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चौंकाने वाला सर्वे : 71 प्रतिशत भारतीय कमजोर मांसपेशियों के शिकार

दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, अहमदाबाद, लखनऊ, पटना और हैदराबाद में किया गया सर्वे

लखनऊ की स्थिति और ज्‍यादा खराब, प्रोटीन और व्‍यायाम से मजबूत होंगी मांसपेशियां

लखनऊ. मसल्‍स यानी मांसपेशियों का हेल्‍दी होना बहुत जरूरी है क्‍योंकि इसके हेल्‍दी होने से ही हम एक्टिव रह सकते हैं। लेकिन अफसोस यह है कि मांसपेशियों की हेल्‍थ की तरफ हमारा ध्‍यान ही नहीं जाता। यह सोचा जाता है कि जो लोग जिम जाते हैं या खेलते हैं, उन्‍हें ही मजबूत मांसपेशियों की जरूरत है, जबकि इसकी जरूरत सभी को है। लोग इसके प्रति लापरवाह हैं इसकी असलियत आंकड़े बयां कर रहे हैं। इन आंकड़ों के अनुसार 71 प्रतिशत भारतीय कमजोर मसल हेल्थ की परेशानी से ग्रस्त हैं। आठ शहरों में‍‍ किये गये सर्वे में सबसे खराब स्थिति लखनऊ की है। यहां 81 प्रतिशत पुरुषों और 79 प्रतिशत महिलाओं के शरीर में प्रोटीन की आवश्यकता से कम मात्रा है, जो कमजोर मसल हेल्थ का कारण है। अच्छी हेल्थी मसल केवल एक्टिव लाइफस्टाइल के लिए ही नहीं, बल्कि एक स्वस्थ जीवन के लिए आवश्यक रोजाना की शारीरिक गतिविधियों के लिए भी जरूरी है।

 

मिली जानकारी के अनुसार ग्लोबल मार्केट एंड ओपीनियन रिसर्च फर्म (आईपीएसओएस) के साथ मिलकर बॉडी कंपोजिशन एनालिसिस के क्षेत्र की अग्रणी फर्म इन बॉडी द्वारा किए गए हालिया अध्ययन के मुताबिक, भारतीयों का बड़ा हिस्सा कमजोर मसल हेल्थ की समस्या से ग्रस्त है। अध्ययन को आठ शहरों दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, अहमदाबाद, लखनऊ, पटना और हैदराबाद में किया गया था। अध्ययन में 30 से 55 साल की उम्र के 1,243 लोगों को शामिल किया गया, जिनमें वर्किंग और नॉन वर्किंग दोनों तरह के लोग थे।

 

अध्ययन के अनुसार, 71 प्रतिशत भारतीय कमजोर मसल हेल्थ की परेशानी से ग्रस्त हैं। और उन्हें इस ओर ध्‍यान देने की जरूरत है। मसल हेल्थ कमजोर होने से उन्हें मांसपेशीय गतिविधियों में परेशानी, थकान और खराब मेटाबोलिक स्वास्थ्य जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। क्षेत्रवार आंकड़ों से और भी चिंताजनक स्थिति सामने आई है।

 

आंकड़ों में पाया गया कि पुरुषों और महिलाओं दोनों के ही मामलों में सबसे खराब स्थिति लखनऊ की है। यहां 82 प्रतिशत पुरुष और 80 प्रतिशत महिलाएं कमजोर मसल हेल्थ की समस्या से ग्रस्त हैं। वहीं दिल्ली की स्थिति इस मामले में सबसे बेहतर है। यहां 64 प्रतिशत पुरुष व महिलाएं कमजोर मसल हेल्थ का शिकार हैं। 8 शहरों के सर्वेक्षण से सामने आए आंकड़ों के मुताबिक 30 से 50 साल की उम्र के 70 प्रतिशत पुरुषों व महिलाओं को मसल मास बढ़ाने की जरूरत है।

 

अध्ययन में शरीर में प्रोटीन के स्तर का भी विश्लेषण किया गया और इस मामले में भी स्थिति कमजोर मसल मास जैसी ही पाई गई। मसल हेल्थ को सुधारने में पोषण और व्यायाम की महत्वपूर्ण भूमिका पाई गई है। पोषण की बात की जाए तो मांसपेशियों की सेहत में सबसे अहम भूमिका निभाने वाला पोषक तत्व प्रोटीन है। हालिया शोध ने अच्छी मसल हेल्थ के लिए रोजाना के खानपान में प्रोटीन और व्यायाम के महत्व को रेखांकित किया है।

 

मसल मास को बनाए रखने के लिए पर्याप्त डायटरी प्रोटीन बेहद जरूरी है, क्योंकि यह जरूरी अमीनो अम्लों की उपलब्धता सुनिश्चित करता है और प्रोटीन सिंथेसिस को बढ़ाता है। डायटरी प्रोटीन और/या विशेष अमीनो एसिड का सेवन मसल प्रोटीन सिंथेसिस को बढ़ाता है और प्रोटीन ब्रेकडाउन को गति देता है, जो मसल प्रोटीन डिपोजिशन में सहायक होता है। पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन के सेवन के साथ ही मसल प्रोटीन सिंथेसिस को बढ़ाने और मसल हेल्थ को सुधारने में व्यायाम की भी अहम भूमिका होती है।

 

अध्ययन के मुताबिक, देशभर में हर 10 में से 7 व्यक्ति की मसल हेल्थ कमजोर होना बड़ी चिंता का विषय है और इस स्थिति से निपटने के लिए रास्ते तलाशना जरूरी है। मसल हेल्थ के बारे में और स्वस्थ जीवन के लिए पर्याप्त प्रोटीन के सेवन और व्यायाम की भूमिका को लेकर जागरूकता फैलाना बेहद जरूरी है।

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