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मांसपेशियों व जोड़ों के दर्द का मंत्र है पेन मैनेजमेंट एंड रीजेनरेटिव थेरेपी

-केजीएमयू में हो रही एकेडमी ऑफ पेन फिजियाट्रिस्ट की दो दिवसीय प्रथम कार्यशाला का उद्घाटन

सेहत टाइम्स

लखनऊ। विभिन्न मांसपेशियों एवं जोड़ों की समस्याएं जैसे कि ओस्टियोआर्थराइटिस, सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस, लंबर स्पॉन्डिलाइटिस, फ्रोजन शोल्डर, टेनिस एलबो इत्यादि में पेन मैनेजमेंट एंड रीजेनरेटिव थेरेपी की महत्वपूर्ण भूमिका है, ऐसे में आज के समय में पेन मैनेजमेंट एंड रीजेनरेटिव थेरेपी एक बहुत बड़ा विषय है।

यह बात किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के फिजिकल मेडिसिन एंड रिहैबिलिटेशन विभाग में एकेडमी ऑफ पेन फिजियाट्रिस्ट की दो दिवसीय प्रथम कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए मुख्य अतिथि कुलपति प्रो सोनिया नित्यानंद ने अपने सम्बोधन में कही। कार्यशाला का आयोजन 7 एवं 8 दिसंबर को किया जा रहा है। उन्होंने मांसपेशियों एवं जोड़ों की समस्याएं होने पर इसके मैनेजमेंट में पेन मैनेजमेंट एंड रीजेनरेटिव थेरेपी के महत्व को समझाते हुए उसकी उपयोगिता के संबंध में अपने विचार साझा किये। उन्होंने इस तरह की कार्यशाला का समय-समय पर आयोजन करने की सलाह दी, जिससे चिकित्सक अपडेट हो सकें। इस संबंध में कुलपति ने स्टेम सेल पर अपने पूर्व अनुभव को साझा किया जो कि सराहनीय और अद्भुत रहा।

आयोजक समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ अनिल कुमार गुप्ता ने बताया कि पेन मैनेजमेंट एंड रीजेनरेटिव थेरेपी से जहां मरीज को दर्द से राहत दी जा सकती है वहीं शुरुआती चरण में उपचार शुरू किये जाने पर मांसपेशियों को रीजेनरेट करने, क्षति को बढ़ने से रोकने में भी सफलता हासिल होती है। उन्होंने कहा कि यह कार्यशाला पेन मैनेजमेंट के क्षेत्र में एक नई शुरुआत है उन्होंने प्रतिभागियों से आग्रह किया कि वह सीखे हुए कौशल का उपयोग मरीज की सेवा व रिसर्च में करें। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य पेन मैनेजमेंट एंड रीजेनरेटिव थेरेपी में नवीनतम तकनीकी और दृष्टिकोण से सभी आगंतुक चिकित्सकों को अवगत कराना है। उन्होंने बताया कि कार्यशाला के प्रथम दिवस प्रतिभागियों ने सोनो एनाटॉमी और अल्ट्रासाऊंड गाइडेड इंटरवेंशन का प्रशिक्षण प्राप्त किया। कार्यशाला के द्वितीय दिवस 8 दिसंबर का मुख्य उद्देश्य ऑर्थोबायोलॉजिक्स अर्थात रीजेनरेटिव थेरेपी से आए हुए चिकित्सकों को अवगत कराना है।

अकैडमी ऑफ पेन फिजियाट्रिस्ट के प्रेसिडेंट डॉक्टर एसएल यादव ने संगठन के महत्व, वर्कशॉप के महत्व और संगठन के भविष्य संबंधित अपने विचार साझा किये। इस कार्यशाला में न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे भारत के विभिन्न राज्यों से लगभग 40 चिकित्सक सीखने आए और उन्हें सीखने के लिए लगभग 20 प्रशिक्षक चिकित्सक अलग-अलग राज्यों से सम्मिलित हुए।

कार्यशाला की आयोजन कमेटी के प्रमुख सदस्यों में डॉ अनिल गुप्ता अध्यक्ष, डॉक्टर दिलीप कुमार उपाध्यक्ष, डॉ सुधीर मिश्रा सचिव, डॉक्टर गणेश यादव और डॉक्टर संदीप गुप्त उप सचिव, डॉ आराधना शुक्ला वर्कशॉप संचालक शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इसके अलावा कार्यशाला के अन्य सहयोगियों में डॉ जाकिर, डॉ हर्षित, डॉ उत्कर्ष, डॉ जो एंटोनी, डॉ रूठ, डॉ नीलम, डॉ फरीद, डॉ धीरेंद्र मुख्य रूप से शामिल हैं।

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