– इप्सेफ के आह्वान पर पेंशन अंशदान व भत्तों में कटौती के विरोध में 1 मई को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। महंगाई भत्ते को फ्रीज किए जाने, नगर प्रतिकर भत्ता समाप्त किए जाने सहित उत्तर प्रदेश में छह और भत्ते समाप्त किए जाने तथा नई पेंशन व्यवस्था के कर्मचारियों के पेंशन में सरकारी अनुदान को 14% से घटाकर 10% किए जाने से नाराज देशभर के कर्मचारी पहली मई मजदूर दिवस के अवसर पर एक अनोखा आंदोलन छेड़ने जा रहे हैं, इस दिन दोपहर 12 बजे सभी कार्यालयों में कर्मचारी व्यक्तिगत दूरी बनाते हुए मोमबत्ती और दीये जलाकर, पोस्टर का प्रदर्शन कर कर्मचारियों के साथ हो रहे इस सौतेलेपन का विरोध करेंगे ।
इंडियन पब्लिक सर्विस इंप्लाइज फेडरेशन (ipsef) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीपी मिश्र ने बताया कि देश के सभी राज्यों में कर्मचारियों की नाराजगी को देखते हुए यह फैसला लिया गया। देश के सभी राज्यों में कल आंदोलन किया जाएगा, जिसकी सूचना प्रधानमंत्री कार्यालय एवं राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भेजा जा चुकी है। प्रधानमंत्री को भेजे पत्र में इप्सेफ ने कहा कि यह अत्यंत गंभीर और विचारणीय प्रश्न है कि देश के फरार कारोबारी सहित अनेक डिफाल्टरों के 68000 करोड़ से अधिक का कर्ज भारत सरकार ने माफ कर दिया है, वहीं कर्मचारियों से कटौती की जा रही है।
श्री मिश्रा ने देश के प्रत्येक कर्मचारी से अपील की कि सभी को अगर भविष्य सुरक्षित रखना है तो एकजुटता प्रदर्शित करनी होगी। उन्होंने कहा कि देश की जनता देख रही है कि सरकारी कर्मचारी देश के साथ खड़ा है, लेकिन उनके साथ उचित व्यवहार नहीं किया जा रहा है।
इप्सेफ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के के सचान, अशोक कुमार, प्रवक्ता सुनील यादव ने बताया कि उत्तर प्रदेश में इस आंदोलन को राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश द्वारा संचालित किया जाएगा, कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा के सभी घटक इस आंदोलन को समर्थन दे रहे हैं। इसके साथ ही देश के सभी कर्मचारियों का समर्थन इस आंदोलन को है, यह आंदोलन वास्तव में किसी एक बैनर का नहीं बल्कि कर्मचारी समूह का है।
कर्मचारियों को अपना अस्तित्व बचाने के लिए आज मजबूर होकर इस संक्रमण काल में भी विरोध व्यक्त करना पड़ रहा है। इस कार्यक्रम के माध्यम से देश भर कर्मचारी मजदूर दिवस पर वर्ष 1886 के मजदूर आंदोलन में भाग लेने वाले मजदूरों को अपनी श्रद्धांजलि भी अर्पित करेंगे, साथ ही इस आंदोलन के माध्यम से कोरोना संक्रमण काल में जनता की सेवा में लगे हुए सभी कोरोना वारियर्स को धन्यवाद भी ज्ञापित किया जाएगा।
परिषद के अध्यक्ष सुरेश रावत, महामंत्री अतुल मिश्रा ने बताया कि सभी कर्मचारियों को इस संबंध में अवगत करा दिया गया है, प्रदेश के सभी जनपदों के कर्मी कल दिन में 12 बजे कार्यालयों में मोमबत्ती जलाकर अपना विरोध करेंगे और जो कर्मचारी घरों में होंगे वे सभी कर्मचारी सूर्यास्त के बाद शाम 7 बजे अपने घरों पर दीये या मोमबत्तियां जलाएंगे। श्री मिश्रा ने कहा कि देशभर के कर्मचारियों से प्राप्त संदेशों को देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि कर्मचारी मानसिक रूप से अत्यंत व्यथित है, और अपने अस्तित्व के प्रति चिंतित हो गया है। आज जबकि देश में इस संकटकाल में सरकारी कर्मचारी ही लड़कर देश के नागरिकों की जान बचाने में लगा हुआ है, ऐसे में उनका सम्मान बढ़ाया जाना चाहिए था, लेकिन सरकार द्वारा इसके विपरीत आदेश जारी कर कर्मचारियों का मनोबल तोड़ा गया है।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की जनपद शाखा लखनऊ के अध्यक्ष सुभाष चंद्र श्रीवास्तव, मंत्री संजय पाण्डेय ने बताया कि आज लखनऊ के सभी कार्यालयों के कर्मचारियों को आंदोलन के संबंध में सूचित कर दिया गया। कर्मचारियों में अत्यंत आक्रोश व्याप्त है, कोरोना जैसी महामारी से लड़ने में प्रदेश का हर कर्मचारी जी-जान से लगा हुआ है अपनी जान की परवाह नहीं कर रहा है, कर्मचारी दिन-रात एक कर 24 घंटे सेवाएं दे रहे हैं लेकिन सरकार द्वारा उन्हें पुरस्कृत और सम्मानित करने के स्थान पर उनका महंगाई भत्ता कम कर दिया जाना, पेंशन में सरकारी अनुदान का कम किया जाना और भत्तों की कटौती निश्चित ही अत्यंत पीड़ादायक है, कर्मचारी स्वयं को अपमानित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि लखनऊ में के जी एम यू, बलरामपुर चिकित्सालय, सिविल चिकित्सालय, लोहिया चिकित्सालय सभी अन्य बड़े चिकित्सालय, नगर निगम कार्यालय, सिंचाई विभाग मुख्यालय, वन विभाग मुख्यालय, गन्ना विभाग, समाज कल्याण, कृषि, लोक निर्माण विभाग, विकास प्राधिकरण, रोडवेज़, परिवहन मुख्यालय, सेतु निगम सहित सभी छोटे-बड़े कार्यालयों में 12 बजे कर्मचारी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मोमबत्तियां जलाकर विरोध प्रदर्शन करेंगे और जनपद शाखा द्वारा प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया जाएगा। मोर्चा के महासचिव शशि मिश्रा ने भी अपनी तरफ से अपील जारी की है ।