ब्रेस्ट कैंसर सरवाइवर्स की कहानी, उन्हीं की जुबानी
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। न हमें आप अब ऑपरेशन के बाद कोई दिक्कत है ना ही हमारे व्यक्तित्व में कोई बदलाव आया है बल्कि असलियत तो यह है दूसरे लोग जो देखते हैं वे कहते हैं कि तुम्हारे अंदर तो स्मार्टनेस बढ़ गई है। मुझमें यह बदलाव मेरे बालों की वजह से आया। मेरे बाल जो पहले सीधे निकले हुए थे वे ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के बाद जब दोबारा वे घुंघराले निकले हैं।
यह कहना है ब्रेस्ट कैंसर सरवाइवर्स ग्रुप की सदस्य नीतू रस्तोगी और कंचन रावत का। आपको बता दें की केजीएमयू के एंडोक्राइन सर्जरी विभाग के मुखिया प्रो आनंद मिश्रा ने ब्रेस्ट कैंसर से निजात पा चुके मरीजों का एक ग्रुप बनाया है, ब्रेस्ट कैंसर सरवाइवर्स ग्रुप मैं दर्जनों महिलाएं और पुरुष शामिल हैं। इन महिलाओं और पुरुषों को कभी ब्रेस्ट कैंसर की शिकायत थी, जो प्रो आनंद मिश्र व उनकी टीम द्वारा ऑपरेशन कर दूर कर दी गयी है।
ब्रेस्ट कैंसर सरवाइवर्स ग्रुप की बैठक में आये इन चार लोगों 55 वर्षीय संजू वर्मा अंजू वर्मा, 47 वर्षीय नीतू रस्तोगी, 40 वर्षीय कंचन रावत तथा पुरुषों में 60 वर्षीय मोहम्मद मेहताब खान से ‘सेहत टाइम्स’ ने इस विषय को लेकर बात की। इन चारों की खास बात यह थी इतनी बड़ी बीमारी पर विजय पाने के बाद इनका आत्मविश्वास चरम पर था इन सब का यही कहना था कि हम दूसरों को यही समझाते हैं कि अगर कोई भी दिक्कत है तो डॉक्टर को जरूर दिखाना चाहिए अंजू वर्मा नौकरी करती हैं जबकि नीतू और कंचन हाउसवाइफ है।
महिलाओं ने बताया कि लोगों में मन में यह बात रहती है कि कैंसर जैसी बीमारियों का इलाज के लिए मुम्बई नहीं गयीं, महिलाओं ने बताया कि जब अपने ही शहर में अच्छी सुविधा उपलब्ध है तो बाहर क्यों जाना। तीनों महिलाओं ने अपनी बीमारी के समय को याद करते हुए कहा कि हमें अपने घर से भी बहुत सपोर्ट मिला, पति, सास सभी के सहयोग से हम कैंसर के खिलाफ जंग जीत पाये।
आपको बता दें कि अंजू वर्मा को ब्रेस्ट कैंसर का पता 2014 में, नीतू रस्तोगी को 2016 में तथा कंचन रावत को 2018 में चला। आपको बता दें कि अंजू वर्मा को 6 बार कीमो थैरेपी, 15 बार रेडियोथैरेपी देनी पड़ी, नीतू रस्तोगी को 8 बार कीमोथैरेपी तथा कंचन रावत को 8 कीमो, 24 रेडियोथैरेपी से इलाज के अलावा मोहम्मद मेहताब खान को 6 कीमो व 16 बार रेडियोथैरेपी के साथ हार्मोनल इलाज दिया गया। मोहम्मद मेहताब की हिम्मत की कहानी कुछ अलग ही तरह की है, इन्होंने बताया कि 2016 में उनके दायें स्तन से मवाद जैसा निकलता था, फिर एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती हुए, उसके बाद आराम न मिलने पर वहां से केजीएमयू रेफर कर दिया गया था। मोहम्मद मेहताब बताते हैं कि मेरे तीन बेटियां हैं तीनों की शादी मैं कर चुका था, उन्होंने कहा कि इन परिस्थितियों में इस बीमारी से लड़ने में मेरी सोच थी कि मुझे न जीने की खुशी है और न मरने का गम, इसलिए जो होगा देखा जायेगा, और इस तरह सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ कैंसर जैसी बीमारी पर विजय पायी।
अंजू, नीतू और कंचन का हौसला अब देखते ही बनता है। तीनों ने कहा कि पिछले दिनों जब फैशन कैटवाक का आयोजन किया गया तो एक बार तो लगा कि हम कर पायेंगे कि नहीं क्योंकि यह अलग तरह का टास्क था लेकिन फिर अंजना मैम ने समझाया कि आप लोग बिल्कुल भी नर्वस न हो, जब कैंसर को आप हरा सकती हैं तो आप लोगों के लिए कोई भी कार्य मुश्किल नहीं है। आपको बता दें कि यहां अंजना मैम से तात्पर्य अंजना मिश्रा यानी प्रो आनंद मिश्र की पत्नी से है, जो अपना समाज सेवा का शौक डॉ आनंद मिश्र के कंधे से कंधा मिलाकर पूरा करती हैं।
सर्वाइवर्स ग्रुप ने पिछले दिनों अटल बिहारी साइंटिफिक सेंटर मे अक्टूबर माह में आयोजित एक फैशन कैटवॉक भी किया था। इस कार्यक्रम में बॉलीवुड की अदाकारा पद्मिनी कोल्हापुरे और मशहूर भजन गायिका तृप्ति शाक्या भी आई थीं। प्रोफ़ेसर आनंद मिश्रा बताते हैं कि इस ग्रुप को बनाने का उद्देश्य नए कैंसर रोगियों को अपनी बीमारी को हौवा न समझते हुए सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ इलाज करवाना है, क्योंकि ब्रेस्ट कैंसर पूरी तरह से साध्य है।