-46 वर्षीय पुरुष को जीवनसंगिनी ने अपने लिवर का भाग देकर दिया नया जीवन
सेहत टाइम्स
लखनऊ। लिवर ट्रांसप्लांट में दुनिया के उन्नत संस्थानों की भांति सफलता की दर 90 प्रतिशत से ऊपर प्राप्त करते हुए किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, केजीएमयू लखनऊ का लिवर ट्रांसप्लांट का सफर जारी है। सफल लिवर ट्रांसप्लांट की इस कैप में 29 मार्च को सफलता का एक और पंख लग गया। संस्थान में 21वां लिवर ट्रांसप्लांट एक 46 वर्षीय पुरुष का किया गया है। अपने पति को नया जीवन देने के लिए जीवन संगिनी ने अपने लिवर का एक भाग दान किया।
इस सफलता की इबारत लिखने वाली टीम के मुखिया कुलपति ले.ज. डॉ बिपिन पुरी ने इस सफलता के लिए टीम को बधाई दी है। केजीएमयू के मीडिया प्रवक्ता डॉ सुधीर सिंह ने बताया कि गत दिवस 29 मार्च को संस्थान में 21वां लिवर ट्रांसप्लांट किया गया। मरीज 46 वर्षीय पुरुष, जिला देवरिया, उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। वह एडवांस स्टेज लिवर सिरोसिस से पीड़ित थे। उनकी पत्नी ने अपने लिवर का हिस्सा दान कर दिया।
इस सर्जरी टीम का नेतृत्व गैस्ट्रोसर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अभिजीत चंद्रा और डॉ. स्लेवकुमार ने किया। अन्य डॉक्टरों में गैस्ट्रोसर्जरी विभाग के डॉ. आशीष, डॉ. प्रीतीश, डॉ. महेश, डॉ. रवि पटेल, डॉ. कृष्णा, डॉ. यशवर्धन, डॉ. डी. मुक्तेश्वर, डॉ. रवींद्र शामिल थे। इसके अतिरिक्त एनेस्थीसिया विभाग से डॉ. श्वेता सिंह, डॉ. तन्मय तिवारी, डॉ. राजेश रमन और डॉ. रति प्रभा शामिल रहीं। इनके अतिरिक्त अन्य महत्वपूर्ण सेवाओं में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एसएन संखवार, ब्लड ट्रांसफ्यूजन विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. तूलिका चंद्रा, माइक्रोबायोलॉजी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. अमिता जैन, पैथोलॉजी विभाग के डॉ. अतिन सिंघई, कार्डियोलॉजी विभाग के डॉ. गौरव चौधरी, मेडिसिन विभाग के डॉ. डी हिमांशु और डॉ. अजय कुमार, गैस्ट्रोमेडिसिन विभाग के डॉ. सुमित रूंगटा और क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के डॉ. अविनाश अग्रवाल ने अपना योगदान दिया।
प्रत्यारोपण की इस प्रक्रिया में 20 से अधिक रेजीडेंट्स और 50 ओटी और अन्य पैरामेडिकल स्टाफ की भी एक टीम शामिल थी। प्रवक्ता के अनुसार मरीज और डोनर दोनों की हालत फिलहाल स्थिर है और केजीएमयू के ट्रांसप्लांट आईसीयू में उनकी निगरानी की जा रही है।
उन्होंने बताया कि अब तक केजीएमयू में कुल 21 लिवर ट्रांसप्लांट (15 लिविंग डोनर और 6 कैडेवरिक लिवर ट्रांसप्लांट) किए गए हैं, इनकी सफलता दर 90% से अधिक है। उन्होंने बताया कि केजीएमयू की सफलता की यह दर दुनिया के सबसे उन्नत केंद्रों की सफलता दर के बराबर है।