी है।
अपने मौलिक शोध प्रबन्ध में दिव्या द्विवेदी ने अफ़्रीकन समाज में व्याप्त ‘पहचान की राजनीति, समूह आधारित विचारधारा, संस्कृति, भाषा,राष्ट्रीयता एवम् उभरते उपनिवेशवाद के प्रभाव जैसे तमाम अनछुए विषयों का गहन अध्ययन व विश्लेषण किया है, तथा अफ़्रीकन समाज मे विस्थापित, वंचित एवं हाशिए के लोगों के हितों, जीवन उन्नयन व अनुशीलन से सम्बन्धित विशेष तथ्यात्मक पहलुओं को समाहित कर शोध का कार्य किया है।
काशी हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी से अंग्रेज़ी विषय में स्नातक एवं परास्नातक प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण कर अर्हता प्रदायी शोध प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात दिव्या द्विवेदी को यह उपाधि लखनऊ विश्वविद्यालय के असो० प्रोफ़ेसर डा० शिव गोविन्द पुरी के निर्देशन में, अन्तर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं मे प्रकाशित शोधपत्रों के आधार पर यू० जी० सी० द्वारा निर्धारित मानदंडों के अंतर्गत प्रदान की गयी है।
विभागाध्यक्ष अंग्रेज़ी डॉ जी० एस० द्विवेदी की पुत्री दिव्या की इस उपलब्धि पर, प्रेरणास्रोत राजस्थान के राज्यपाल की पत्नी सत्यवती मिश्र ने समूचे परिवार को हार्दिक बधाई व प्रसन्नता ज्ञापित किया है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष सुरेश रावत, महामंत्री अतुल मिश्रा व मीडिया प्रभारी सुनील कुमार ने दिव्या द्विवेदी को नव वर्ष में इस विशिष्ट उपलब्धि पर सहर्ष बधाई व ख़ुशियों भरा संदेश प्रेषित किया।
डॉ दिव्या को ‘फ़्लोरा न्वापा’ के उपन्यासों पर पीएचडी की उपाधि