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आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों को वैज्ञानिक परीक्षण की कसौटी कसेगा सीडीआरआई, अमेरिका तक बजेगा डंका

-9वें आयुर्वेद दिवस पर 12,850 करोड़ की आयुर्वेद परियोजनाओं का शिलान्यास, शुभारम्भ और उद्घाटन किया प्रधानमंत्री ने

-सीडीआरआई उत्कृष्टता केंद्र का पट्टिका अनावरण किया ब्रजेश पाठक ने

सेहत टाइम्स

लखनऊ। 9वें आयुर्वेद दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने सीएसआईआर केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (सीडीआरआई) लखनऊ में आयुर्वेद दिवस के अवसर प्रधानमंत्री द्वारा चार प्रतिष्ठित आयुष उत्कृष्टता केंद्रों के ऑनलाइन उद्घाटन समारोह में उपस्थित रहे। इनमें से एक उत्कृष्टता केंद्र, सीएसआईआर-केन्द्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (CSIR-CDRI) लखनऊ भी है जिसका ब्रजेश पाठक ने सीडीआरआई उत्कृष्टता केंद्र का पट्टिका अनावरण किया, जो इस केंद्र को आधिकारिक मान्यता का प्रतीक है। इस पहल से पारंपरिक चिकित्सा को आधुनिक स्वास्थ्य सेवा पद्धतियों के साथ एकीकृत करने के भारत के दृढ़ संकल्प को बल मिलेगा।

सीडीआरआई की निदेशक, डॉ. राधा रंगराजन ने ब्रजेश पाठक का स्वागत करते हुए संस्थान के आयुर्वेदिक अनुसंधान तथा नवाचार में उल्लेखनीय योगदान की जानकारी दी। कार्यक्रम में सीडीआरआई के अनुसंधान एवं आयुष प्रणाली में योगदान का परिचय दिया गया जिसमें आयुष उत्कृष्टता केंद्रों के उद्देश्यों का विवरण था। यह केंद्र पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में अनुसंधान, नवाचार, और वैज्ञानिक मान्यता को बढ़ावा देने के लिए समर्पित हैं।

सीडीआरआई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का उद्देश्य चुनिंदा जड़ी-बूटी के अर्क तथा पादप-घटकों के प्रभावों का वैज्ञानिक रूप से परीक्षण करके प्रतिरक्षा कार्यों, सूजन-रोधी प्रतिक्रियाओं, और इम्यूनोमॉड्यूलेटरी गतिविधियों का मूल्यांकन करना है, जिससे इनकी स्वीकृति सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (सीडीएससीओ) और अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (यूएस एफडीए) जैसे नियामक निकायों द्वारा मंजूरी मिल सकेगी।

प्रतिवर्ष धन्वंतरि जयंती पर मनाया जाने वाला राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस इस साल “वैश्विक स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेदिक नवाचार” की थीम के तहत आयोजित किया गया, जो वैश्विक स्वास्थ्य चुनौतियों का समाधान करने के लिए आयुर्वेद आधारित नवाचारी समाधानों की आवश्यकता को रेखांकित करता है।

इस अवसर पर, उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने भारत के प्रधानमंत्री की इस पहल का उल्लेख करते हुए कहा कि “देश का प्रकृति परीक्षण अभियान नागरिकों में स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ाने पर केंद्रित है। उन्होंने आगे कहा कि इन उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना आधुनिक स्वास्थ्य सेवा में आयुर्वेद की भूमिका को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे पारंपरिक चिकित्सा का लाभ व्यापक वैश्विक समुदाय को मिल सकेगा।

ब्रजेश पाठक ने सीडीआरआई की अत्याधुनिक प्रयोगशाला सुविधाओं का दौरा भी किया, जहां आयुर्वेदिक पद्धतियों की प्रभावकारिता और अनुप्रयोग में सुधार के लिए किए जा रहे उन्नत अनुसंधान को प्रत्यक्ष रूप से देखा।
आयुर्वेद दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री ने चार आयुष उत्कृष्टता केंद्रों का शुभारंभ किया, जिनमें केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान, लखनऊ में आयुर्वेद में मौलिक और अनुवादात्मक अनुसंधान के लिए उत्कृष्टता केंद्र; भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु में मधुमेह और चयापचय विकारों के लिए उत्कृष्टता केंद्र; आईआईटी दिल्ली में रसायन चिकित्सीय स्थायी आयुष के लिए उत्कृष्टता केंद्र; और जेएनयू, नई दिल्ली में आयुर्वेद और सिस्टम्स मेडिसिन पर उत्कृष्टता केंद्र शामिल हैं।

मुख्य कार्यक्रम आज दोपहर 12:30 बजे अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए), नई दिल्ली में आयोजित किया गया, जहां धन्वंतरि जयंती और 9वें आयुर्वेद दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वास्थ्य क्षेत्र से संबंधित कई परियोजनाओं का उद्घाटन, शुभारंभ और शिलान्यास किया, जिनकी कुल लागत लगभग 12,850 करोड़ रुपये है। प्रधानमंत्री का निरंतर प्रयास रहा है कि पूरे देश में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा सकें।

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