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इन्सेफ्लाइटिस ट्रीटमेंट सेंटर को प्रभावी बनायें

सिद्धार्थनाथ सिंह

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि जापानी इन्सेफ्लाइटिस (जेई)/एक्यूट इन्सेफ्लाइटिस सिन्ड्रोम (एईएस) रोग के नियंत्रण हेतु इन्सेफ्लाइटिस ट्रीटमेंट सेंटर को प्रभावी बनाया जाए। इसके साथ ही रेफरल जेई/एईएस मरीजों के लिए 108 एम्बुलेंस की उपलब्धता सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए हैं।

जेई-एईएस रोग के नियंत्रण को लेकर स्वास्थ्य मंत्री ने दिये निर्देश

श्री सिंह ने अपर मुख्य सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अरुण कुमार सिन्हा को जेई/एईएस से प्रभावित 33 जनपदों में इस रोग से बचाव एवं नियंत्रण हेतु प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जेई/एईएस पर प्रभावी नियंत्रण के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित डिस्ट्रिक टाक्सफोर्स की बैठकों को नियमित रूप से आहुत करें और जेई/एईएस प्रभावित जनपदों में टीकाकरण का कार्य प्राथमिकता पर किया जाए। साथ ही इसके अनुश्रवण की व्यवस्था भी की जाए। उन्होंने अस्पतालों में जेई/एईएस से प्रभावित लोगों के इलाज हेतु दवाओं की समुचित उपलब्ध सुनिश्चित करने के भी सख्त निर्देश दिए है।

गोरखपुर व बस्ती मंडल पर रखें विशेष नजर

स्वास्थ्य मंत्री ने इस संबंध में मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि गोरखपुर एवं बस्ती मण्डल के सात जनपदों के साथ ही अन्य प्रभावित जनपदों पर भी विशेष निगरानी रखी जाए। उन्होंने इस कार्य में जेई/एईएस रोग के सर्विलांस में निजी चिकित्सकों/नर्सिंग होम्स को भी शामिल करने के निर्देश दिए । उन्होंने कहा कि जेई/एईएस की रोकथाम हेतु अन्तर्विभागीय समन्वय स्थापित करने के लिए नगर विकास, बेसिक शिक्षा, जल निगम, पंचायतीराज तथा अन्य संबंधित विभागों का भी सक्रिय सहयोग प्राप्त किया जाए।

अनावश्यक जल भराव एवं गंदगी को प्राथमिकता से दूर करें

श्री सिंह ने जेई/एईएस से बचाव के उपाय के लिए ग्राम स्वास्थ्य एवं स्वच्छता समितियों को सक्रिय बनाने निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि क्षेत्रों में अनावश्यक जल भराव एवं गंदगी को प्राथमिकता से दूर करने के हर संभव प्रयास किये जाएं। उन्होंने जेई/एईएस प्रभावित जनपदों में इसके बचाव के लिए व्यापक रूप सामुदायिक जन-जागरण अभियान चलाकर जनमानस को जागरूक करने के भी निर्देश दिए।

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