Friday , April 26 2024

शर्म व झिझक के चलते नीरस न बनायें जीवन को

लखनऊ।  खुशहाल वैवाहिक जीवन हर किसी का सपना होता है, और समय आने पर लोग इस सपने को सच भी करते हैं। वैवाहिक जीवन में छोटी-बड़ी चीजों का अपना महत्व होता है। एक-दूसरे की छोटी-छोटी खुशियों को पूरा करने के लिए पति-पत्नी कोई कसर नहीं छोडऩा चाहते हैं लेकिन कभी-कभी हालात ऐसे हो जाते हैं कि वे चाह कर भी एक-दूसरे को खुशी नहीं दे पाते। धीरे-धीरे जिन्दगी बस जैसे-तैसे गुजरने लगती है। प्रफुल्लता जाने और जीवन में नया जोश भरने में सेक्स की भूमिका अत्यन्त महत्वपूर्ण है। इसलिए अगर सेक्स में शिथिलता या किसी तरह की बाधा आती है तो फिर नीरसता घर करने लगती है।
वरिष्ठ आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ.देवेश बताते हैं कि उनके पास इस तरह के कई केस आते हैं जिनमें सेक्स के प्रति अरुचि होना, सेक्स करने में अक्षम होना, सेक्स का भरपूर आनंद न ले पाना जैसी कई शिकायतों को लेकर लोग सम्पर्क करते हैं। डॉ देवेश ने बताया कि लोग सम्पर्क करते हैं लेकिन सम्पर्क करने वालों से भी ज्यादा संख्या ऐसे लोगों की है जो सेक्स जैसे विषय पर बात न करने की अपनी शर्म व संकोच की आदत के चलते बोझिल जीवन जीते रहते हैं लेकिन चिकित्सक के पास नहीं जाते हैं।

डॉक्टर देवेश श्रीवास्तव

शरीर में क्षारीय ज्यादा, अम्लीय तत्व कम

डॉ देवेश ने बताया कि हमारे शरीर में क्षारीय और अम्लीय तत्व विद्यमान हैं, इनमें क्षारीय ज्यादा और अम्लीय कम हैं। इसीलिए अगर हम क्षारीय तत्वों का ज्यादा इस्तेमाल करें और अम्लीय का कम तो हमारा शरीर स्वस्थ बना रह सकता है। वात, पित्त और कफ में जब असंतुलन होता है तो शरीर अस्वस्थ हो जाता है। असंयमित तरीके से खानपान से हम बीमार पड़ जाते हैं। वात, पित्त और कफ को संतुलन में रखने के लिए आवश्यक है कि शरीर में विद्यमान क्षारीय और अम्लीय तत्वों की जरूरत को उन्हीं के अनुपात, यानी क्षारीय ज्यादा और अम्लीय कम, में हम पूरा करते रहें। यानी उचित खानपान और आहार-विहार से अपने जीवन को जीते रहें। क्षारीय तत्वों की पूर्ति फल, सब्जी, जड़ी-बूटी आदि से होती है तथा अम्लीय पूर्ति अनाज, मांस आदि से होती है, अर्थात फल, सब्जी, जड़ी-बूटी आदि का प्रयोग ज्यादा और अनाज, मांस का प्रयोग कम मात्रा में करेें यानी की शरीर की जरूरत के हिसाब से करें।

नलियों में रक्त प्रवाह में अवरोध से शिथिल हो जाता है अंग

डॉ. देवेश ने बताया कि हमारे शरीर में बहुत मात्रा में नलियां मौजूद हैं जिनसे रक्त का प्रवाह होता रहता है जब इन नलियों में अवरोध आ जाता है तो इसमें रक्त का संचार प्रॉपर तरीके से नहीं हो पाता है, नतीजा यह होता है कि सम्बन्धित अंग शिथिल पडऩे लगता है। इसी प्रकार का अवरोध जब सेक्स करते समय हमारे विशेष अंगों में होता है तो हम इच्छा होने के बाद भी सेक्स का पूरा आनंद नहीं उठा पाते हैं। नतीजा यह होता है कि धीरे-धीरे सेक्स के प्रति अरुचि होने लगती है और जीवन में नीरसता आने लगती है। यहां यह आवश्यक है कि जब पति-पत्नी में से किसी एक को यह दिक्कत लगती है तो स्थिति और भी ज्यादा खराब होती है और आपसे में तनाव और अनबन होने लगती है।

इलाज है आसान

डॉ. देवेश बताते हैं कि आयुर्वेद में इसका बढिय़ा और आसान इलाज है। आयुर्वेदिक दवाओं के सेवन और पंचकर्म से शरीर का शोधन कर दिया जाता है और व्यक्ति पूर्ण रूप से स्वस्थ हो जाता है और सेक्स का आनंद प्राप्त कर सकता है। उन्होंने सुझाव दिया कि यदि किसी व्यक्ति को इस तरह की दिक्कत होती है तो उसे चाहिये कि वह किसी आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से मिलकर अपनी समस्या बताये और इलाज कराये। उन्होंने सुझाव दिया कि भूल कर भी लोग झोलाछाप डॉक्टर या अयोग्य चिकित्सक से सम्पर्क न करें क्योंकि ऐसे लोगों को पूरा ज्ञान न होने के कारण वे स्वस्थ तो कर नहीं पाते हैं उल्टे दवाओं के नाम  पर उल्टी-सीधी चीजों का सेवन कराकर शरीर को बर्बाद कर देते हैं साथ ही मनमाने दाम लेकर आर्थिक नुकसान भी पहुंंचाते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Time limit is exhausted. Please reload the CAPTCHA.