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एनीमिया की समस्या से निपटने के लिए बहु विषयक दृष्टिकोण की आवश्यकता

-लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में “उत्तर प्रदेश के परिप्रेक्ष्य में एनीमिया” पर सीएमई आयोजित

सेहत टाइम्स

लखनऊ। “उत्तर प्रदेश के परिप्रेक्ष्य में एनीमिया” पर सीएमई (सतत चिकित्सा शिक्षा) कार्यक्रम का आज डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान (डॉ. आरएमएलआईएमएस), लखनऊ में उद्घाटन हुआ। यह कार्यक्रम सामुदायिक चिकित्सा विभाग द्वारा राष्ट्रीय चिकित्सा विज्ञान अकादमी (एन ए एम एस, नयी दिल्ली), यूनिसेफ, और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के सहयोग से आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में इस बात पर जोर दिया गया कि एनीमिया, जो भारत में लाखों लोगों को प्रभावित करने वाली एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है, से निपटने के लिए एक बहु-विषयक दृष्टिकोण की आवश्यकता है।

उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में प्रो. संजीव मिश्रा, कुलपति, अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय, उपस्थित रहे। साथ ही प्रो. राजेंद्र प्रसाद (राज्य संयोजक, एनएएमएस), प्रो. सी.एम. सिंह (निदेशक, डॉ. आरएमएलआईएमएस), प्रो. प्रद्युम्न सिंह (डीन), और प्रो. अजय कुमार सिंह (मुख्य चिकित्सा अधीक्षक) भी सत्र में शामिल थे। सामुदायिक चिकित्सा विभाग के प्रमुख प्रो. एस.डी. कांडपाल ने आयोजन अध्यक्ष के रूप में कार्यक्रम का नेतृत्व किया, और डॉ. अरविंद कुमार सिंह ने आयोजन सचिव की भूमिका निभाई।

देशभर से आये वक्ताओं और पैनलिस्टों ने एनीमिया के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श किया, जिसमें सार्वजनिक स्वास्थ्य रणनीतियों, रोकथाम, और उपचार पर विशेष ध्यान दिया गया। चर्चाओं में भारत, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश में, एनीमिया की स्थायी चुनौतियों और इसे नियंत्रित करने के नए तरीकों की खोज की गई। बच्चों, किशोरियों, गर्भवती महिलाओं, और बुजुर्गों में एनीमिया नियंत्रण पर भी विशेष रूप से जोर दिया गया।

प्रो. राजेंद्र प्रसाद (राज्य संयोजक, एनएएमएस) और अन्य प्रमुख गणमान्य व्यक्तियों ने डॉक्टरों और तृतीयक स्तर के चिकित्सा संस्थानों की भूमिका पर विचार साझा किए, जो एनीमिया जैसी सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान में महत्वपूर्ण हैं। प्रो. सी.एम. सिंह ने संस्थान के स्वास्थ्य परिणामों में सुधार के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित किया और प्रतिभागियों को इस सीएमई से प्राप्त ज्ञान का उपयोग कर एनीमिया नियंत्रण पर सार्थक प्रभाव डालने के लिए प्रेरित किया।

प्रमुख वक्ताओं में डॉ. सुर्यांशु ओझा (एनएचएम), रबी नारायण पारी (यूनिसेफ), प्रो. रुचि गुप्ता (एसजीपीजीआईएमएस), प्रो. स्मृति अग्रवाल (केजीएमयू), प्रो. कौसर उस्मान (केजीएमयू), और डॉ. मृत्युंजय कुमार (एम्स, रायबरेली) शामिल थे। एनीमिया नियंत्रण पर बहु-क्षेत्रीय रणनीतियों पर पैनल चर्चा में प्रो. आर.के. श्रीवास्तव (पूर्व डीजीएचएस, भारत सरकार एवं पूर्व एमसीआई बीओजी अध्यक्ष), प्रो. अशोक कुमार भारद्वाज (प्रोफेसर एमेरिटस, एमएम मेडिकल कॉलेज, सोलन), डॉ. नीतू सिंह (प्रोफेसर एवं एचओडी, प्रसूति एवं स्त्री रोग, आरएमएलआईएमएस), और डॉ. वेंकटेश कार्तिकेयन (एम्स, पटना) ने भाग लिया।

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