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स्‍थानांतरणों में मनमानी को लेकर निदेशक पैरा‍मेडिकल निलंबित

राजकीय फार्मेसिस्ट महासंघ ने तबादला सूची में हुई ग‍ड़बडि़यों को लेकर किया था ध्‍यानाकर्षित
राजकीय फार्मेसिस्ट महासंघ के अध्‍यक्ष ने मुख्‍यमंत्री से भी मिलकर की थी मनमानी की शिकायत

लखनऊ। उत्‍तर प्रदेश में पिछले दिनों हुए फार्मासिस्‍टों एवं अन्‍य पैरामेडिकल स्‍टाफ के स्‍थानांतरण में हेरफेर करने तथा बाद में बिना किसी कारण बताये फार्मासिस्‍टों के तबादलों को निरस्‍त कर गंभीर अनियमितता करने वाले निदेशक पैरामेडिकल चिकित्‍सा एवं स्‍वास्‍थ्‍य सेवायें डॉ एमके गुप्‍ता को निलंबित कर दिया गया है। आपको बता दें कि इससे पूर्व इस प्रकरण में बाबुओं पर काररवाई की जा चुकी है।

विभागीय सचिव द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि डॉ गुप्‍ता ने बीते जून माह में फार्मासिस्‍टों एवं अन्‍य पैरामेडिकल स्‍टाफ के स्‍थानांतरणों में कतिपय आदेश बिना महानिदेशक के अनुमोदन के जारी करने तथा 75 फार्मासिस्‍टों के स्‍थानांतरण आदेश जो 28 जून को किये गये थे, को बिना किसी कारण का उल्‍लेख किये, निरस्‍त करने को लेकर निलंबित किया गया है।

आपको बता दें कि राजकीय फार्मेसिस्ट महासंघ ने 24 जून को राजनीतिक दबाव में गलत स्थानांतरण की आशंका जताई थी। मुख्य सचिव से राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद का प्रतिनिधि मंडल महामंत्री अतुल मिश्रा, उपाध्यक्ष सुनील यादव के नेतृत्व में मिला था। बताया गया था कि महानिदेशालय द्वारा जारी सूची में मृतक भी हैं, सेवानिवृत्त भी हैं।

यही नहीं सूची में अनेक पदाधिकारी,  2 वर्ष के अंदर सेवानिवृत्त होने वाले, दिव्यांग, गंभीर बीमार, दाम्पत्य नीति से आच्छादित, जिन्हें स्थानांतरण से मुक्त रखने के निर्देश हैं, उन्हें भी स्थानांतरित किया गया है। इसके बाद 2 जुलाई को जांच कमेटी का गठन किया गया था।

राजकीय फार्मेसिस्ट महासंघ के अध्यक्ष सुनील यादव ने मुख्यमंत्री से मिलकर नीति विरुद्ध स्थानांतरण की आशंका जताई थी। उन्‍हें बताया गया था कि स्थानांतरण में अनेक अनियमितताए पाई गई हैं। 400 से 750 किमी दूर स्थान्तरण किये गए हैं।