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चिकित्‍सकों ने बहुत कुछ किया है, लेकिन अभी बहुत कुछ करने की जरूरत

-फॉग्‍सी की पांच दिवसीय कॉन्‍फ्रेंस AICOG-2020 का उद्घाटन किया उप मुख्‍यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। उत्‍तर प्रदेश  के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में देश व प्रदेश में एक नयी क्रान्ति आयी है। चिकित्सा जगत के लोगों के सराहनीय और सार्थक प्रयासों से चिकित्सा के क्षेत्र में नये-नये अनुसंधान किये गये हैं। उन्होंने कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में अभी और भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। श्री मौर्य ने चिकित्सा जगत से जुड़े लोगों से अपील की कि वह उच्चस्तरीय चिकित्सा सेवायें उपलब्ध कराने में और अधिक योगदान देकर कुछ और नया करने का प्रयास करें।

उप मुख्यमंत्री आज स्मृति उपवन, लखनऊ में 63वीं ऑल इण्डिया कांग्रेस ऑफ आब्स्टेट्रिक्स एण्ड गायनोकोलॉजी कॉफ्रेन्स AICOG-2020 को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहे थे। 5 दिवसीय इस कॉफ्रेन्स का आयोजन फेडरेशन ऑफ आब्स्टेट्रिक्स एण्ड गायनोकोलॉजी सोसायटी (फॉग्‍सी) द्वारा किया जा रहा है।

उप मुख्यमंत्री ने कहा चिकित्सक भगवान का रूप होते हैं और वे अपने  दायित्वों का निर्वहन अपने गौरवपूर्ण प्रोफेशन के तहत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस कॉन्फ्रेन्स से स्त्री एवं प्रसूति रोग तथा बाल प्रजनन सेवाओं के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल होंगी। पूरे देश से आये चिकित्सकों के विचारों के आदान-प्रदान से नयी-नयी चीजें सीखने व जानने का अवसर चिकित्सकों को मिलेगा, जिससे वे मानवता की सेवा करने में और अधिक सक्षम व समर्थ हो सकेंगे। श्री मौर्य ने चिकित्सकों का आह्वान किया कि वे स्वच्छ भारत-स्वस्थ भारत के प्रधानमंत्री के संकल्प को पूरा करने व आयुष्मान भारत योजना के क्रियान्वयन में पूर्व की भांति अपना योगदान देते रहें।

उन्होंने कहा कि पर्यावरण संतुलन, जल संचयन व सिंगल यूज वेस्ट प्लास्टिक मुक्त भारत बनाने में चिकित्सा सेवा से जुड़े लोग अपना महत्वपूर्ण योगदान दें। गत वर्ष प्रयागराज में आयोजित कुम्भ के दौरान प्रधानमंत्री ने स्वच्छता कर्मियों के चरण पखार कर यह साबित किया है कि स्वच्छता के प्रति वह कितने संवेदनशील हैं, क्योंकि स्वच्छता रहने से बीमारियां कम होती हैं।

श्री मौर्य ने कहा कि कभी-कभी एक आदमी की गलती से पूरे चिकित्सक हड़ताल पर चले जाते हैं, मानवता की सेवा के लिए जरूरी है कि एक व्यक्ति की गलती से कोई ऐसा कदम न उठायें, जिससे आम जनमानस को परेशानी हो। उत्तर प्रदेश की सरकार व 23 करोड़ जनता की ओर से उन्होने इस आयोजन की सफलता शुभकामनाएं दीं।

श्री मौर्य ने कहा कि इस आयोजन के उपरान्त आयोजन में आये प्रतिभागी आयोजन की समीक्षा करें तथा कुछ और श्रेष्ठ करने के बारे में सोचें। उन्होने कहा कि कोई भी चिकित्सक नहीं चाहता कि उसका मरीज स्वस्थ होकर न जाय। इसलिये लोगों की आम धारणा चिकित्सकों के प्रति सकारात्मक होनी ही चाहिये।

कॉन्फ्रेन्स आयोजन समिति की अध्यक्ष डॉ चन्द्रावती व डॉ प्रीति कुमार, डॉ नन्दिता ने कॉन्फ्रेन्स को सम्बोधित करते हुये उपमुख्यमंत्री का भव्य स्वागत किया। गुजरात से आये फॉग्‍सी के प्रेसीडेंट इलेक्‍ट डॉ अल्पेश गांधी ने कॉन्फ्रेन्स की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुये कहा कि इस कॉन्फ्रेन्स में बड़ी तादाद में विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं तथा आज ही 10500 रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं और लगभग 1200 पेपरों का प्रेसेंटेशन हुआ है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संतुलन के बारे में भी आगे कॉन्फ्रेन्स किये जाने की इस सोसायटी की योजना है।

पांच दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में आज 13 कार्यशालाओं का आयोजन किया गया। जिसमें महिलाओं के स्वास्थ्य, नयी अल्ट्रासाउन्ड तकनीक, बच्चों की अनुवांशिक समस्याएं, उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था, ब्लड प्रेशर, प्रसूता मृत्युदर व मेडिकल शिक्षा जैसे विषयों पर चर्चा की गयी और लगभग 1200 शोधपत्र पढ़े जायेंगे। कॉन्फ्रेन्स में देश के 15000 स्त्री रोग विशेषज्ञ, लगभग 150 अन्तर्राष्ट्रीय फैकेल्टी भाग ले रहे हैं। आर्गनाईजिंग कमेटी की चेयरपर्सन डॉ चन्द्रावती ने बताया कि फॉग्सी की बैठक हर एक साल होती है, 20 वर्ष बाद लखनऊ में यह आयोजन हो रहा है।

मौजूदा समय में फॉग्सी के लगभग 36000 सदस्य हैं। इस कॉन्फ्रेन्स में सम्मिलित होने वाले सभी डॉक्‍टर वीमेन्स हेल्थ पर शपथ लेंगे। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्‍तर प्रदेश में लोक निर्माण विभाग द्वारा हर्बल सड़कें बनाने का अभिनव प्रयास किया गया है इससे जड़ी-बूटियों के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि लोक निर्माण विभाग में सड़कों के निर्माण में बिटुमिन के साथ 10 प्रतिशत सिंगल यूज वेस्ट प्लास्टिक का प्रयोग करने की शुरुआत की गयी है, इससे प्लास्टिक मुक्त भारत बनाने में मदद मिलेगी।