-सरकार पर उपेक्षित रवैये व दमनकारी नीति अपनाने का लगाया आरोप
-राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, उत्तर प्रदेश के बैनर तले चल रहा आंदोलन
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश के आह्वान पर आज परिषद की लखनऊ शाखा के पदाधिकारी वन विभाग और गन्ना संस्थान के कर्मचारियों से मिले तथा सरकार द्वारा अपनाये जा रहे उपेक्षित रवैये और दमनकारी नीति के बारे में चर्चा की। पदाधिकारियों का नेतृत्व जनपद शाखा के अध्यक्ष सुभाष श्रीवास्तव और मंत्री संजय पांडे ने किया।
परिषद के प्रवक्ता सुनील कुमार ने यह जानकारी देते हुए बताया कि परिषद के पदाधिकारी सबसे पहले वन विभाग में गए जहां पर डॉ पी के सिंह व आशीष पाण्डेय के नेतृत्व में वन विभाग के विभिन्न कार्यालयों में कर्मचारियों से मुलाकात कर उन्हें परिषद की मांगों कर्मचारियों की समस्याओं व सरकार द्वारा अपनाया जा रहा उपेक्षित रवैया एवं दमनकारी नीति से अवगत कराया, साथ ही उनकी समस्याओं को भी समझा ।
इसके बाद प्रतिनिधिमंडल ने गन्ना संस्थान जाकर अभय पांडे के नेतृत्व में सभी कर्मचारियों से मुलाकात की प्रतिनिधिमंडल में कमल श्रीवास्तव, मंडलीय मंत्री राजेश चौधरी , अजय पाण्डेय, राजीव तिवारी भी शामिल थे।
परिषद का कहना है कि कर्मचारी महंगाई भत्ते के फ्रीज होने और भत्तों में हुई कटौती से बहुत नाराज है कर्मचारियों को ऐसा प्रतीत हो रहा है कि सरकार निजीकरण को बढ़ावा देते हुए कर्मचारियों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं कर रही है। सरकार का उद्देश्य संविदा और आउटसोर्सिंग के माध्यम से कार्य संचालन किया जाना है जो कि कभी भी जनहित में नहीं हो सकता।
परिषद का कहना है कि संविदा और आउटसोर्सिंग के कर्मचारी भी अत्यंत परेशान हैं उन्हें अपने भविष्य की चिंता है। वास्तव में पुरानी पेंशन, वेतन भत्ते, कैशलेस चिकित्सा आदि महत्वपूर्ण मसलों पर सरकार का रुख देखकर कर्मचारी अब सड़कों पर उतरने को मजबूर है। सुभाष श्रीवास्तव ने बताया कि जन जागरण अभियान 17 मार्च तक जारी रहेगा इस बीच विभिन्न कार्यालयों में गेट मीटिंग रखी जाएगी ।