-ब्रेन स्टेम डेथ प्रमाणीकरण समिति का हो चुका है गठन, अब आयोजित हुई कार्यशाला

सेहत टाइम्स
लखनऊ। डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान मृतक अंग प्रत्यारोपण की सुविधा शुरू करने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। संस्थान के नेफ्रोलॉजी विभाग द्वारा 1 मार्च को मृतक अंग प्रत्यारोपण के लिए ब्रेन स्टेम डेथ का प्रमाण देने की स्थिति को समझने के लिए एक अर्ध-दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। संस्थान के निदेशक प्रो. सी.एम. सिंह ने कार्यशाला का उद्घाटन किया और संस्थान एवं राज्य में प्रत्यारोपण गतिविधियों को बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने इस संदर्भ में मृतक अंग प्रत्यारोपण की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।
संस्थान द्वारा जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि कार्यशाला में वक्ताओं के रूप में केजीएमयू से प्रो. अभिजीत चंद्रा, प्रो. हिमांशु रेड्डी और प्रो. प्रवीण शर्मा, एसजीपीजीआई से प्रो. नारायण प्रसाद, प्रो. अफजल अज़ीम और प्रो. राजेश हर्षवर्धन, तथा एम्स नागपुर से डॉ. अमोल भवाने ने भाग लिया।


विज्ञप्ति के अनुसार संस्थान में हाल ही में ब्रेन स्टेम डेथ प्रमाणन समिति का गठन और अनुमोदन किया गया है, जो संस्थान में मृतक अंग प्रत्यारोपण शुरू करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। कार्यशाला में डॉ. आरएमएलआईएमएस के न्यूरोसर्जरी, न्यूरोलॉजी, एनेस्थेसियोलॉजी और मेडिसिन विभागों के संकाय सदस्य, जो ब्रेन स्टेम डेथ प्रमाणन से जुड़े हैं, ने सक्रिय भागीदारी की।
नेफ्रोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो. अभिलाष चंद्रा ने दोहराया कि आईसीयू टीमों और ब्रेन स्टेम डेथ प्रमाणन समिति के सदस्यों की बढ़ी हुई संवेदनशीलता प्रत्यारोपण कार्यक्रम को आवश्यक गति प्रदान करेगी। कार्यक्रम की आयोजन सचिव डॉ. नम्रता राव ने बताया कि आने वाले महीनों में आईसीयू नर्सों, रेजिडेंट्स और जनजागरूकता कार्यक्रमों को शामिल करते हुए और अधिक अनुवर्ती गतिविधियों की योजना बनाई जा रही है।
उत्तर प्रदेश राज्य वर्तमान में प्रति वर्ष 1000 से अधिक राष्ट्रीय कुल मृतक अंग दाताओं की तुलना में बहुत कम योगदान दे रहा है। इस कार्यशाला का उद्देश्य बुनियादी ढांचे की चुनौतियों का समाधान करना, जन जागरूकता बढ़ाना और मजबूत नीतियों को लागू करना था, जो अंगों की मांग और उपलब्धता के बीच की खाई को पाटने के लिए आवश्यक हैं।
