-फार्मासिस्ट महासंघ के अध्यक्ष ने कहा, परिवार का पालन-पोषण हो रहा बाधित
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। वैश्विक महामारी कोविड-19 के क्रूर हाथों ने उत्तर प्रदेश में अब तक उत्तर प्रदेश में 4690 लोगों को छीन लिया है। मरने वालों में कोविड का इलाज करने वाले चिकित्सक से लेकर आम आदमी तक सभी शामिल हैं। अब तक कुल पांच फार्मासिस्ट भी अपने प्राण गंवा चुके हैं, इनमें एक की मृत्यु आज 16 सितम्बर को ही हुई है। प्राण जाने का दुख तो ऐसा है कि सहन करना ही पड़ेगा, लेकिन जो दुख कम किया जा सकता है, वह भी कम नहीं किया गया है। अभी तक किसी भी फार्मासिस्ट के परिवार को मृत्योपरांत मिलने वाली सहायता राशि का भुगतान नहीं हो पाया है।
फार्मासिस्ट महासंघ के अध्यक्ष सुनील यादव ने यह जानकारी देते हुए कहा है कि कोविड-19 ने सबसे पहले 9 जून को हाथरस में तैनात हमारे साथी देवेन्द्र शर्मा को छीन लिया था, इनके परिवार को अब तक मदद का इंतजार है। इसके बाद 25 जून को दिनेश यादव, सिद्धार्थनगर, 18 अगस्त को जे पी चौबे, सिद्धार्थ नगर, 4 सितम्बर को रणवीर सिंह, मेडिकल कॉलेज बहराइच तथा आज 16 सितम्बर को राजेश कुमार वर्मा, बाराबंकी की असमय मृत्यु हो चुकी है। सुनील यादव ने बताया कि लगभग साढ़े तीन माह बीत गये हैं लेकिन अभी तक दूसरे साथियों की बात तो दूर प्रथम शहीद फार्मासिस्ट देवेन्द्र शर्मा के परिवार को ही कोई सहायता उपलब्ध नहीं हो पाई है। सुनील यादव का कहना है कि कागजों के मकड़जाल में उलझी सहायता राशि के अभाव में उन साथियों के परिवार में ज्यादातर छोटे बच्चे हैं, घर में ऐसा कोई नहीं है जो कागजों के आगे-पीछे दौड़ता रहे।
सुनील यादव ने कहा कि मैं सरकार से अपील करता हूं कि तत्काल सभी को राहत राशि प्रदान करें साथ ही उत्तर प्रदेश में एक स्पष्ट समय सीमा तय की जय कि किसी कोरोना योद्धा की कोरोना वायरस से मौत होने पर निश्चित समय सीमा में उनके परिवार को राहत राशि प्रदान कर दी जाए, जिससे उनके परिवार का भरण-पोषण तो हो सके।
फार्मासिस्टों की सूची, जिनकी मौत कोरोना संक्रमण से हुई
- देवेश शर्मा हाथरस – 9 जून 2020
- दिनेश यादव सिद्धार्थनगर – 25 जून 2020 (कोविड ड्यूटी में अचानक डेथ)
- जे पी चौबे, सिद्धार्थ नगर – 18 अगस्त 2020
- रणवीर सिंह, मेडिकल कॉलेज बहराइच – 4 सितम्बर 2020
- राजेश कुमार वर्मा, बाराबंकी – 16 सितम्बर, 2020