संजय गांधी पीजीआई के स्थापना दिवस समारोह में की मुख्य सचिव ने घोषणा
हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ नरेश त्रेहान ने वर्तमान में चिकित्सा की चुनौती के बारे में बताया
लखनऊ। संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) ने आज अपना 35वां स्थापना दिवस मनाया। इस मौके पर आयोजित समारोह के मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव व पीजीआई के अध्यक्ष अनूप चंद्र पाण्डेय ने कहा कि सरकार जल्दी ही उत्तर प्रदेश के लिए मेडिकल इन्वेस्टमेंट पॉलिसी लायेगी। इसी के साथ ही उन्होंने पीजीआई की चिकित्सा की सराहना करते हुए कहा कि संस्थान आने वाले मरीजों की संख्या ज्यादा होने के कारण यहां बेड बढ़ाने की जरूरत है, उन्होंने कहा कि बेहतरीन इलाज की वजह से इस अस्पताल डिमांड बहुत है। उन्होंने कहा कि मैंने निदेशक से कहा है कि 200 बेड बढ़ाइये, इसके लिए जितने बजट की आवश्यकता हो, उसका प्रस्ताव भेजिये, आपको निराश नहीं किया जायेगा। उन्होंने यह भी कहा कि संस्थान में जल्दी ही रोबोटिक सर्जरी की शुरुआत की जायेगी।
श्री पाण्डेय ने कहा कि पीजीआई ने अपनी सेवा का लम्बा समय तय किया है और अपनी गुणवत्ता से देश ही नहीं विदेशों में भी अपना अलग स्थान बनाया है। उन्होंने कहा कि कोई भी संस्थान को अच्छा बनाने के लिए भव्य भवन, अट्टालिकाओं की जरूरत नहीं होती है, संस्थान अच्छा बनता है वहां पर कार्य करने वाले लोगों से, ऐसी स्थिति में पीजीआई में कार्य करने वाले लोगों की मेहनत का ही यह परिणाम है कि पीजीआई अपनी विशिष्ट पहचान बना सका है। उन्होंने कहा कि इस समारोह में मौजूद देश के मशहूर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ नरेश त्रेहान लखनऊ के ही हैं, यह सोच कर गर्व महसूस होता है, उन्होंने कहा कि यह कहना गलत न होगा कि धीरे-धीरे लखनऊ मेडिकल हब बन रहा है, चिकित्सा क्षेत्र में बेहतर पढ़ाई, शोध, उपचार क्षेत्रों की सुविधा लखनऊ में उपलब्ध है।
समारोह में देश के मशहूर कार्डियोलॉजिस्ट, पदमश्री एवं मेदांता मेडिसिटी के निदेशक डॉ नरेश त्रेहान ने लखनऊ के अलावा चार अन्य जनपदों में मेदांता हास्पिटल खोलने का आश्वासन दिया है। इसके अलावा सात सरकारी और 17 निजी मेडिकल कॉलेज के अलावा यहां पर अटल चिकित्सा विश्वविद्यालय खुलने जा रहा है, जोकि प्रदेशवासियों के लिए बहुत ही लाभकारी सिद्ध होगा। समारोह में उन्होंने एक व्याख्यान प्रस्तुत किया। इस व्याख्यान के जरिये उन्होंने बताया कि इस समय सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों की संख्या बहुत कम है, उन्होंने कहा कि चिकित्सकों और मरीजों के आदर्श अनुपात की स्थिति लाने में तो कम से कम 10 साल तक लग सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत में चिकित्सा व्यय दुनिया में सबसे कम है। कुछ देशों से यह 90 प्रतिशत तक कम है। उन्होंने कहा कि हालांकि यह सही है कि देश में चिकित्सकों की कमी है और वर्तमान में चिकित्सक और मरीज के बीच का अनुपात बहुत कम है यानी मरीजों की अपेक्षा चिकित्सक और अन्य स्टाफ काफी कम हैं। अनुपात की आदर्श स्थिति को लाने में कम से कम 8 से 10 वर्ष तक का समय लग सकता है क्योंकि यह आसान नहीं है। उन्होंने कहा कि लेकिन तब तक हमारे पास जो भी चिकित्सक और साधन मौजूद हैं उसका बेहतर उपयोग करके काम चलाना होगा।
