-30 जनवरी को आगरा में हुई थी घटना, पूर्व थानाध्यक्ष की पत्नी की कार से टक्कर होने के बाद शुरू हुआ था विवाद
सेहत टाइम्स
लखनऊ/आगरा। आगरा में कल 30 जनवरी को एक डॉक्टर और पुलिस इंस्पेक्टर की पत्नी की कार टकराने के बाद हुई बहस के दौरान मामला बढ़ने के बाद डॉक्टर की पिटाई, उनके साथ गालीगलौज और उन्हेें हवालात में डालने का आरोप लगाया गया है। टकराव की इस घटना ने तूल पकड़ लिया है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने इस पर जबरदस्त प्रतिक्रिया दिखाते हुए 24 घंटे हड़ताल ऐलान किया था, शहर के 2000 से अधिक डॉक्टरों की हड़ताल शाम से शुरू हो गयी है। डॉक्टरों की मांग है कि डॉ अविनाश के साथ अभद्रता करने वाले पुलिसकर्मियों को तत्काल निलंबित किया जाए, घटना की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए, डॉक्टरों की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित किया जाए। कहा गया है कि जब तक पुलिस दोषियों पर कार्रवाई नहीं करती, सभी डॉक्टर हड़ताल पर रहेंगे।
मिली जानकारी के अनुसार डॉक्टर के साथ हुई बदसलूकी से आहत डॉक्टरों ने IMA भवन में एक बैठक की जो तीन घंटे तक चली। बताया जाता है कि बैठक के दौरान पुलिस की ओर से माफी भी मांगी गई, लेकिन बात नही बनी। विवाद बढ़ता देख एसीपी हरी पर्वत आदित्य कुमार मौके पर पहुंचे और डॉक्टरों व पुलिस के बीच बातचीत हुई, लेकिन फिर भी समाधान नहीं निकला। IMA के पदाधिकारियों ने पुलिस को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है, तब तक सभी डॉक्टर हड़ताल पर रहेंगे।
घटना के बारे में जानकारी मिली है कि गुरुवार की सुबह आगरा के डॉ. अविनाश अपने घर से अस्पताल जा रहे थे। रास्ते में सिकंदरा पर उनकी कार का एक्सीडेंट हो गया, जिसके बाद दूसरी कार के चालक और डॉक्टर के बीच कहासुनी और गाली-गलौज हुई। बताया जा रहा है कि दूसरी कार में सवार महिला पूर्व में थाना सिकंदरा में तैनात रहे निरीक्षक की पत्नी हैं, जो पेशे से शिक्षिका हैं। डॉ अविनाश ने एक वीडियो जारी कर बताया कि सिकंदरा पुलिस ने उन्हें पकड़कर लॉकअप में बंद कर दिया। डॉक्टर का आरोप है कि पुलिस ने उनके साथ गाली-गलौज और मारपीट की। इस मामले में दोनों पक्षों की ओर से तहरीर दी गई है।
इस घटना से नाराज डॉक्टरों ने शुक्रवार को IMA भवन पर बैठक की. बैठक में तीन घंटे तक चर्चा हुई और निर्णय लिया गया कि जब तक पुलिस दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं करती तब तक सभी डॉक्टर हड़ताल पर रहेंगे. बैठक के दौरान पुलिस की ओर से माफी मांगी गई, लेकिन डॉक्टरों ने इसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया. विवाद बढ़ता देख एसीपी हरी पर्वत आदित्य कुमार मौके पर पहुंचे और 24 घंटे में जांच कर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।
आईएमए के सचिव डॉ रजनीश कुमार का कहना है कि जिस महिला शिक्षिका की कार से डॉक्टर अविनाश का एक्सीडेंट हुआ था, वह महिला थाना सिकंदरा के पूर्व प्रभारी निरीक्षक की पत्नी हैं, उनके कहने पर ही पुलिस ने डॉक्टर को गिरफ्तार कर लॉकअप में बंद किया था। डॉक्टर अविनाश का कहना है कि पुलिस की इस कार्रवाई से वह बेहद आहत हैं। उनका आरोप है कि पुलिस ने बिना किसी बड़ी गलती के उन्हें लॉकअप में डाल दिया और उनके साथ बदसलूकी की।
डॉ अनिल नौसरान ने दिया पूरा समर्थन
इस हड़ताल को नेशनल यूनाइटेड फ्रंट ऑफ डॉक्टर्स के संस्थापक डॉ अनिल नौसरान ने अपना पूरा समर्थन दिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की है कि इस प्रकरण में शीघ्रता से कार्रवाई कर पीड़ित को न्याय दिलाएं और हमारी मांग है की सिकंदरा थाने के वर्तमान थाना अध्यक्ष को लाइन हाजिर किया जाए और इस प्रकरण में जितने भी पुलिसकर्मी संलिप्त हैं उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर दंडित किया जाए और पूर्व थाना अध्यक्ष सिकंदरा की पत्नी को इस प्रकरण में आरोपी बनाया जाए।