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दिल के दौरे से अचानक हो रही मौतों पर एम्‍स के विशेषज्ञ ने दी महत्‍वपूर्ण जानकारी  

-कानपुर के हृदय रोग संस्‍थान में आयोजित दो दिवसीय कॉन्‍फ्रेंस का समापन

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ/कानपुरऑल इंडिया इंस्‍टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एम्‍स दिल्‍ली के वरिष्‍ठ प्रोफेसर हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ राकेश यादव ने अचानक हार्ट अटैक से होने वाली मौतों के बारे एक महत्‍वपूर्ण जानकारी देते हुए कहा है कि कुछ जन्मजात जीन्स व अनियमित जीवनचर्या सडन कार्डियक अरेस्ट का एक प्रमुख कारण है जिस पर कि समय पर जांच, परामर्श व स्वस्थ्य दिनचर्या के द्वारा काबू पाया जा सकता है।

डॉ यादव ने यह जानकारी रविवार को कानपुर के जीएसवी मेडिकल कॉलेज ऑडिटोरियम में कार्डियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ़ इण्डिया के यू०पी० चैप्टर की कॉन्फ़्रेंस के दूसरे दिन अपने लेक्‍चर में दी। कॉन्‍फ्रेंस में देश के विभिन्न चिकित्सीय संस्थानों से आए हुए हृदय रोग विशेषज्ञों ने विभिन्न विषयों पर व्याख्यान दिये।

संस्‍थान के निदेशक डॉ विनय कृष्‍ण ने बताया कि दूसरे दिन की शुरुआत एम्स दिल्ली के सीनियर प्रोफेसर डॉ राकेश यादव के लेक्चर से हुई ,डा० यादव ने अचानक हार्ट अटैक से होने वाली मौतों पर प्रकाश डाला और बताया कि कुछ जन्मजात जीन्स व अनियमित जीवनचर्या अचानक कार्डियक अरेस्ट का एक प्रमुख कारण है जिस पर कि समय पर जांच, परामर्श व स्वस्थ्य दिनचर्या के द्वारा काबू पाया जा सकता है। डॉ यादव ने बताया कि जिन व्यक्तियों की फैमिली में अचानक मृत्यु का इतिहास है वो व्यक्ति अपनी इको और ईसीजी की जांच अवश्य करायें।

प्रसव से पूर्व ही हो सकती है शिशु के दिल में छेद की पहचान

इसके बाद अमृता इंस्टीट्यूट कोची के डॉ०बालू वैद्यनाथ ने गर्भावस्था के दौरान इको की जांच पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इससे नवजात के दिल में छेद की पहचान प्रसव से पहले ही की जा सकती है जिससे कि समय पर उपचार के माध्यम से इसे ठीक किया जा सके।

कानपुर के रीजेंसी हॉस्पिटल के सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डा० हर्षवर्धन ने हृदय रोग विशेषज्ञों में ट्रेनिंग के दौरान मानवीय मूल्यों की शिक्षा पर बल देने की आवश्यकता महसूस करते हुए इस बात पर ज़ोर डाला कि चिकित्सकों में मानवीय संवेदना और परोपकार की भावना का होना अति आवश्यक है। मैक्स हॉस्पिटल दिल्ली के डा०विवेका कुमार ने अनियमित हृदय गति के कारणऔर उसके उपचार पर अपना व्याख्यान दिया। एम्स रायबरेली के डा० अंकित गुप्ता ने एंजाइना पेन पर बोलते हुए कहा कि हार्ट के बीचों-बीच अगर चलने फिरने में दर्द महसूस हो जो कि कार्य करने पर बढ़ने लगे तो अपने चिकित्सक से संपर्क ज़रूर करें व इसे सामान्य गैस का दर्द न मानें।

केजीएमयू लखनऊ के पूर्व विभागाध्‍यक्ष डॉ आरके सरन व बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के डा० धर्मेन्द्र जैन ने हृदय की धमनियों में रुकावट से होने वाली दिक्कतों व उसके उपचार के सम्बन्ध में बताया। मेडिकल कॉलेज झांसी के सीनियर प्रोफेसर डा० प्रवीण जैन ने हार्ट फेल्योर और उसके उपचार की नयी तकनीकियों व आर्टिफीशियल हार्ट के विषय में बताया। कार्यक्रम के समापन समारोह में सभी संस्थानों के उत्कृष्ट कार्य करने वाले टेक्नीशियन व नर्सिंग स्टाफ को सोसायटी की तरफ़ से सम्मानित किया गया। हृदय रोग संस्थान के कार्डियक टेक्निशियन अशोक कुमार व सिस्टर इंचार्ज सुनीता यादव को सोसाइटी के अध्यक्ष व अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के हेड डॉ एमयू रब्बानी द्वारा उनकी 30 वर्षों की उत्कृष्ट सेवा के लिए पुरस्कृत किया गया।

कार्डियोलॉजिकल सोसायटी ऑफ़ इण्डिया यूपी चैप्टर के नये अध्यक्ष के रूप में संजय गांधी हॉस्पिटल लखनऊ के हृदय रोग विभाग के मुखिया डॉ आदित्य कपूर ने कार्यभार ग्रहण किया व सोसायटी द्वारा समाज हित में किये जा रहे कार्यों के विषय में बताया। समारोह के अन्त में कॉन्फ़्रेंस के आयोजनकर्ता  डॉ संतोष सिन्हा  व डॉ अवधेश शर्मा, कोषाध्यक्ष डॉ एमएम रजी ने दो दिवसीय कॉन्फ़्रेंस के सफल आयोजन के पूर्ण होने पर सभी को धन्यवाद प्रस्ताव दिया व आभार प्रकट किया। संस्थान के निदेशक डॉ विनय कृष्णा, विभागाध्यक्ष, डॉ रमेश ठाकुर, डॉ राकेश वर्मा व डॉ उमेश्वर पांडेय ने भविष्य में भी इस तरह के शैक्षणिक कार्यक्रमों के आयोजन के महत्‍व पर बल दिया। समारोह में हृदय रोग संस्थान के अन्य वरिष्ठ चिकित्सक डॉ सीएम वर्मा, डॉ मोहम्मद अहमद, डॉ आरपीएस भारद्वाज, डॉ मोहित सचान, डॉ मुकेश झा, डॉ प्राची शर्मा, डॉ कुमार हिमांशु व डॉ प्रवीण शुक्ला भी मौजूद रहे।

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