-चार दिवसीय आईसीएसीओएन 2024 का आयोजन किया केजीएमयू के एनेस्थीसिया विभाग ने
सेहत टाइम्स
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने ऑपरेशन थिएटरों और आईसीयू में संकट प्रबंधन में एनेस्थेसियोलॉजिस्ट्स की महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना करते हुए कहा है कि ऐसे महत्वपूर्ण क्षणों में उनकी विशेषज्ञता जीवन बचाने में प्रमुख होती है।
ब्रजेश पाठक ने यह बात 14 सितम्बर को किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के एनेस्थीसिया विभाग द्वारा भारतीय एनेस्थेसियोलॉजिस्ट्स कॉलेज के 5वें अंतर्राष्ट्रीय और 15वें राष्ट्रीय सम्मेलन (आईसीएसीओएन 2024) के उद्घाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि अपने सम्बोधन में कही। सम्मेलन का उद्घाटन ब्रजेश पाठक के साथ ही राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, केजीएमयू की कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद और भारतीय एनेस्थेसियोलॉजिस्ट्स कॉलेज की अध्यक्ष प्रो. जयश्री सूद ने संयुक्त रूप से किया।
12 से 15 सितम्बर तक आयोजित चार दिवसीय सम्मेलन के अनेक कार्यक्रम केजीएमयू में आयोजित किये गये है जबकि औपचारिक उद्घाटन समारोह लखनऊ के होटल हॉलिडे इन में किया गया। यह सम्मेलन एनेस्थेसियोलॉजी के क्षेत्र में कार्यरत प्रमुख पेशेवरों, शोधकर्ताओं और विचारकों को एक मंच पर लाया, जहाँ उन्होंने अत्याधुनिक प्रगति, रुझान और चुनौतियों पर चर्चा की।
आईसीएसीओएन 2024 की आयोजन अध्यक्ष प्रो. मोनिका कोहली और आयोजन सचिव डॉ. तन्मय तिवारी ने अपने उद्घाटन भाषण में बताया कि इस वर्ष का सम्मेलन एनेस्थेसिया प्रैक्टिस में नवाचार, रोगी सुरक्षा और वैश्विक चिकित्सा समुदाय के सहयोग पर केंद्रित है। सम्मेलन में विभिन्न सत्र, कार्यशालाएँ और पैनल चर्चा आयोजित की गईं, जहाँ ज्ञान का आदान-प्रदान और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा किया गया।
उन्होंने कहा कि केजीएमयू का एनेस्थीसिया विभाग भारत और विश्व में एनेस्थेटिक प्रथाओं को आगे बढ़ाने में अग्रणी रहा है। यह विभाग चिकित्सा पेशेवरों को प्रशिक्षण देने और प्रगतिशील अनुसंधान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विभाग के निरंतर योगदान ने चिकित्सा शिक्षा और रोगी देखभाल को सशक्त बनाया है।
कुलपति, केजीएमयू, प्रो. सोनिया नित्यानंद ने आईसीएसीओएन 2024 की भव्य सफलता पर एनेस्थेसिया विभाग को बधाई दी और आयोजन समिति की समर्पित टीम की सराहना की।
आयोजन सचिव डॉ. तन्मय तिवारी ने प्रतिष्ठित राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय वक्ताओं के प्रति आभार व्यक्त किया, जिन्होंने उभरती हुई तकनीकों पर अंतर्दृष्टि प्रदान की और एनेस्थेसियोलॉजी के क्षेत्र में चुनौतियों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन एनेस्थेसियोलॉजिस्ट्स, पैरामेडिक्स और नर्सिंग पेशेवरों के लिए निरंतर चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) और कौशल संवर्धन के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है।