-केजीएमयू में 9 जून को बुजुर्गों के लिए आयोजित किया जा रहा योगाभ्यास का विशेष सत्र

सेहत टाइम्स
लखनऊ। 11वें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस, 2025 के अवसर पर योग सम्बन्धी कार्यक्रम की शृंखला में किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय केजीएमयू में 9 जून को वरिष्ठ नागरिकों/वृद्धजनों के मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए एक योगाभ्यास शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इसमें विख्यात प्रेरक वक्ता व ज्ञान गंगा ट्रेनिंग टेम्पल, लखनऊ के फाउंडर डायरेक्टर 96 वर्षीय निर्मल कुमार भी हिस्सा लेंगे और व्याख्यान देंगे।
केजीएमयू के मीडिया सेल द्वारा जारी विज्ञप्ति में यह जानकारी देते हुए बताया गया है कि निर्मल कुमार के साथ ही डा० अमरजीत यादव, विभागाध्यक्ष, फैकल्टी आफ योग एवं अल्टरनेटिव मेडिसिन विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ एवं प्रो० निशामणि पाण्डेय, वृद्धावस्था मानसिक स्वास्थ्य विभाग, के०जी०एम०यू० के संयुक्त तत्वाधान में इस योगाभ्यास शिविर का आयोजन किया जा रहा है। यह कार्यक्रम केजीएमयू के कलाम सेंटर भवन के कक्ष संख्या 606 में सायं 4 से 5 बजे तक आयोजित किया जायेगा।
कार्यक्रम में अलग-अलग विषयों पर व्याख्यान दिया जायेगा। निर्मल कुमार के व्याख्यान का विषय है ग्रेसफुल एजिंग : “बुढ़ापे में स्वस्थ, सफल और तनाव मुक्त जीवन के लिए मंत्र (Graceful Aging “Mantras for a Healthy, Successful, and Stress-Free Life in Old Age”)
इस मौके पर दूसरे वक्ता हैं जीटीआई के सीईओ डॉ संजीव पाण्डेय जो बुजुर्ग व्यक्तियों के लिए यौगिक फ़ूड कार्ट प्रबंधन युक्तियाँ (Yougik Food Cart management Tips for Elderly persons) विषय पर तथा केजीएमयू की डायटीशियन शालिनी श्रीवास्तव बुजुर्ग व्यक्तियों के लिए सही डायट Right Diet for Senior Citizen विषय पर वक्ततव्य देंगी। इसके बाद योग प्रशिक्षक (लखनऊ वि०वि०) बुजुर्गों को योग सिखायेंगे।


योग शिविर में वृद्धावस्था में उत्पन्न होने वाले मानसिक तनाव, अनिद्रा तथा स्वास्थ्य संबंधी विविध समस्याओं के समाधान के लिए वृद्धजनों को उपयोगी योगासनों का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा एवं योग एवं ध्यान (मेडिटेशन) के सूक्ष्म एवं वैज्ञानिक पहलुओं से भी अवगत कराया जाएगा। इस योगाभ्यास शिविर का मुख्य उद्देश्य वृद्धजनों को आत्मिक संतुलन, मानसिक शांति तथा शारीरिक सुदृढ़ता प्रदान करना है, जिससे वे सकारात्मकता, आत्मविश्वास और उत्तम स्वास्थ्य के साथ तनावमुक्त होकर सुखमय जीवन व्यतीत कर सकें।
