उत्तर प्रदेश राज्य आयुष सोसाइटी की कार्यशाला में दी गयीं कई महत्वपूर्ण जानकारियां
लखनऊ। भारतीय मसालों की गुणवत्ता का लोहा दुनिया भर के वैज्ञानिक भी मानते हैं और यही कारण है कि इन्हें हमारे रोजमर्रा के भोजन में मसालों के रूप में शामिल किया गया है। आयुर्वेद पद्धति हो या यूनानी, प्राकृतिक वनस्पतियों से बड़े से बड़े रोगों का इलाज किया जाता रहा है।
यूनानी मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर डॉक्टर अब्दुल कवी ने एक सेमिनार में जानकारी देते हुए बताया कि सूखी धनिया से किस तरह से ब्लड प्रेशर कंट्रोल रखा जा सकता है। डॉक्टर कवी ने बताया कि धनिया को रात भर पानी में भिगो दें, उसके बाद सवेरे उसे उबालकर उसका पानी दिन भर में कई बार पिएं। उन्होंने बताया इसके इस्तेमाल से मरीज को यूरिन ज्यादा पास होगी और उसका ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहेगा। उन्होंने बताया कि इसकी पुष्टि शोध में भी की जा चुकी है।
उत्तर प्रदेश राज्य आयुष सोसाइटी के सभागार में आयोजित इस कार्यशाला में कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी गयीं। डॉक्टर कवी ने बताया कि घरेलू नुस्खों से डायबिटीज और लिवर की बीमारी को भी ठीक किया जा सकता है, इसके लिए उन्होंने बताया कि 2 से 3 चम्मच दालचीनी के पाउडर को पानी में उबालकर सुबह खाली पेट पीना चाहिए, उन्होंने यह भी कहा कि डायबिटीज के मरीजों को इसके साथ दवाएं भी लेते रहना चाहिए।
डॉक्टर कवी ने बताया कि दालचीनी का पानी पीने से लिवर और पैंक्रियाज की समस्याओं पर नियंत्रण रहता है इसके अलावा लहसुन की दो कलियां सुबह खाली पेट चबाने से कोलेस्ट्रोल को कंट्रोल किया जा सकता है।
आयुष सोसाइटी के आयुर्वेद चिकित्सक डॉ सुनील ने बताया कि आयुर्वेद पद्धति से इलाज के लिए जिले के डॉक्टरों को ट्रेनिंग दी जा रही है इसके बाद यही डॉक्टर अपने-अपने जिलों में आशा और एएनएम को ट्रेनिंग देंगे, जिससे कि इन प्रभावी घरेलू दवाओं से बीमारी को ठीक करने में प्रचार-प्रसार मिल सकेगा। इस कार्यशाला में आयुर्वेद कॉलेज के प्रोफेसर डॉक्टर संजीव रस्तोगी, डॉक्टर पीके श्रीवास्तव, डॉ अवधेश द्विवेदी, डॉ बृजेश गुप्ता, डॉ कमल सचदेवा समेत कई चिकित्सक मौजूद रहे।