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योग एवं होम्योपैथी के समन्वय से स्वस्थ जीवन जीने के तरीके बताये

-केन्द्रीय होम्योपैथी अनुसंधान संस्थान ने आयोजित की समयोग कार्यशाला

सेहत टाइम्स 
लखनऊ। भारत सरकार द्वारा मनाए जा रहे 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रमों के अनुपालन में केन्द्रीय होम्योपैथी अनुसंधान संस्थान, लखनऊ ने समयोग कार्यशाला का आयोजन 20 जून को संस्थान के परिसर में किया। इसका विषय था ‘जीवनशैली विकारों से बचाव के लिए योग- एक एकीकृत दृष्टिकोण’। कार्यक्रम में योग और होम्योपैथी के समन्वय से स्वस्थ जीवनशैली अपनाने पर प्रकाश डालते हुए अनेक रोगों के होम्योपैथिक उपचार के साथ उन रोगों से बचने के लिए योगासन सिखाया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रान्तीय प्रधान, भारतीय योग संस्थान, लखीमपुर के प्रान्तीय प्रधान नरेश चन्द्र वर्मा के साथ ही सभी वक्तागण व अधिकारियों ने द्वीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभांरभ किया। कार्यक्रम में भारतीय योग संस्थान के अनुभवी योगाचार्यों को प्रभारी अधिकारी डॉ. लिपिपुष्पा देबता ने पुष्प गुच्छ एवं अंगवस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया। नरेश चन्द्र वर्मा ने अपने सम्बोधन में स्पॉन्डिलाइटिस में योग की उपयोगिता को रेखांकित करते हुए उपयोगी योगासन प्रस्तुत किये। कार्यक्रम के प्रथम सत्र में सर्वाइकल स्पोंडिलाइटिस रोग से बचाव के लिए होम्योपैथी औषधियों की उपयोगिता पर डॉ. दिव्या वर्मा, अनुसंधान अधिकारी ने व्याख्यान प्रस्तुत किया।
दूसरे सत्र में डॉ. रेनू बाला, अनुसंधान अधिकारी ने मधुमेह रोग से बचाव व उपचार में होम्योपैथी की उपयोगिता पर विस्तार में प्रकाश डाला तथा मधुमेह से बचाव के लिए योगाचार्य सुरेश कुमार दुबे, प्रान्तीय सदस्य, भारतीय योग संस्थान, लखनऊ द्वारा प्रभावी योग क्रियाओं को सबके समक्ष दर्शाया गया।
तीसरे सत्र में कमर दर्द से बचाव व होम्योपैथिक उपचार पर डॉ. अमित श्रीवास्तव, अनुसंधान अधिकारी ने व्याख्यान प्रस्तुत किया तथा योगाचार्य शिव राम वर्मा, जिला मंत्री, भारतीय योग संस्थान, लखीमपुर ने कमर दर्द से बचाव के लिए योग क्रियाओं के बारे में विस्तार से समझाया।
अंतिम सत्र में कब्ज एवं गौटिक क्रियाओं के निदान में होम्योपैथी की भूमिका एवं प्रभावकारिता पर डॉ. अमित श्रीवास्तव, अनुसंधान अधिकारी ने व्याख्यान प्रस्तुत किया तथा योगाचार्य बेगराज सिंह, केन्द्र प्रमुख, भारतीय योग संस्थान, जानकीपुरम विस्तार, लखनऊ ने कब्ज व गौटिक क्रियाओं से मुक्ति के लिए आधुनिक जीवन शैली में बदलाव, आहार विहार व यौगिक क्रियाओं के महत्व को विस्तार से समझाया।
समापन समारोह में प्रभारी अधिकारी, डॉ. लिपिपुष्पा देबता ने सभी वक्तागणों को प्रमाण पत्र व पौधा भेंट कर सम्मानित किया। कार्यक्रम के अंत में 5 जून 2025 को विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित पोस्टर निर्माण प्रतियोगिता के विजेताओं की घोषणा की गई और उन्हें सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया गया। कार्यक्रम में अनेक चिकित्सकों, वैज्ञानिकों तथा वरिष्ठ नागरिकों ने भाग लिया। नेशनल होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज, गोमतीनगर के छात्र-छात्राओं ने इस कार्यक्रम में ऑनलाइन जुड़ कर लाभ लिया।

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