-इन कॉलेजों में राजधानी लखनऊ के अर्जुनगंज, मलिहाबाद व बीकेटी के तीन निजी कॉलेज भी शामिल
-गड़बड़ी की शिकायत मिलने के बाद मुख्यमंत्री ने दिये थे जांच के आदेश, सभी जिलों में करायी गयी थी जांच
सेहत टाइम्स
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए डी फार्मा (डिप्लोमा इन फार्मेसी) कोर्स कराने वाले प्रदेश के 427 निजी फार्मेसी कॉलेजों को जारी किये गये अनापत्ति प्रमाण पत्र एनओसी को कैंसिल कर दिया है। जिन कॉलेजों की एनओसी कैंसिल की गयी है उनमें तीन कॉलेज राजधानी लखनऊ के हैं। यही नहीं बताया जा रहा है कि इन कॉलेजों की सम्बद्धता को लेकर एक बार फिर जांच की जा सकती है। इसके साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि वर्ष 2019 के बाद से जारी किये गये सभी एनओसी की जांच की जांच की जायेगी।
यह कार्रवाई मुख्यमंत्री द्वारा गड़बड़ी की शिकायत प्राप्त होने पर दिये गये जांच के निर्देशों के बाद गड़बड़ी पाये जाने के बाद की गयी है। नये सत्र में 1243 कॉलेजों को एनओसी जारी की गयी थी।
मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश प्राविधिक शिक्षा परिषद में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर कार्रवाई हुई है। गड़बड़ी की शिकायत पर मुख्यमंत्री ने बीती 23 मार्च को सभी जिलों में जांच के आदेश दिये गये थे। लखनऊ के जिन तीन कॉलेजों की एनओसी कैंसिल की गयी है उनमें दयानंद यादव कॉलेज ऑफ फार्मेसी, अर्जुनगंज, लखनऊ कॉलेज ऑफ फार्मेसी, कटौली, मलिहाबाद तथा वॉइट हॉल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी, रैथा रोड, बीकेटी शामिल हैं।
सच्चाई सामने लाने के लिए जांच में भी काफी सतर्कता बरती गयी। और जिलों के लिए बनायी गयी जांच कमेटी से प्राविधिक परिषद के अधिकारियों को अलग रखा गया। कमेटी में एक तहसीलदार, राजकीय इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य और एक नामित सहायक अभियंता को शामिल किया गया था। ऐसा पहली बार हुआ कि जब जांच के लिए प्राविधिक शिक्षा परिषद के किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को शामिल नहीं किया गया।
कॉलेजों की लिस्ट, जिनकी एनओसी रद की गयी