डॉ त्रेहान ने अपना व्याख्यान चार्ट के जरिये देते हुए उन्होंने बताया कि किस तरह से प्राइमरी, सेकेन्डरी और टरशियरी कैटेगरी की सुविधाओं का लाभ देश के लोग ले पाते हैं, उन्होंने कहा कि लोगों को हम अगर चार ग्रुप (उच्च आय वर्ग, मध्यम आय वर्ग, अल्प आय वर्ग तथा गरीबी की रेखा से नीचे का वर्ग) में बांटें तो उच्च आय वर्ग वाले को तो प्राइमरी, सकेन्डरी और टरशियरी सभी सुविधाएं आसानी से मुहैया हो जाता हैं लेकिन मध्यम आय वर्ग को प्राइमरी और सेकेन्डरी, अल्प आय वर्ग वाले को प्राइमरी तथा गरीबी की रेखा से नीचे वाले लोगों के लिए तीनों तरह की सुविधा तक पहुंच पाना आसान नहीं रहता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में स्थिति यह है कि देश की 50 फीसद आबादी को इलाज कराने के लिए 100 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है, इसीलिए यह देखा गया है कि किसी भी रोग को पहले तो व्यक्ति अनदेखा करता है, इसी चक्कर में कई बार रोग खतरनाक स्थिति में पहुंच जाता है।
उन्होंने इसका हल बताते हुए कहा कि अकेले सरकार के लिए यह दिक्कत भरा कार्य है इसके लिए पीपीपी यानी पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के जरिये लोगों तक उपचार मुहैया कराया जा सकता है। डॉ.नरेश त्रेहन ने कहा कि प्रदेश में मरीजो की बढ़ती संखया को गुणवत्ता युक्त इलाज मुहैय्या कराने के लिए जिला स्तर पर 200 सेकेंडरी टर्सरी केयर हास्पिटल निर्मित होने चाहिये। जिला हास्पिटल की तर्ज पर शुरू होने वाले इन हास्पिटल को पीपीपी माडल पर खोला जाना चाहिये। इन हास्पिटल में गुणवत्ता युक्त इलाज देने के लिए स्किल डेवलपमेंट करना होगा। इसके बाद सस्ता और अच्छा इलाज दिया जा सकता है। क्योंकि 80 प्रतिशत मरीज इन्हीं हॉस्पिटल में उपचारित हो सकते हैं। इनके न होने से सभी मरीज पीएचसी से सीधे पीजीआई,, मेडिकल कॉलेज या अन्य सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल पहुंच रहा है, जिससे उच्च तकनीक के अस्पतालों में सामान्य मरीजों की भीड़ बनी हुई है।
इस मौके पर संस्थान में अच्छे कार्य करने के लिए डॉ नरेश त्रेहान द्वारा रेजीडेंट्स, तकनीशियंस, नर्सिंग स्टाफ को सम्मानित भी किया गया। जिन लोगां को सम्मान दिया गया उनमें रेजीडेंट के लिए बेस्ट डीएम स्टूडेंट इम्युनोलॉजी विभाग के डॉ सुब्रत आर्य, बेस्ट एमसीएच स्टूडेंट के लिए यूरोलॉजी विभाग के डॉ राहुल जेना तथा बेस्ट एमडी स्टूडेंट के लिए एनेस्थीसियोलॉजी की डॉ उषी किरन कौर को सम्मानित किया गया। इसी प्रकार बेस्ट टेक्नीशियन का सम्मान राजीव सक्सेना व दिनेश कुमार को तथा बेस्ट नर्सिंग का पुरस्कार सिस्टर अमरुन्निशा व ब्रदर महेश चन्द्र गुप्ता को प्रदान किया गया।
इस अवसर पर संस्थान के ब्लड ट्रांसफ्यूजन विभाग द्वारा एक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया जिसमें पीजीआई के डॉक्टर व अन्य स्टाफ ने 71 यूनिट रक्त दान दिया। संस्थान में आज पौधरोपण कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। इसके अलावा नर्सिंग स्टूडेंट्स ने एक मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। फैकल्टी ने भी कॉमेडी प्रस्तुत की।