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भारतीय समाज के लिए एक बोझ है सीओपीडी : प्रो बिपिन पुरी

-पल्‍मोनरी एवं क्रिटिकल केयर विभाग ने सीओपीडी दिवस पर आयोजित किया समारोह

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के पलमोनरी एंड क्रिटिकल केयर विभाग द्वारा आज विश्व सीओपीडी दिवस के मौके पर एक समारोह का आयोजन विभाग में किया गया। इस समारोह के मुख्य अतिथि केजीएमयू के कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल डॉक्टर बिपिन पुरी ने सीओपीडी बीमारी को भारतीय समाज के लिए एक बोझ बताते हुए कहा कि‍ यह बीमारी जीवन की गुणवत्ता को काफी कम करके रोगियों के जीवन को प्रभावित कर रही है। कुलपति ने कहा कि‍ हालांकि इस बीमारी को प्राथमिक श्‍वसन समस्या माना जाता है लेकिन दरअसल यह एक प्रणाली गत बीमारी है जिसमें धीरे धीरे कई अंग शामिल हो जाते हैं जोकि इस बीमारी के चलते प्रभावित हो जाते हैं।

कुलपति ने इस कार्यक्रम के आयोजन और सीओपीडी के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए पल्मोनरी एवं क्रिटिकल केयर विभाग को बधाई दी। ज्ञात हो सीओपीडी के विभिन्न पहलुओं जैसे इसके जोखिम कारक लक्षण प्रबंधन और रोकथाम के प्रति में के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए कार्यक्रम आयोजित किया गया था। कार्यक्रम में पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष व वल्लभ भाई पटेल चेस्ट इंस्टीट्यूट के पूर्व निदेशक प्रोफेसर राजेंद्र प्रसाद विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

प्रोफेसर राजेंद्र प्रसाद समारोह में वक्ता भी रहे उनके अतिरिक्त एसजीपीजीआई के डॉ आलोक नाथ, मैक्स हॉस्पिटल साकेत नई दिल्ली के डॉ राहुल चंदोला ने वक्ता के रूप में भाग लिया।

डॉ राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि लंबे समय से हालांकि धूम्रपान को सीओपीडी का एकमात्र कारण माना जाता रहा है लेकिन वायु प्रदूषण और घर के अंदर बायोमास ईंधन का एक्सपोजर इस बीमारी के बढ़ते बोझ के लिए लगभग समान रूप से जिम्मेदार है।

पल्मोनरी एवं क्रिटिकल केयर विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ वेद प्रकाश ने सीओपीडी के प्रबंधन के बारे में बताया, जबकि डॉ आलोक नाथ ने रोग की वृद्धि की रोकथाम और प्रबंधन के बारे में जानकारी दी, डॉ राहुल चंदोला ने उन्नत रोग के रोगियों में शल्य चिकित्सा प्रबंधन के बारे में बताया।

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