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शर्म के चक्‍कर में ‘झोलाछाप’ के हाथों से गर्भपात का अर्थ है मौत

-कुल मातृ मौतों में 8 से 10 फीसदी मौतें असुरक्षित गर्भपात से होती हैं
-शर्मायें नहीं, पूरी तरह गुप्‍त रखी जाती है जानकारी, आरटीआई के दायरे से भी है बाहर
-परिवार कल्‍याण के महानिदेशक ने कहा, सुरक्षित गर्भपात के लिए सभी संसाधन मौजूद

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। यह विडम्‍बना है कि सुविधायें मौजूद होते हुए भी संकोच, शर्म और बदनामी के डर के कारण महिलायें अप्रशिक्षित लोगों के चक्‍कर में फंसकर गर्भपात करा लेती हैं जो उनकी मौत का कारण बनता है। जरूरत इस बात की है कि लोगों के बीच संदेश यह जाये कि महिलायें संकोच छोड़कर गर्भपात कराने के लिए सरकारी अस्‍पताल के डॉक्‍टर से ही सम्‍पर्क करें। स्थिति यह है कि उत्‍तर प्रदेश में प्रति एक लाख में 216 मातृ मौत हो जाती हैं और इनमें से 20 की मौत असुरक्षित गर्भपात के कारण होती है। यह संख्‍या देश भर में होने वाली मौतों की संख्‍या का 20 प्रतिशत है। गर्भपात से बचाव के लिए हमें दम्पतियों को परिवार नियोजन से जोड़ना चाहिए।

यह विचार आज गुरुवार को उत्‍तर प्रदेश के परिवार कल्‍याण महानिदेशक डॉ बद्री विशाल ने उप्र वालण्टरी हेल्थ एसोसिएशन द्वारा आई पास डेवलपमेंट फाउण्डेशन एवं साझा प्रयास के सहयोग से ‘‘नोवोटेल’’ होटल, गोमती नगर, लखनऊ में आयोजित की गयी ‘‘सुरक्षित गर्भपात समापन’’ विषय पर एक दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला में बतौर मुख्‍य अतिथि व्‍यक्‍त किये। उन्‍होंने कहा कि एमटीपी कानून के तहत यह प्रावधान है कि गर्भपात कराने वाले की जानकारी पूरी तरह से गोपनीय रखी जाती है, यहां तक कि इस जानकारी को सूचना के अधिकार के तहत भी नहीं मांगा जा सकता है। ऐसे में लोगों को इस बात के लिए जागरूक करने की आवश्‍यकता है कि संकोच और शर्म छोड़कर सरकारी अस्‍पताल के डॉक्‍टर से सम्‍पर्क करें, जिससे कि सुरक्षित गर्भपात हो सके।

दीप प्रज्‍ज्‍वलन के बाद कार्यशाला में उपस्थित अतिथियों का स्वागत् आई पास डेवलपमेंट फाउण्डेशन व उ0प्र0 वॉलण्टरी हेल्थ एसोसिएशन के स्टाफ द्वारा किया गया। इसके पश्चात् यू0पी0 वीएचए के अधिशासी निदेशक विवेक अवस्थी द्वारा कार्यशाला के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला गया।

महाप्रबन्धक, परिवारनियोजन (एन.एच.एम.) डा0 अल्पना शर्मा ने इस विषय पर महिलाओं को जागरूक करने पर बल दिया। संयुक्त निदेशक, परिवारकल्याण डा0 विरेन्द्र सिंह, ने एम.टी.पी. एक्ट को लेकर अपने विचार व्यक्त किये।

यू0पी0वी0एच0ए0 की कार्यक्रम प्रबन्धक सुश्री श्‍वेता सिंह ने बताया कि आई पास डेवलपमेंट फाउण्डेशन के सहयोग से उ0प्र0 वॉलण्टरी हेल्थ एसोसिएशन द्वारा ‘‘साझा प्रयास’’ जो उत्तर प्रदेश के 10 जिलों में कार्यरत स्वैच्छिक संस्थाओं का एक नेटवर्क है, जिसके माध्यम से विगत् दो वर्षों से महिलाओं के सुरक्षित गर्भ समापन पर कार्य किया जा रहा है। उन्‍होंने बताया कि समुदाय व सेवाप्रदाताओं में गर्भपात की वैधता के बारे में जानकारी की कमी है, जिसको हम सरकारी व गैरसरकारी संस्थाओं को जोड़कर अधिक से अधिक लोगों को जागरूक कर सकते हैं।

डा0 नदीम अख्तर राज्य कार्यक्रम प्रबन्धक, जपाइगो ने पैनल डिस्कशन में ‘‘उत्तर प्रदेश में सुरक्षित गर्भपात के लिए साझेदारी बढ़ाने’’ के विषय का संचालन किया।

डा0 आर.के. त्रिपाठी निदेशक अर्पण संस्थान द्वारा सांझा प्रयास नेटवर्क के तहत अपने अनुभव को साझा किया गया। इसके पश्चात् दिल्ली प्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता शैलेन्द्र सिंह ने मीडिया की भूमिका को कार्यशाला में आये लोगों के समक्ष प्रस्तुत किया।

आई पास डेवलपमेंट फाउण्डेशन के हरमेन्द्र सिंह द्वारा आशा बुकलेट पर प्रकाश डालते हुए उसकी उपयोगिता के बारे में बताया गया इसी के साथ ही आई पास डेवलपमेंट फाउण्डेशन द्वारा सुरक्षित गर्भ समापन पर चलाये गये कार्यक्रम के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने आईपास द्वारा संकलित आशा पुस्तिका ‘‘अनचाहे गर्भ से बचाव और उसका प्रबन्धन’’ का विमोचन किया।

कार्यशाला के अन्त में यू0पी0वी0एच0ए0 के अधिशासी निदेशक विवेक अवस्थी द्वारा कार्यशाला में उपस्थित अतिथियों व प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया गया। इस कार्यशाला में लगभग 80 प्रतिभागियों ने भाग लिया जिसमें 10 जिलों के सी.एम.ओ., नोडल अधिकारी, जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी, सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं के प्रतिनिधि, मीडिया के प्रतिनिधियों ने भागीदारी की।